दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं, बल्कि नवजीवन का प्रारंभ है: राज्यपाल मिश्र

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कोटा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 57 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल

कोटा। कोटा विश्वविद्यालय का नवां दीक्षांत समारोह आज यूआईटी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने समारोह की अध्यक्षता की। कैंसर अस्पताल एवं शोध केंद्र ग्वालियर के संस्थापक निदेशक प्रो. डॉ. बीआर श्रीवास्तव, कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह भी मौजूद रहीं ।

श्री मिश्र ने समारोह में संविधान पार्क, महात्मा गांधी उद्यान, रसायन शास्त्र प्रयोगशाला, कंप्युटर केंद्र, नवाचार एवं उद्भवन प्रकोष्ठ का वर्चुअली लोकार्पण किया। बाद में राज्यपाल इन्हें देखने भी पहुंचे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सब प्रकार की शिक्षा और अभ्यास का उद्देश्य मनुष्य निर्माण ही होना चाहिए। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए। जिससे विद्यार्थी को अंतर का आलोक मिले। दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं है, बल्कि नवजीवन का प्रारंभ है। यहाँ शिक्षा का व्यवहारिक उपयोग करने के लिए एक पीढी तैयार होती है।

विश्व में होने वाली घटनाओं से आचार्य सचेत रहें और छात्रों को आगाह करें। आचार्य वैश्विक दृष्टि रखकर शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा से आत्म विश्वास पैदा होता है। आत्मविश्वास व्यक्ति को आगे बढ़ाता है, असीम ताकत पैदा करता है।

राज्यपाल ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के दिन चंद्रशेखर वेंकट रमन ने रमन प्रभाव की खोज की थी। विधार्थी उनके जीवन से प्रेरणा लें। विश्वविद्यालय को नई शिक्षा नीति के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करने चाहिए। कौशल विकास के माध्यम से रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम बनें। नौकरी देने वाले युवा तैयार हों, सच्ची विद्या वही है जो व्यवहारिक और लोक कल्याणकारी बने।

उन्होंने सभी से आग्रह भी किया कि यूनिवर्सिटी में निर्धारित कोर्स से जुड़ी शिक्षा के अलावा जीवन व्यवहार की शिक्षा भी छात्र को दी जाए। हमारे यहां आचार्य का अर्थ है कि जिस के आचरण से दूसरे प्रेरणा प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि विज्ञान का अर्थ होता है, जीवन को दिशा देने वाला विशेष ज्ञान। नई शिक्षा नीति पूरी तरह से विद्यार्थी केंद्रित है और इसमें सभी विषयों के साथ वैज्ञानिक ज्ञान प्राचीन भारतीय कला और संस्कृति के साथ ही भाषाओं के अध्ययन पर जोर दिया गया है।

42 छात्राओं को गोल्ड मेडल: दीक्षांत समारोह में साल 2020 की परीक्षाओं में विभिन्न संकायों व विषय में मेरिट में स्थान प्राप्त करने वाले और पीएचडी धारकों को उपाधियां प्रदान की गई। यूनिवर्सिटी के अलग- अलग संकाय में कुल 57 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल दिए गए। गोल्ड मेडल पाने वालों में छात्राओं की संख्या ज्यादा रही। 57 में से कुल 42 छात्राओं ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। वही 15 छात्रों को गोल्ड मेडल मिले। इसी तरह पीएचडी की उपाधियों में भी छात्राएं आगे रही।

72,347 डिग्रियां बांटी: कुल 37 पीएचडी उपाधियों में से 25 छात्राओं के नाम है जबकि 12 छात्रों के नाम हैं। सबसे ज्यादा 18 गोल्ड मेडल साइंस स्ट्रीम में हैं। वहीं एक चांसलर पदक और एक वाइस चांसलर पदक भी दिया गया। चांसलर पदक विधि संकाय में अधिकतम नंबर हासिल करने वाले पीजी के विद्यार्थी वसीम राजा को और वीसी पदक विज्ञान संकाय में अधिक अंक अर्जित करने वाली यूजी विद्यार्थी नमिता मालव को दिया गया। दीक्षांत समारोह में 72,347 डिग्रियां बांटी गई। सबसे ज्यादा डिग्रियां 43917 आर्ट्स स्ट्रीम की है।

आरटीयू का दीक्षांत समारोह कल: राज्यपाल मिश्र शाम को सिटी पार्क का दौरा करेंगे। वहीं कल राजस्थान टेक्निकल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे दीक्षांत समारोह में 21567 विद्यार्थियों को उपाधि दी जाएगी। इनमें 28 स्वर्ण पदक भी दिए जाएंगे। साथ ही चांसलर मेडल एम्टेक स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट प्रज्ञा माहेश्वरी व वाइस चांसलर मेडल कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग बीटेक स्टूडेंट्स त्रिशा विश्वास को मिलेगा। कल शाम को चम्बल रिवर फ्रंट भी देखने जाएंगे।