नई दिल्ली। शेयर बाजार के लिए अक्टूबर का पहला हफ्ता काफी अहम रहने वाला है। आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के साथ-साथ दूसरी तिमाही के नतीजे, ऑटो बिक्री के आंकड़े, वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव, विदेशी फंड का इनफ्लो और कच्चे तेल की कीमत आदि पर निवेशकों की निगाहें होंगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली एमपीसी की बैठक 4 अक्टूबर से लेकर 6 अक्टूबर तक चलेगी। शुक्रवार को इसके फैसले का एलान किया जा सकता है। स्वास्तिका इन्वेटमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ तकनीकी एनालिस्ट, प्रवेश गौर का कहना है कि वैश्विक बाजारों में निवेशकों का फोसक अमेरिका में शटडाउन की डेडलाइन, यूएस बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स पर होगा। ये बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। अमेरिका में सितंबर का मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का पीएमआई डेटा 2 अक्टूबर और 4 अक्टूबर को आना है।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, अरविंद सिंह नंदा का कहना है कि यूस में बॉन्ड यील्ड 2007 के बाद पहली बार 4.5 प्रतिशत के ऊपर निकल गई है। यूएस का बड़ा राजकोषिय घाटा, जॉबलैस क्लेम में गिरावट और महंगाई के डेटा पर निगाह रखनी होगी।
शुक्रवार के सत्र में भारतीय शेयर बाजार में खरीदारी देखने को मिली थी। बैंक और मेटल स्टॉक्स में खरीदारी हुई थी। इस कारण निफ्टी 115 अंक या 0.59 प्रतिशत बढ़कर 19,638.30 अंक और सेंसेक्स 320 अंक या 0.49 प्रतिशत बढ़कर 65,828.41 अंक पर पहुंच गया है।
हालांकि, साप्ताहिक आधार पर बाजार में पिछले हफ्ते गिरावट देखी गई है। सेंसेक्स 180.74 अंक या 0.27 प्रतिशत और निफ्टी 35.95 अंक या 0.18 प्रतिशत गिरा है। रियल्टी और फार्मा इंडेक्स बढ़े हैं, जबकि आईटी और मीडिया में गिरावट हुई है।