सेंसेक्स तीन दिन में 1600 अंक टूटा, निवेशकों के 5.4 लाख करोड़ डूबे

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नई दिल्ली। Share Market Crash: शेयर बाजार में इस हफ्ते हाहाकार मचा हुआ है। आलम ये है कि सिर्फ तीन कारोबारी दिन में सेंसेक्स 1600 अंक टूट चुका है। इस वजह से दलाल स्ट्रीट के निवेशक लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेल रहे हैं।

सोमवार को सेंसेक्स 242 अंक, बुधवार को 796 अंक और गुरुवार को 570 अंक से अधिक टूट गया, जिससे इस सप्ताह कुल नुकसान 1,608 अंक का है। आपको बता दें कि गणेश चतुर्थी उत्सव की वजह से मंगलवार को बाजार बंद था। इस बीच, बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैपिटल भी गिरकर 318 लाख करोड़ रुपये हो गया है। बहरहाल, आइए समझते हैं कि बाजार में इस हाहाकार की वजह क्या है।

फेड रिजर्व के संकेत: बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संकेत हैं। इस बार की बैठक में फेड रिजर्व ने ब्याज दर में बढ़ोतरी का विकल्प नहीं चुना है लेकिन इस साल एक और बढ़ोतरी के संकेत जरूर दिए हैं। फेड रिजर्व का अनुमान है कि इस साल 25 बेसिस प्वाइंट, साल 2024 में 50 बेसिस प्वाइंट की दर से कटौती हो सकती है। इस वजह से निवेशक मंदी की आशंका जाहिर कर रहे हैं और ताबड़तोड़ शेयर बेचकर बाजार से निकल रहे हैं। बता दें कि अमेरिका में मुद्रास्फीति अभी भी ऊंची है। इसे काबू में लाने के लिए यूएस फेड लगातार ब्याज दर बढ़ा रहा है।

बॉन्ड यील्ड और डॉलर: दो साल के अमेरिकी ट्रेजरी नोट्स पर यील्ड 17 साल के उच्चतम स्तर 5.1970% पर पहुंच गई, जबकि 10 साल की यील्ड बढ़कर 4.4310% हो गई, जो 16 साल का नया शिखर है। यह इक्विटी कीमतों के लिए नकारात्मक है। वहीं, डॉलर इंडेक्स की मजबूती की वजह से भी भारत में बिकवाली बढ़ी है। गुरुवार को डॉलर इंडेक्स 105.59 तक बढ़ गया, जो 9 मार्च के बाद से सबसे मजबूत है।

कच्चे तेल की कीमतें: वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें एक खास तरह के निवेशकों की टेंशन बढ़ा दी है। विश्लेषकों का अनुमान है कि कच्चे तेल की दरें जल्द ही 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को छू सकती हैं। एक मजबूत डॉलर आम तौर पर अन्य मुद्राओं का उपयोग करने वाले खरीदारों के लिए तेल जैसी वस्तुओं को अधिक महंगा बना देता है।

मुनाफावसूली: बीते कई दिनों की तेजी के बाद अब बाजार मूनाफावसूली के मूड में नजर आ रहा है। निवेशक दांव लगाए शेयर पर मुनाफा कमाकर निकल रहे हैं। वहीं, लगातार छह महीनों तक भारतीय शेयरों पर पैसा खर्च करने के बाद एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) सितंबर में बिकवाली की होड़ में हैं। डेटा से पता चलता है कि एफआईआई सितंबर महीने में अब तक 5,213 करोड़ रुपये के विक्रेता रहे हैं।

कनाडा की टेंशन: भारत और कनाडा के बीच के तनाव का असर भी बाजार पर पड़ रहा है। बाजार में कई ऐसे शेयर हैं जिन पर कनाडा के निवेश फंड का दांव है, उसमें से ज्यादातर बिकवाली मोड में हैं।