डीमर्जर के बाद जियो फाइनेंशियल बनी 20 अरब डॉलर की कंपनी

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नई दिल्ली। जियो फाइनैंशल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) गुरुवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हो गई है। मुकेश अंबानी की इस फाइनैंशल सर्विस कंपनी का डीमर्जर से पहले NSE ने स्पेशल प्री-ओपेन सेशन आयोजित किया। इस दौरान जियो फाइनैंशल की प्राइस डिस्कवरी हुई और इसका शेयर प्राइस 261.85 रुपये फिक्स होने के बाद इसकी वैल्यू 20 अरब डॉलर से अधिक आंकी गई है।

यह वैल्यूएशन कंपनी को अडानी समूह की कंपनियों, कोल इंडिया और इंडियन ऑयल से भी आगे खड़ा कर देता है। मार्केट में डीमर्जर होते ही कंपनी का शेयर प्राइस विश्लेषकों की उम्मीद से कहीं ज्यादा ही उछल गया। JFS के शेयर की कीमत विश्लेषकों के अनुमान 160-190 रुपये से कहीं ज्यादा है।

शेयर होल्डर्स को उनके पास मौजूद प्रत्येक रिलायंस शेयर पर एक JFS का शेयर मिलेगा। इसे Nifty 50 सहित प्रमुख भारतीय Index में शामिल किया जाएगा, लेकिन लिस्टिंग होने तक ट्रेड नहीं होगा। मतलब JFSL के शेयर कारोबार के लिए निकट भविष्य में उपलब्ध होंगे।

ऐसे तय हुआ शेयर का मूल्य
बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के बंद भाव 2,841.85 रुपये और गुरुवार को बाजार में नियमित कारोबार शुरू होने के पहले आयोजित एक घंटे के विशेष सत्र के अंत में रहे 2,580 रुपये के भाव के अंतर यानी 261.85 रुपये कंपनी के शेयर का मूल्य तय किया गया है। इस आधार पर JFSL इस आधार पर जेएफएसएल के शेयरों का कुल मूल्य 1,66,000 करोड़ रुपये यानी 20 अरब डॉलर से अधिक होगा।

देश की 32वीं मूल्यवान कंपनी होगी
इस मार्केट कैप के साथ जियो फाइनैंशल सर्विसेज मार्केट कैप के हिसाब से देश की 32वीं मूल्यवान कंपनी बन जाएगी। इस तरह वह अडाणी पोर्ट्स, अडाणी ग्रीन, टाटा स्टील, कोल इंडिया, HDFC लाइफ, इंडियन ऑयल और बजाज ऑटो को भी पीछे छोड़ देगी। JFS के पास रिलायंस के लगभग एक लाख करोड़ रुपये के ट्रेजरी शेयर भी हैं। इक्विनॉमिक्स के रिसर्च हेड जी चोकालिंगम ने एक न्यूज रिपोर्ट में बताया, ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज भी यहां से काफी तेजी से आगे बढ़ेगी क्योंकि JFS अनलॉकिंग अभी शुरुआत है और शेयरधारकों को भी इससे काफी फायदा होगा क्योंकि रिटेल और टेलीकॉम के ग्रोथ के लिए कई अवसर होंगे। इन वजहों से निवेशकों को बहुत विश्वास मिला है।’