महिला शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे मज़बूत रास्ता: लोक सभा अध्यक्ष

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जयपुर। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को IIS यूनिवर्सिटी के 10वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित किया। इस अवसर पर श्री बिरला ने उत्तीर्ण हुई सभी छात्राओं को बधाई दी।

श्री बिरला ने IIS विश्वविद्यालय के संस्थापकों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने देश में महिला शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान की स्थापना की है जो बेटियों के लिए अच्छी शिक्षा और संस्कार के प्रति समर्पित है। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि इस संस्थान से उत्तीर्ण छात्राओं ने राष्ट्र निर्माण के अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं जिसमे न केवल इस संस्थान का नाम गौरवान्वित हुआ है बल्कि व्यापक सामाजिक हितों को भी साधा गया है।

भारत के गौरवशाली इतिहास और परम्पराओं को प्रेरणास्रोत बताते हुए श्री बिरला ने स्मरण किया कि महात्मा ज्योतिबा फुले तथा सावित्री बाई फुले ने महिला शिक्षा, स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसका लाभ देश को आज तक मिल रहा है।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि डॉ कलाम का जीवनवृत्त, उनकी लगन, परिश्रम और कार्य सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने IIS विश्वविद्यालय के प्रयासों को इस दिशा में सार्थक कदम बताया।

भारत के लोकतंत्र की 75 वर्ष की यात्रा के सन्दर्भ में श्री बिरला ने कहा कि इस कालखंड में देश ने कई कीर्तिमान हासिल किए है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को समानता, शिक्षा, मतदान, व्यक्तिगत एवं धार्मिक स्वतंत्रता समेत कई अधिकार देता है।

श्री बिरला ने ज़ोर देकर कहा कि विविधता लोकतंत्र की ताकत है। भारत की संवैधानिक यात्रा का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने बताया कि विश्व के कई प्रगतिशील देशों में महिलाओं को मताधिकार बहुत बाद में मिला, लेकिन भारत के संविधान ने यह अधिकार महिलाओं पहले दिन से ही दिया। इस उपलब्धि का श्रेय श्री बिरला ने संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता एवं संवेदना को दिया।

समाज में संस्कारों की अनिवार्यता का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने याद किया कि अनादि काल से भारत में देवी पूजा की प्रथा रही है। यह विचार व्यक्त करते हुए कि महिलाएं परिवार, समाज और पूरे देश को जोड़े रखने में बहुत बड़ा योगदान देती हैं उन्होंने कहा कि 75 वर्षों की इस यात्रा में भारत की बेटियां और महिलाएं देश की सबसे बड़ी ताकत बन के उभरी हैं।

आजादी की लड़ाई में महिलाओं के योगदान से लेकर नए भारत में महिलाओं की ऊंची उड़ान की सराहना करते हुए श्री बिरला ने कहा कि आज के बदलते परिपेक्ष्य में भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में नेतृत्व दे रही हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसा कोई क्षेत्र नही है जहां महिलाएं नेतृत्व नही कर रहीं है। श्री बिरला ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि आज राजनितिक क्षेत्र में महिलाएं शिखर तक पहुंची हैं, और राष्ट्रपति, वित्त मंत्री, समेत कई उच्च पदों पर आसीन महिलाएं नेतृत्व दे रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि आज की नारी टेक्नोलॉजी, प्रशासन, सैन्य सुरक्षा, व्यापार, नवाचार, शोध आदि हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहीं हैं। संसदीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा आयोजित केन्द्रीय सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने बताया कि आज के समय में इन सेवाओं में महिला अधिकारियों की बड़ी संख्या बहुत अच्छा संकेत है जिस पर पूरे देश को गर्व है।

महिला शिक्षा को सशक्तिकरण का सबसे मज़बूत रास्ता बताते हुए श्री बिरला ने कहा कि देश में हर क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति राष्ट्र निर्माण का महत्वपूर्ण स्तम्भ है। श्री बिरला ने छात्राओं को बताया कि बदलते भारत में असीम संभावनाएं, असीम अवसर हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अमृत काल में देश की बेटियों की शिक्षा, संस्कार और चिंतन का उपयोग देश की प्रगति के लिए होगा, जिसकी ताकत से भारत विश्व का नेतृत्व करेगा।