जयपुर। RPSC Second Grade Teacher Recruitment Exam: आरपीएससी सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा में बाकी पेपर के लीक होने की आशंका है। सामने आया है कि जिस बस में सामान्य ज्ञान का पेपर सॉल्व करते स्टूडेंट्स पकड़े गए, वो 4 दिन से उदयपुर में घूम रही थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि 24 दिसंबर की सुबह 3 बजे पकड़े जाने से पहले ये बस पहली बार 20 दिसंबर को उदयपुर आई थी। 21 दिसंबर को ग्रुप ए का जीके और सोशल साइंस का पेपर था। बस बार-बार एक टोल से गुजरती हुई देखी जा सकती है। इस सीसीटीवी के आधार पर अब पुलिस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में जुटी है।
पुलिस जांच में सामने आया कि 20 दिसंबर को सुबह यह बस गोगुंदा टोल नाके से सुबह करीब 10.22 पर गुजरी थी। 22 दिसंबर और 23 दिसंबर की दरमियानी रात करीब 1.39 बजे बस फिर उसी टोल नाके से गुजरती है। सीसीटीवी फुटेज में 23 दिसंबर को रात 9.56 फिर टोल पर पहुंचती है। तीनों बार बस उदयपुर आते वक्त सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई। बस उदयपुर से वापस किस रास्ते से गई, इसकी जांच की जा रही है।
पेपर हल करते पकड़े गए 45 छात्रों को पुलिस ने रविवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से युवकों को 5 और युवतियों को 2 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है। नकल गिरोह का सरगना सरकारी विद्यालय का हेडमास्टर सुरेश विश्रोई है। इसके साथ पुलिस ने दो सेकेंड ग्रेड सरकारी अध्यापक, दो एमबीबीएस स्टूडेंट और एक सरकारी विद्यालय में लिपिक को भी गिरफ्तार किया है।
एसपी विकास कुमार शर्मा ने बताया कि हेडमास्टर सुरेश विश्नोई के पास एक पेपर था। उसने बस में बैठे स्टूडेंट्स को एक-एक पेपर की कॉपी दे रखी थी। सवालों को हल करवा रहा था। इसमें बेलगाम (कर्नाटक) स्थित मेडिकल कॉलेज में तृतीय वर्ष का स्टूडेंट भजन लाल, सेकेंड ग्रेड टीचर रायताराम चौधरी उसकी मदद कर रहे थे। बस को ड्राइवर नरेश विश्नोई चला रहा था। साथ में बस मालिक पीराराम विश्नोई भी बैठा था। बस में कोटा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष का स्टूडेंट गणेश जाट, जो प्रदीप खींचड की जगह डमी और अशोक विश्नोई, जो लुणाराम की जगह डमी कैंडिडेट था।
लिपिक करवा रहा था होटल में पेपर हल: मुख्य आरोपी सुरेश कुमार विश्नोई से पूछताछ की तो उसने बताया- उदयपुर में सुखेर के पास एक होटल में भी कुछ परीक्षार्थियों को भी पेपर हल करवा रहे हैं। जिस पर सुखेर पुलिस ने होटल हिमांशी पर दबिश दी तो वहां कमरा किराए पर लेकर 10 लोग पेपर हल करते मिले। यहां से मंगलाराम विश्नोई, गोपाल विश्नोई और सरकारी विद्यालय का लिपिक पुखराज विश्नोई पकड़े गए। यहां पर सेकेंड ग्रेड टीचर भागीरथ पालडिया भी पकड़ा गया। वह अशोक कुमार विश्नोई की जगह डमी कैंडिडेट था। वहीं, होटल से भारमल बेनीवाल, कन्हैयालाल, मालमसिंह जाट, नानजीराम कलबी, भूपेन्द्र कुमार प्रजापत और सविता कलबी को पकड़ा गया।
सभी आरोपियों पर रासुका: पुलिस द्वारा पकड़े गए 55 आरोपियों के परिजन भी उदयपुर आ गए हैं। वे रविवार को पुलिस लाइन के बाहर अपने बच्चों से मिलने के लिए चक्कर काटते रहे। पुलिस लाइन के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात थी। किसी भी परिजन को छात्रों के पास नहीं जाने दिया। इधर, नकल को रोकने को लेकर सरकार की ओर से बनाए गए सख्त कानून के तहत इन सभी आरोपियों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाया गया है। परिजनों को पता चला कि उनके बच्चों पर इस कानून के तहत कार्रवाई होगी तो कई पुलिस लाइन के बाहर ही रोने लगे।
ये हुए बस से गिरफ्तार: बस में मेनका विश्नोई, सरोज विश्नोई, निवेदिता शर्मा, जयश्री विश्नोई, संतोष, सोवनी कुमारी विश्नोई, सुनील विश्नोई, जगदीश कुमार जाट, नितिष विश्नोई, श्रवण कुमार, रघुनाथ, सुनील विश्नोई, सुखदेव, दिनेश विश्नोई, मगनलाल जाट, भजन लाल विश्नोई, गंगाराम मेघवाल, भैराराम, अर्जुन कुमार जोशी, सुभाष कुमार विश्नोई, कपिल विश्नोई, केहराराम विश्नोई, नगेन्द्र पुरोहित, अरविन्द, लाभूराम जांगिड, सांवला राम जाट, सुरेश विश्नोई, प्रकाश विश्नोई, सुनील कुमार विश्नोई, रमेश जाट, बदरा राम चौधरी, रमेश पुरोहित, महेन्द्र कुमार प्रजापत, दिनेश चौधरी, कमलेश कुमार, सुरेश चौधरी, नागराज, रमेशराम को गिरफ्तार किया है।