सर्ववर्गीय सामूहिक विवाह में 21 जोड़े बंधे दाम्पत्य सूत्र में, जन सहयोग से दिए उपहार

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कोटा। श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर प्रबंध समिति की ओर से हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर शुक्रवार को सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में सर्वसमाज के विभिन्न भामाशाहों के द्वारा 21 वधुओं का कन्यादान किया गया। कन्यादान करने के लिए सबसे बड़ी बोली पिंकी प्रजापति की 1.32 लाख में छूटी। इसके बाद विशाल भंडारा आयोजित किया गया। जिसमें 50 हजार से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

21 जोड़ों के सामूहिक विवाह सम्मेलन में गणेश स्थापना, तोरण, वरमाला, पाणिग्रहण तथा कन्यादान के कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इस दौरान विभिन्न दानदाताओं के सहयोग से कन्याओं को आकर्षक उपहार दिए। सम्मेलन स्थल पर सुबह से ही जोड़ों का आना प्रारंभ हो गया था। दोपहर होते होते तो सम्मेलन स्थल छावनी बाजार खचाखच भर गया था।

प्रातः गणेश पूजन की रस्म निभाने के बाद सभी जोड़ों की सामूहिक बैंडबाजे के साथ निकासी निकाली गई। जो गोयल धर्मशाला से प्रारम्भ होकर छावनी बाजार स्थित मंशापूर्ण बालाजी मंदिर पर संपन्न हुई। यहां एक साथ तोरण और वरमाला कराई गई। इस दौरान तालियों और शुभकामनाओं का दौर चलता रहा।

पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रों पर फेरे और पाणिग्रहण का कार्यक्रम संपन्न कराया गया। सर्वसमाज की ओर से विभिन्न कन्याओं का कन्यादान किया गया। श्री हनुमान जन्मोत्सव और सामूहिक विवाह सम्मेलन में 35 से अधिक संस्थाओं का सहयोग रहा। इस अवसर पर पूर्व उप महापौर सुनीता व्यास, नीरज श्रृंगी, राम भाटिया, मनीषा बाई किन्नर, समिति अध्यक्ष गजानंद जैन, उपाध्यक्ष योगेश कोटिया, सचिव गिरीश चौधरी, कोषाध्यक्ष कमलेश टांक, मीडिया सलाहकार जयप्रकाश दुसिया, कमल शाक्यवाल समेत कईं लोग मौजूद रहे।

50 हजार से अधिक लोगों ने की प्रसादी ग्रहण
सम्मेलन में दानदाताओं की ओर से कन्यादान के रूप में सोने का मंगलसूत्र, सोने की लौंग, चांदी की पायल, बिछिया, लहंगा चुन्नी, पंखा, साडियां, बिस्तर, बर्तन, प्रेस, ओवन, पलंग, गद्दा आदि सामान उपहार में दिए गए। इस अवसर और आयोजित भंडारे में 50 हजार से अधिक लोगों ने प्रसादी ग्रहण की। प्रसादी के लिए भी हर घर परिवार से आटा, शक्कर, तेल, बेसन, घी पहुंचाया गया। भंडारे में 35 क्विंटल शक्कर, 50 क्विंटल आटा, 30 पीपे देशी घी, 170 पीपे तेल तथा बेसन का उपयोग किया गया। श्रमदान करने के लिए भी हर घर से लोग जुटे।