महिला उत्पीड़न केस में RTU ने प्रोफेसर राजीव गुप्ता को डीन फैकल्टी से हटाया

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कोटा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार (Professor Girish Parmar Arrested) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी पर मुकदमों की संख्या बढ़ी है। अब तक और तीन केस दर्ज हो चुके हैं. जिसकी जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम एडिशनल एसपी उमा शर्मा के नेतृत्व में डीएसपी अमर सिंह राठौड़ और मुकुल शर्मा के हाथों में है।

दूसरी तरफ विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के पूर्व एचओडी और डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रोफेसर राजीव गुप्ता पर भी एक संविदाकर्मी ने छेड़छाड़ का मामला 2021 में दर्ज करवाया था। जिस पर आरटीयू ने कोई कार्रवाई नहीं की और पुलिस जांच में एफआर लग गई थी। जिसमें पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले को 2 दिन पहले ओपन किया था।

वहीं, अब आरटीयू के डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रोफेसर राजीव गुप्ता पर भी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कार्रवाई की है। उन्हें डीन फैकल्टी अफेयर्स के पद से हटा दिया गया। इसके अलावा महिला आयोग की दिल्ली से आई टीम ने भी इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रबंधन की महिला उत्पीड़न समिति पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही कहा था कि विश्वविद्यालय प्रबंधन की महिला उत्पीड़न समिति ठीक से जांच करती तो ऐसी नौबत नहीं आती। वहीं, प्रोफेसर गुप्ता की जगह सिविल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एके द्विवेदी को नया डीन फैकल्टी अफेयर्स बनाया है।

महिला आयोग की टीम ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को पहले ही निर्देशित कर दिया था कि वे अपने कॉलेज की महिला उत्पीड़न समिति को हटा दें और नई महिला उत्पीड़न समिति बनाए। इस पर वाइस चांसलर प्रो. एसके सिंह ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नई कमेटी गठित कर दी है। क्योंकि सामने आ रहा था कि एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और प्रोफेसर राजीव गुप्ता के खिलाफ पहले मिली शिकायतों में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

पुलिस कसेगी बिचौलिया छात्रा पर शिकंजा: एसोसिएट प्रोफेसर परमार के साथ स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल बिचौलिए का काम कर रहा था। इसके साथ साथ एक अन्य छात्रा का भी नाम ऑडियो में आया है। उसे भी पुलिस ने आरोपी बनाया है।

छात्राओं ने भी उसके खिलाफ बयान दिए हैं, साथ ही कहा है कि उसके पहले से भी काफी अच्छे नंबर आते रहे हैं। कई छात्राओं का यह भी कहना है कि वह काफी अच्छी पढ़ाई करने के बावजूद कम नंबर एसोसिएट प्रोफेसर परमार के सब्जेक्ट में लेकर आ रहे थे। एक मामले में इस छात्रा को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है। ऐसे में संभव उसे पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया जा सकता है।