केजरीवाल का सरेंडर के बाद अब ED के सवालों से सामना, कोर्ट ने रिमांड पर भेजा

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नई दिल्ली। Kejriwal surrender: तिहाड़ जेल में सरेंडर करने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कोर्ट में पेशी हुई। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की पेशी हुई। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कस्टडी मांगी थी। इसे लेकर केजरीवाल की तिहाड़ जेल के अंदर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई।

ड्यूटी जज संजीव अग्रवाल ने इस मामले में सुनवाई की है। ईडी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को आरोपी बनाया गया है इसलिए हम कस्टडी की गुहार लगा रहे हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 5 जून तक के लिए केजरीवाल को ईडी की कस्टडी में भेजा है। अब इसके बाद शराब घोटाले में सीएम केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय के सवालों का सामना करना होगा।

अदालत ने इस बात पर गौर किया अरविंद केजरीवाल को रिमांड पर लेने के लिए ईडी ने हाल ही में याचिका लगाई थी। चूकी केजरीवाल अंतरिम जमानत पर थे इसलिए जांच एजेंसी की याचिका पेंडिंग थी। केजरीवाल की पेशी के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में ड्यूटी जज ने ईडी की याचिका पर सुनवाई की है। जिसके बाद जज ने उन्हें 5 जून तक ईडी की रिमांड पर भेजे जाने का फैसला सुनाया।

ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के चर्चित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में गिरफ्तार किया है। अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी और वो चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आए थे। अंतरिम जमानत की मियाद पूरी होने के बाद केजरीवाल ने अदालत में सरेंडर किया। अरविंद केजरीवाल को जेल तक छोड़ने उनकी पत्नी सुनीता केजरीवालऔर बेटी हर्षिता भी गई थीं। केजरीवाल के तिहाड़ जेल में जाने के बाद दोनों वहां से लौट आए।

तिहाड़ जेल में सरेंडर करने से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल राजघाट गए। यहां उन्होंने राष्ट्रपित महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वो आम आदमी पार्टी के कार्यालय में भी गए। यहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिना सबूत ही उन्हें जेल में डाला गया है।

केजरीवाल ने कहा कि वो सरेंडर करने जा रहे हैं और इसके बाद पता नहीं उनके साथ क्या होगा। केजरीवाल ने कहा कि वो इसलिए जेल नहीं जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है बल्कि वो जेल इसलिए जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई थी।