बच्चों में मिट्टी से ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है -डॉ. नीलम

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संतुलित आहार चेतना कार्यक्रम को सम्बोधित करतीं आहार विशेषज्ञ डॉ. नीलम खण्डेलवाल।

षडयंत्र के तहत प्रोटीन के नाम से सोयाबीन हमारे घरों में घुसा दिया गया

कोटा। आहार विशेषज्ञ एवं क्लीनिकल न्यूट्रिशियन डॉ. नीलम खण्डेलवाल ने कहा है कि बच्चों को मिट्टी में खेलने से नहीं रोकना चाहिए।  क्योंकि, मिट्टी से ही उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।

डॉ. खण्डेलवाल शनिवार को विवेकानंद नगर में मां भारती स्कूल में टीचर्स को संबोधित कर रहीं थी। संतुलित आहार चेतना कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि किस प्रकार रिफाइंड ऑयल ने हमें गाय के घी में व्याप्त पोषक तत्वों से दूर कर दिया। एक षडयंत्र के तहत प्रोटीन के नाम से सोयाबीन हमारे घरों में घुसा दिया गया। इसे तुरंत छोड़ देना चाहिए।

उन्होंने खाने पीने के तौर तरीकों में अनुशासन का महत्व बताया और कहा कि खान पान के असंतुलन से ही मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह आदि ने पैर पसार लिए है। स्वस्थ रहने का मूल मंत्र है कि कम खाओ और पचाओ। ये रोग पास भी नहीं फटकेंगे। हल्का भोजन अपने में ही औषधि का काम करता है ।

आधुनिक जीवन शैली के नाम पर अनेक रोग पनप रहे हैं जिन्हे खान पान की जागरूकता से ही जीता जा सकता है। उन्होंने गलत तरीके से किए गए उपवास और व्रतों के प्रति नजरिया बदलने की बात कही। नेचुरल शुगर शरीर के लिए आवश्यक है ।

कार्यक्रम में मौजूद महापौर एवं मां भारती एजुकेशन ग्रुप के चेयरमेन महेश विजय ने कहा कि तनाव प्रबंधन से अनेक रोगों पर विजय पाई जा सकती है। कोई गलत काम होने से तनाव होता है। लेकिन, सॉरी बोलने से तनाव कम हो जाता है।

स्कूल की प्राचार्य पूर्णिमा ने डॉ. खण्डेलवाल एवं महापौर महेश विजय का स्वागत किया। रविवार को प्रातः 8.30 बाल विद्यालय बारां रोड़ पर डॉ. खण्डेलवाल का व्याख्यान होगा।