एंजियोएडेमा के अटैक्स को रोकने के लिए ताकेदा ने लॉन्च किया सिनरीज़

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कोटा। अनुवांशिक एंजियोएडेमा मरीज़ों पर इलाज के लिए ताकेदा बायोफर्मास्यूटिक्लस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Takeda Biopharmaceuticals India Pvt Ltd) ने एक नया इंजेक्टेबल प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन सिनरीज़ (Injectable prescription medicine Cinryze लॉन्च किया है। सिनरीज़ (Cinryze) में एचएई पर एपिसोडिक उपचार, लघु और दीर्घकालिक प्रोफिलैक्सिस में नयी सफलता लाने की क्षमता है।

इसके अलावा, सिनरीज़™ एचएई के सिम्पटोमैटिक मैनेजमेंट के लिए और भविष्य में एंजियोएडेमा के अटैक्स को रोकने के लिए एफडीए और ईएमए द्वारा अनुमोदित अग्रणी सी1 एस्टरेज़ इन्हिबिटर है। कंपनी के जनरल मैनेजर सेरीना फिस्चर ने इस सिनरीज़ (Cinryze) लॉन्च पर कहा, ” सभी कोर थेरेपी क्षेत्रों में आज तक पूरी न की गयी मेडिकल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नए इलाज लाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

इस सिनरीज़ के आने से भारत में एचएई मरीज़ों के इलाज में जो कमियां हैं वह दूर की जाएगी। कंपनी के फ्रैंचाइज़ी हेड रेयर डिज़ीज़ेज़ सोनी पॉल ने कहा, ” फ़िलहाल देश में 30000 से ज़्यादा मरीज़ ऐसे हैं जिनकी बीमारी का पता नहीं लगा है। बीमारी का पता लगाने की सुविधा और इलाज की कमी की वजह से यह मरीज़ तकलीफ सह रहे हैं। सिनरीज़ को लॉन्च करके हम एचएई के गंभीर अटैक्स को कम करना चाहते हैं और प्रोफिलैक्टिक रेजीम के साथ एचएई अटैक्स की रोकथाम का समर्थन करना चाहते हैं।

अनुवांशिक एंजियोएडेमा (Hereditary angioedema) एक दुर्लभ जेनेटिक स्थिति है जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे हाथ-पैरों, चेहरे, पेट और स्वरयंत्र में सूजन आती है। सी1 एस्टरेज़ इनहिबिटर प्रोटीन पैदा करने वाले जीन में म्यूटेशन की वजह से एचएई होता है, जिससे प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है या उसकी फंक्शनिंग जोखिम में आ जाती है। एचएई के लक्षण अक्सर बचपन में मौजूद होते हैं, और जबकि अटैक्स किसी भी उम्र में हो सकते हैं। बीमारी जल्दी शुरू हो जाने से बीमारी का कोर्स और भी अधिक गंभीर होने की संभावना होती है।

बच्चों में अटैक्स अक्सर स्पष्ट ट्रिगर के बिना आते हैं और स्कूल, गतिविधियों और खेल में बच्चे की सहभागिता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे बच्चा खुद को सामाजिक रूप से अलग-थलग महसूस कर सकता है। गंभीर मामलों में स्वरयंत्र या श्वासनली में सूजन आने से यह जानलेवा हो सकता है। अक्सर इस बीमारी में रक्त वाहिकाओं के बाहर द्रव बार-बार जमा होता है जिससे शरीर के टिश्यूज़ में तेज़ी से सूजन आती है।

एलर्जिक रिएक्शन एचएई के लक्षण हो सकते हैं, लेकिन अगर यह एचएई है तो संभावित परिणाम जानलेवा हो सकता है। स्वास्थ्य सेवा प्रोफेशनल्स में जागरूकता के अभाव की वजह से देश में कई सारे मरीज़ ऐसे हैं जिनकी एचएई की बीमारी का पता ही नहीं चल पाया है।