नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म रिलीज से जुड़े मामले में दखल देने से मना कर दिया है।
आपको बता दें कि विवादों में चल रही संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म पद्मावती का मामला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में रानी पद्मावती का चरित्र हनन किया गया है।याचिकाकर्ता ने फिल्म से आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने की अपील की थी।
वकील एमएल शर्मा ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष उल्लेख करते हुए याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था। इस पर पीठ ने कहा था कि वह इस पर विचार करेंगे।
याचिका में कहा गया था कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसमें अलाउद्दीन खिलजी को रानी पद्मावती के साथ रोमांस करते और दरबार में नाचते दिखाया गया है जबकि सच्चाई है कि पद्मावती ने खिलजी के सामने समर्पण करने की बजाए जौहर का मार्ग चुनना बेहतर समझा।
याचिका में कहा गया है कि जिस पद्मावती ने अपनी इज्जत और सम्मान के लिए जौहर को चुनना बेहतर समझा, उसी पद्मावती का फिल्म में चरित्र हनन किया जा रहा है।
संविधान के अनुच्छेद-21 में कहीं भी फिल्म या मौखिक व लिखित तौर पर किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी गई है।
लिहाजा फिल्म से जुड़े लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
मध्य प्रदेश में बैन की ‘पद्मावती’
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगा दिया है।
राजपूत समाज के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने सोमवार को ऐलान किया कि राज्य में फिल्म ‘पद्मावती’ रिलीज नहीं होगी। इसी के साथ उन्होंने पद्मावति को ‘राष्ट्रमाता’ कहकर पुकारा।