-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र कोटा में अपने प्रवास के दौरान सिटी पार्क को देखकर इतने भाव-विभोर हो गए कि उन्होंने इसे अद्भुत-अनुपम जैसे कई शब्दों से अलंकृत कर दिया और इसे राजस्थान की पहचान की संज्ञा तक दे डाली।
राज्यपाल कलराज मिश्र के अपने शब्दों में- ” आज सिटी पार्क को घूम कर देखा। मैं कह सकता हूं कि यह अनुपम है- अद्भुत है और संभवत हिंदुस्तान में इस स्तर का उद्यान कहीं नहीं होगा। यहां सभी का समावेश है। पार्क में प्रकृति को आत्मसात किया है। मनुष्य प्रकृति है। प्रकृति और मनुष्य एक दूसरे से जुड़े हैं। यदि किसी को अलग करेंगे तो निश्चित रूप से जबरदस्त असंतुलन हो सकता है। पार्क के माध्यम से संदेश दिया है। बाहर से लाकर वृक्ष लगाए गए हैं। बताया गया है कि पहले यहां पठार था, लेकिन अब जबरदस्त हरियाली है। शीश महल जैसी कल्पना को यहां साकार किया गया है। “
कोटा के सिटी पार्क की जमकर तारीफ करते हुए श्री मिश्र ने कहा कि-” जो भी कोटा आए, उसे आकर इसे देखना चाहिए। मैंने पूरे देश की हर चीज को तो नहीं देखा, लेकिन यह कह सकता हूं कि देश की जो कुछ बेहतरीन गिनी-चुनी चीजें हैं, उनमें कोटा के सिटी पार्क को रखा जा सकता है।
यहां घूमेंगे तो किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है। यहां आराम से घूम कर चार-पांच घंटे बिताये जा सकते हैं। शांति की अनुभूति की जा सकती है। यहां महात्मा बुद्ध की प्रतिमा है जो शांति का संदेश देती है। साथ ही प्रकृति को बचाने यानी सेव अर्थ का संदेश दिया गया है। सौंदर्यकरण के साथ उसमें प्रकृति का समावेश किया गया है। यह अद्भुत है-अनुपम है।
श्री मिश्र इस पार्क के सौंदर्य एवं प्रकृति के साथ ज्ञान के विशाल भंडार को देख कर कह उठे कि देश भर में तो ऎसी गिनी-चुनी जगह ही होगी। राजस्थान की कोचिंग सिटी कहे जाने वाली कोटा के छात्रों के संदर्भ में श्री मिश्र ने इस पार्क के अवलोकन के बाद एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात यह कही कि-” विद्यार्थियों के लिए तो यह बहुत अच्छा है।
यहां पता लगा है कि आत्महत्या बहुत करते हैं। थोड़ा डिप्रेशन हो, परेशानी हो तो विद्यार्थी यहां आकर शांति का अनुभव कर सकता है। अपनी पढ़ाई भी कर सकता है। जहां हम खड़े हैं, उसकी पृष्ठभूमि में ज्ञान, स्पीक फ्रीडम इस्लाम से है। अब कल्पना यह है कि विद्यार्थी यहां आकर पुस्तक पढ़ रहा है और पुस्तक में से कोई पन्ना उड़ा और वह उसके सिर पर गया। यह पन्ना पक्षी के रूप में है और पुस्तक ज्ञान के रूप में है, पक्षी स्वतंत्र होता है।
ऐसे ज्ञान का संदेश दिया गया है और निश्चित रूप से यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी भी यहां आकर शांति का अनुभव कर सकते हैं और पुस्तक ज्ञान के रूप में है। पक्षी स्वतंत्र होता है तो ऐसे ज्ञान अर्जित करो और उसका स्वतंत्रता के साथ उपयोग करो। यह तो एक बड़ा जबरदस्त संदेश दिया गया है और निश्चित रूप से यहां आकर पढ़ने वाले विद्यार्थी शांति का अनुभव कर सकते हैं।
राज्यपाल श्री मिश्र ने मंगलवार देर शाम तक कोटा में नवनिर्मित सिटी पार्क का अवलोकन कर खुबसूरती को निहारा तथा निर्माण शैली को प्रकृति एवं मानव के बीच संतुलन प्रदर्शित करने वाला बताते हुए देश के प्रमुख स्मारकों में से एक बताया। श्री मिश्र ने गोल्फकार्ट से सम्पूर्ण पार्क का भ्रमण कर इसकी खुबसूरती को नजदीकी से निहारा।
श्री मिश्र ने विभिन्न ब्लॉकों में विश्वस्तरीय प्रजातियों के फूलों के पौधों, फव्वारों, सघन वन क्षेत्र, तालाबों, नहर, स्टोनब्रिज, मयूरचौक, फ्लेमिंगों कोर्ट, बोटिंगडक, बोटलिंग गार्डन, फूडकोर्ट, म्यूजिक फाउंटेन, ट्रीमैन एव नॉलेज ऑफ फ्रीडम सर्किल का अवलोकन कर ग्लासहाउस में बैठ कर स्वल्पहार लिया। उन्होंने पार्क के निर्माण के लिए सरकार के प्रयासों तथा कार्यकारी एजेंसी के रूप नगर विकास न्यास के कार्यो की सराहना की। उन्होंने पार्क में पौधा रोपकर हरियाली बढाने का संदेश दिया।
श्री मिश्र ने पार्क का अवलोकन कर मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह पार्क अद्भुत है, अनुपम है जो भी कोटा में आये, उसे जरूर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान भर में गिनी-चुनी जगह होगी जिनमें से यह पार्क एक है। उन्होनें अपने जीवन में ऐसा उद्यान नहीं देखा। यह उद्यान कोटा ही नहीं राजस्थान की पहचान है। इसमें प्रकृति व मानव के बीच संतुलन, विद्यार्थियों, युवाओं, बच्चो, बुजुर्गो सभी के लिए विशेषताओं के साथ निर्माण कार्य कराए गए है।
सौंदर्यीकरण के साथ विश्वस्तरीय विभिन्न प्रजातियों के पुष्प, नहर, विज्ञान का संदेश देते प्रतीक स्थान बनाये गये है। यहां एक व्यक्ति को चार से पांच घण्टे तक घूमने का तथा शांति का अनुभव करने का मौका मिलेगा। श्री मिश्र ने कहा कि कोटा में देशभर के विद्यार्थी कोचिंग के लिए आते है। उनके लिए यह पार्क बेहत्तर साबित होगा। तनाव मुक्ति के लिए विद्यार्थी यहा आकर शांति का अनुभव कर सकते, बैठकर अपनी पढ़ाई भी कर सकते है।
विद्यार्थियों की प्रेरणा के लिए नॉलेज ऑफ फ्रीडम, ट्री मैन जैसे प्रेरणा दायी सर्किलो का निर्माण कराए गया है। ज्ञान अर्जित के साथ उन्मुक्तता एवं स्वतंत्रता का संदेश दिया गया है। इस मौके पर जिला प्रशासन की ओर से राज्यपाल को ट्री मैन का प्रतीक भेंट किया गया।
इस अवसर पर जिला कलक्टर ओ पी बुनकर, पुलिस अधीक्षक (शहर) शरद चौधरी, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कावेन्द्र सिंह, नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी, विशेषाधिकारी आर डी मीणा सहित अधिकारीगण उपस्थित रहे।