हंगामे के बीच लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, शीत सत्र का एक दिन पहले ही समापन

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इस सत्र में कार्य उत्पादकता करीब 74 प्रतिशत रही, 18 सरकारी विधेयक पारित

नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसी के साथ संसद का शीतकालीन सत्र का एक दिन पहले ही समाप्त हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी घोषणा की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे।

सत्र की शुरुआत गत चार दिसंबर को हुई थी और तय कार्यक्रम के अनुसार 22 दिसंबर तक इसका संचालन होना था। सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किये जाते समय सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और कई केंद्रीय मंत्री तथा कई राजनीतिक दलों के नेता मौजूद रहे।

विपक्ष की तरफ की दीर्घा काफी हद तक खाली रही क्योंकि आसन की अवमानना के आरोप में सदन से कुल 100 विपक्षी सदस्यों को इस सत्र में निलंबित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को बताया कि इस सत्र में कार्य उत्पादकता करीब 74 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा, ”इस सत्र में 14 बैठकें हुईं जो 61 घंटे 50 मिनट तक चलीं। इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए। कुल 18 सरकारी विधेयक चर्चा के बाद पारित किए गए।”

लोकसभा ने 12 दिसंबर को चालू वित्त वर्ष में 58,378 करोड़ रुपये के शुद्ध अतिरिक्त व्यय को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें एक बड़ा हिस्सा मनरेगा योजना और उर्वरकों के लिए सब्सिडी पर दिया जाएगा। बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान स्थायी समितियों के 35 प्रतिवेदन पेश किए गए।

इस सत्र में लोकसभा ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को भी मंजूरी दी। ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाये गए हैं।

सदन ने केंद्रीय माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023; दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2023; दूरसंचार विधेयक, 2023 और कुछ अन्य विधेयकों को मंजूरी प्रदान की।

सत्र के दौरान 13 दिसंबर को दो व्यक्ति लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने धुंआ फैला दिया था। इस मामले को लेकर विपक्ष ने भारी हंगामा किया। इस मुद्दे को लेकर हंगामे के चलते अलग-अलग दिन कुल 100 विपक्षी सदस्यों को इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।