घटे भावों पर निर्यातकों की मांग से जीरा, मेथी के भाव बढ़े, हल्दी में व्यापार सीमित

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नई दिल्ली। जीरा कीमतों में आज भी तेजी रही। घटे भावों पर निर्यातकों के अलावा लोकल मांग में भी वृद्धि होने के कारण जीरे के भाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।

आज भी उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर जीरा के क्वालिटीनुसार भाव 500/1000 रुपए प्रति क्विंटल तेजी के साथ बोले गए हैं। वायदा बाजार में भी पूरे सत्र के दौरान कीमतें तेजी के साथ बोली गई मगर बंद होते समय जून का भाव 260 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है जबकि मई माह का भाव 200 रुपए तेजी के साथ बंद हुआ है।

सूत्रों का कहना है कि लगातार बढ़ती कीमतों के कारण बाजार में मुनाफावसूली बिकवाली आने की संभावना है  जिस कारण आगामी दिनों में भाव कुछ घट सकते हैं लेकिन अधिक नहीं। क्योंकि अधिक पैदावार के कारण भाव अपने न्यूनतम स्तर पर चल रहे हैं।

मेथी की कीमतों में तेजी : विगत कुछ समय से मेथी की कीमतों में तेजी का दौर बना हुआ है और चालू माह के दौरान अभी तक कीमतों में 400/500 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई है और अभी भी बाजार में धारणा मजबूती की बनी हुई है

क्योंकि बाजार में निर्यातकों के अलावा लोकल में भी वृद्धि दर्ज की गई है। सूत्रों का मानना है कि आगामी दिनों में भी अचार डालने वालों की मांग अच्छी रहेगी। जिस कारण से अभी भाव ओर बढ़ने की संभावना है। LEN DEN NEWS ने अपने पाठकों को 15 अप्रैल- 2024 को सलाह दी थी कि वर्तमान भावों पर मेथी का स्टॉक करना लाभ का सौदा रहेगा।

उस समय मंडियों में एवरेज क्वालिटी मेथी का भाव 5000/5500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था जोकि वर्तमान में बढ़कर 5500/6000 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। वर्तमान हालात को देखते हुए अभी भी बाजार में 400/500 रुपए प्रति क्विंटल तेजी बनने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।

उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई घटने के कारण चालू सीजन के दौरान मेथी की पैदावार गत वर्ष की तुलना में कम रही है। सूत्रों का मानना है कि इस वर्ष देश में मेथी का उत्पादन 16/17 लाख क्विंटल होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। जबकि गत वर्ष पैदावार 18/20 लाख क्विंटल की रही थी।

हल्दी में व्यापार सीमित: वर्तमान में हल्दी में व्यापार सीमित रह गया है क्योंकि गत दिनों आई तेजी के पश्चात हल्दी में मुनाफावसूली बिकवाली बढ़ गई है जबकि हाजिर में मांग कम रह गई है।

जिस कारण से विगत 8/10 दिनों के दौरान हल्दी की कीमतों में 300/400 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की जा चुकी है और अभी भाव ओर घटने की संभावना है। क्योंकि वायदा बाजार में भाव लगातार गिर रहे हैं। आज भी वायदा बाजार में अप्रैल माह की हल्दी 360 रुपए एवं जून की 418 रुपए मंदे के साथ बंद हुई है।

सूत्रों का कहना है कि भाव ऊंचे होने के कारण आगामी सीजन के लिए उत्पादक केन्द्रों पर हल्दी की बिजाई का क्षेत्रफल आवश्यक ही बढ़ेगा। लेकिन नई फसल दिसम्बर जनवरी माह में आने के कारण हल्दी की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है। क्योंकि चालू सीजन के दौरान हल्दी का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम रहा है। उत्पादक केन्द्रों पर आवक भी घटने लगी है।