सैन फ्रांसिस्को। गूगल ने सिक्यॉरिटी एक्स्पर्ट्स के लिए नया चैलेंज पेश किया है। कम्पनी का कहना है कि अगर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट ऐंड्रॉयड ऐप्स में कोई कमी ढूंढ निकालते हैं तो उन्हें कम से कम 1000 यूएस डॉलर (करीब 65 हजार रु) का ईनाम दिया जाएगा। गूगल की पैरंट कम्पनी ऐल्फाबेट गूगल प्ले स्टोर से सभी बग्स खत्म करना चाहती है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
गूगल ने गुरुवार को इस प्रोग्राम का ऐलान किया। सुरक्षा विशेषज्ञों का दावा है कि गूगल प्ले स्टोर में ऐपल ऐप स्टोर के मुकाबले कहीं ज्यादा मैलवेयर और दूसरी दिक्कतें मौजूद हैं। गूगल ने इन्हीं मैलवेयर और बग्स से प्ले स्टोर को फ्री करने के लिए यह कदम उठाया है।
इसके लिए गूगल ने हैकरवन नाम की प्रोग्राम मैनेजमेंट वेबसाइट से हाथ मिलाया है जो मिलकर ऐसे ऐप्स और कमियों की लिस्ट बनाएंगे जिनकी वजह से एक हैकर किसी यूजर को फिशिंग वेबसाइट की तरफ भेज देता है या जो किसी गैजट में वायरस पहुंचाते है।
गूगल प्ले ऐप्स ऐंड गेम्स के प्रॉडक्ट मैनेजमेंट डायरेक्टर विनीत बुच ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘किसी इंसान की एक क्रिएटिव हैक पकड़ने की क्षमता की बराबरी कोई सॉफ्टवेयर स्कैन नहीं कर सकता।’ गूगल प्ले सिक्यॉरिटी रिवॉर्ड प्रोग्राम दूसरी कम्पनियों द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयरों में रिसर्च को स्पॉन्सर करता है।
माइक्रोसॉफ्ट, ऐपल और ऐल्फाबेट अकसर अपने सॉफ्टवेयर में कमियां ढूंढने वालों को इनाम देती हैं। बुच ने कहा, ‘हमें अफने ऐप्स से ज्यादा फिक्र पूरे ईकोसिस्टम में होने वाली खराबियों की रहती है। यह वैसा ही है कि आपने किसी खोए हुए इंसान के सिर पर ईनाम रखा हो। एक ऐसा इंसान जिसे आप जानते भी नहीं।’
गूगल ने यह नहीं बताया कि उसे इसके लिए पैसा कहां से मिलेगा, लेकिन यह ज़रूर करा कि यह छोटी रकम से शुरू होगा। ऐंड्रॉयड के लिए गूगल का बग बाउंटी प्रोग्राम जून 2015 में शुरू हुआ था। पहले दो सलों में करोड़ों कमियां खोजे जाने पर गूगल करीब 15 लाख डॉलर इनाम में दे चुका है।