इंदौर। दक्षिण-पूर्वी एशिया, बांग्ला देश एवं ईरान आदि में अच्छी मांग के सहारे इस बार भारतीय सोयामील के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के नवीनतम आंकड़े से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन के शुरूआती सात महीनों में यानी अक्टूबर 2023 से अप्रैल 2024 के दौरान देश से सोयामील का निर्यात बढ़कर 15.23 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले सीजन की समान अवधि के शिपमेंट 14 लाख टन से करीब 8.8 प्रतिशत अधिक है।
इस अवधि के दौरान सोयामील के उत्पादन में थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई मगर खाद्य उद्देश्य एवं पशु आहार निर्माण उद्योग में इसकी मांग कुछ कमजोर रही। मंडियों में सोयाबीन की आवक नियमित रूप से जारी है।
सोपा की रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2023 से परिल 2024 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर 60.76 लाख टन सोयामील का उत्पादन हुआ जो 2022-23 सीजन की इसी अवधि के उत्पादन 60.26 लाख टन से 50 हजार टन अधिक रहा। स्वदेशी पशु आहार निर्माण उद्योग में इसकी मांग 41.05 लाख टन से घटकर 40 लाख टन तथा खाद्य उद्देश्य में इसकी खपत 5.75 लाख टन से गिरकर 4.95 लाख टन पर सिमट गई।
रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 से अप्रैल 2024 के दौरान उत्पादक राज्यों की मंडियों में कुल मिलाकर 82 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई जो 2022-23 सीजन के इन्हीं महीनों की आवक 84 लाख टन से 2 लाख टन कम रही।
लेकिन समीक्षाधीन अवधि के दौरान इसकी क्रशिंग 75.50 लाख टन से बढ़कर 77 लाख टन पर पहुंच गई। इसी तरह सोयाबीन की सीधी खपत भी 2.85 लाख टन से बढ़कर 3.10 लाख टन हो गई।
सोया के मुताबिक 1 मई 2024 को प्लांटों, व्यापारियों-स्टॉकिस्टों एवं उत्पादकों के पास कुल मिलाकर 55.41 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक मौजूद था जबकि 1 मई 2023 को इसकी मात्रा 61.04 लाख टन दर्ज की गई थी। सोया ने 2023-24 के पूरे सीजन में सोयाबीन का आयात बढ़कर 6 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।