हमारे ऐतिहासिक दस्तावेज हैं वंशावली बहियां: ऊर्जा मंत्री नागर

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अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन संस्थान का स्थापना दिवस एवं प्रतिभा सम्मान समारोह

कोटा। वंशावली लेखन हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही गौरवशाली परंपरा है। वंशावली बहियां भी हमारे हिंदू धर्म ग्रंथों के समान ही श्रद्धा और विश्वास की प्रतीक हैं। यह बात ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने रविवार को एक गार्डन में कही। वे अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन संस्थान के स्थापना दिवस एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान समाज की प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया।

मंत्री नागर ने कहा कि आज इस वंशावली को लिखने वाले लेखक की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण यह परम्परा विलुप्त होने की कगार पर है। इन लेखकों को आर्थिक और सामाजिक रूप से संरक्षण की जरूरत है। वंशावली बहियों से हम हमारे गौरवशाली अतीत को याद कर सकते हैं।

नागर ने कहा कि इन बहियों से हमें जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा मिलती है। हमारे पूर्वजों का इतिहास समझने में सहयोग मिलता है। ये बहियां हमारे ऐतिहासिक दस्तावेज के रुप में संग्रहीत होनी चाहिए। इनसे हमारी उत्पत्ति, हमारी भौगोलिक स्थिति इन सबकी जानकारी मिल सकती है। आज इस वंशावली लेखन को वैज्ञानिक पद्धति से करने की जरूरत है, ताकि यह एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में दर्ज हो सके।

कार्यक्रम में धर्म जागरण विभाग के राष्ट्रीय संयोजक सत्यम राव, संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमेश्वर भट्ट, धर्म जागरण विभाग के संयोजक बाबूलाल सुमन, समाजसेवी गोविंद नारायण अग्रवाल, संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव बाबूलाल भाट, अनिल जैन, अजयपाल शर्मा, सुमर सिंह हाडा, ओम प्रकाश स्वामी, मनोज राठौर, राजकुमार शर्मा समेत कई लोग मौजूद रहे।