नई दिल्ली। टेरर फंडिंग मामले (terror funding case) में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) संस्थापक हाफिज सईद और कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को बड़ा झटका लगा है। एनआइए कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी करार दिया है।
यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधी में शामिल रहने का आरोप है। यासीन मलिक को कितनी सजा होगी, इस पर 25 मई को बहस होगी। बता दें कि यासीन मलिक ने खुद कबूल किया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था।
आरोपितों पर गैर कानूनी गतिविधि, देश विरोधी आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए गए थे। अदालत ने इससे पहले 16 मार्च को टेरर फंडिंग मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए थे।
हाफिज सईद व यासीन मलिक के अलावा मामले में शब्बीर शाह, मशरत आलम पर टेरर फंडिंग के तहत आरोपित तय करने और इसके अलावा राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद शाह वताली, बिट्टा कराटे, अफताब अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट, अलियास पीर सैफुल्लाह पर देश के विरुद्ध आपराधिक साजिश रचने, उन्माद फैलाने, और गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप थे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कश्मीरी अलगाववादियों, आतंकियों और कारोबारियों से संबंधित मामले की 16 मार्च को सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि गवाहों के बयान व उपलब्ध साक्ष्य लगभग सभी आरोपितों को एक-दूसरे से जोड़ते हुए बताते हैं कि ये सभी कश्मीर को भारत से अलग करने के मकसद पर काम कर रहे थे। इसके लिए पाकिस्तान के दिशा-निर्देश और फंडिंग के जरिये आतंकी और आतंकी संगठनों से भी जुड़े हुए थे।