पोस्तदाना में तेजी की संभावना नहीं, छोटी इलायची में व्यापार कम, लालमिर्च में गिरावट

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नई दिल्ली। पोस्तदाना की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि चालू सीजन के लिए उत्पादक केन्द्रों पर किसानों को सरकार अफीम की खेती के लिए 20/25 प्रतिशत अधिक बिजाई के लिए पट्टे दिए थे।

इसके अलावा बिजाई के पश्चात मौसम की फसल के अनुकूल रहा जिस कारण से मार्च माह में आने वाली फसल गत वर्ष की तुलना में अधिक आने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में पोस्ता का हाजिर व्यापार कमजोर बना हुआ है भाव भी पूर्व स्तर बोले जा रहे है।

व्यापारियों का कहना है कि नई फसल आने तक बाजार 5/10 रुपए प्रति किलो का मंदा तेजी बना रहेगा। लेकिन नए मालों की आवक शुरू के पश्चात कीमतों में गिरावट आएगी।

छोटी इलायची में व्यापार कम: विगत कुछ समय से छोटी इलायची में व्यापार कम चल रहा। क्योंकि निर्यातकों के अलावा लोकल मांग भी कमजोर बनी हुई है। वर्तमान हालत को देखते हुए हाल-फिलहाल अधिक तेजी की संभावना भी नहीं है।

उत्पादक केन्द्रों पर आज हुई कार्डमम प्लांटर्स एसो० संदमपारा नीलामी में 16593 किलो की आवक हुई माल कम आने के कारण 16593 किलो का व्यापार हुआ। नीलामी में अधिकतम भाव 1860 रुपए एवं एवरेज भाव 1495 रुपए प्रति किलो बोल गए। दिल्ली बाजार में छोटी इलायची के भाव अपने पूर्व स्तर पर दबे रहे।

लालमिर्च की कीमतों में गिरावट : लालमिर्च की कीमतों में गिरावट रही। सूत्रों का कहना है कि निर्यातकों की लिवाली कमजोर पड़ जाने एवं मंडियों में नये मालों की आवक अच्छी होने के कारण गुंटूर मंडी में तेजा क्वालिटी का भाव 500 रुपए मंदे के साथ 21000 रुपए पर बोला जाने लगा है।

जबकि आवक 90 हजार बोरी की रही। खम्मम मंडी में भी तेजा का भाव 400 रुपए मंदे के साथ बोला गया। आवक 60/65 हजार बोरी की रही। हैदराबाद एवं वारंगल मंडी में भी लालमिर्च के भाव मंदे के साथ बोले गए।

सूत्रों का कहना है कि निर्यातकों की सीमित मांग रह जाने के कारण अभी कीमतों में ओर मंदा संभव है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष देश में लालमिर्च का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक माना जा रहा है। मगर प्रतिकूल मौसम के चलते क्वालिटी प्रभावित हुई है। जिस कारण से आगामी दिनों में अच्छी क्वालिटी के मालों की कमी रहेगी।