घुमंतू समाज हमारी सांस्कृतिक विरासत का रक्षक: डॉ. सोडानी

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घुमंतू समाज के छात्रावास का शुभारंभ समारोह

कोटा। प्रांतीय सेवा भारती समिति चित्तौड़ कोटा के सानिध्य में रविवार को महावीर नगर प्रथम में घुमंतू समाज के छात्रावास का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश सोडानी थे। अध्यक्षता समाजसेवी गोविंद नारायण अग्रवाल ने की।

संबोधित करते हुए डॉ. कैलाश सोढाणी ने कहा कि घुमंतू समाज हमारी सांस्कृतिक विरासत का रक्षक रहा है। जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रीयता से ओतप्रोत इस समाज को षडयंत्रपूर्वक अंग्रेजों ने अपराधी घोषित कर दिया। आज फिर से इस समाज को मुख्य धारा में लाकर देश से जोड़ने की आवश्यकता है। आज घुमंतू समाज मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस प्रकार का छात्रावास इस समाज के बालकों को राष्ट्रीयता और संस्कारयुक्त शिक्षा देने में सहयोगी होगा।

समाजसेवी गोविन्दनारायण अग्रवाल ने कहा कि छात्रावास में घुमंतू समाज के बालकों की पढ़ाई, आवास, भोजन एवं सर्वांगीण विकास का कार्य होगा। बालकों को देशोपयोगी बनाने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए धन की कोई कमी नहीं आएगी।

घुमंतू छात्रावास समिति के संरक्षक अरविंद गोयल एवं अध्यक्ष गणपत लाल शर्मा ने अतिथियों एवं छात्रावास में आर्थिक सहयोग करने वाले भामाशाहों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि घुमंतू छात्रावास शिक्षा, संस्कार, सृजन, समर्पण का कार्य करेगा। समिति अध्यक्ष गणपत लाल शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर संघ के महानगर संघचालक गोपाल जी गर्ग, विमल जैन, यशवंत शर्मा, संतोष यादव, गौरीशंकर, देवेंद्र चौधरी, सत्यनारायण पांचाल, भूपेंद्र जैन समेत छात्रावास में आर्थिक सहयोग करने वाली संस्था विद्या भारती, भारत विकास परिषद, बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रतिनिधि तथा अन्य भामाशाह उपस्थित रहे।

कौशल विकास का केंद्र भी रहेगा छात्रावास
घुमंतू छात्रावास समिति के मंत्री पवन सिंह ने बताया कि कोटा, बूंदी, रामगंजमंडी, रावतभाटा से आए हुए घुमंतू समाज के बालकों को स्कूली शिक्षा के साथ व्यवहारिक ज्ञान एवं कौशल विकास की दृष्टि से सुदृढ़ किया जाएगा। ताकि भविष्य में यह बालक आत्मनिर्भर बन स्वरोजगार से जुड़े। छात्रावास में 9 से 14 वर्ष के बालकों को प्रवेश दिया गया है। यहां 40 बालकों के रहने की व्यवस्था है। छात्रावास में आवास, भोजन और अध्ययन की निशुल्क व्यवस्था की गई है। बच्चों को निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा।