हैदराबाद। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर टिप्पणी को लेकर कहा कि वह इस मुद्दे पर उचित मंच पर चर्चा करेंगे। हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने आए रिजिजू ने कहा कि ‘सबसे पहले, एक कानून मंत्री के रूप में, मेरे लिए फैसले के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा की गई टिप्पणी पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। यहां तक कि अगर मुझे फैसला पसंद नहीं है या मुझे टिप्पणियों के तरीके पर गंभीर आपत्ति है, तो भी मैं टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।’
शीर्ष अदालत ने अपने मौखिक अवलोकन में नूपुर शर्मा को भारत में हिंसा की स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिसमें उदयपुर में हुई घटना भी शामिल है। इस मुद्दे पर बात करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री ने आगे कहा, ‘प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मुझे इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत सारे अभ्यावेदन और संदेश मिल रहे हैं, लेकिन हम इस मुद्दे पर उचित मंच पर चर्चा करेंगे।’
दिलचस्प बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी कि नूपुर शर्मा देश भर में सांप्रदायिक भड़काने के लिए जिम्मेदार थी, मौखिक रूप में की गई थी। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए आदेश में शामिल नहीं थी। रिजिजू ने कहा, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कोई सीधी टिप्पणी या संदर्भ नहीं देना चाहता। यह एक मौखिक टिप्पणी है और फैसले का हिस्सा नहीं है।’
न्यायमूर्ति सूर्यकांत (Justices Surya Kant) और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला (Justices JB Pardiwala) की पीठ ने शुक्रवार को भाजपा की नूपुर शर्मा को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उनका गुस्सा उदयपुर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है, जहां एक दर्जी की हत्या कर दी गई थी।
शीर्ष अदालत ने आगे निलंबित भाजपा नेता को दोषी ठहराया और कहा कि उनके बयान ने पूरे देश में आग लगा दी है और देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
नूपुर शर्मा की याचिका की खारिज
शीर्ष अदालत ने पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी के लिए देश भर में उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को दिल्ली स्थानांतरित करने के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया। उन्हें शीर्ष अदालत से अपनी याचिका वापस लेने और वैकल्पिक उपायों का लाभ उठाने की अनुमति दी।