श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को गुलाम कश्मीर से अलग करने वाली नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बेशक बीते एक साल से खामोशी है, लेेकिन श्री अमरनाथ यात्रा से पूर्व एलओसी के पार आतंकी शिविरों और लांचिंग पैड पर काफी हलचल हो रही है। संघर्ष विराम की आड़ में पाकिस्तानी सेना ने अपनी मोर्चेबंदी मजबूत करने के बाद आतंकी कैंप व लांचिंग पैड भी सक्रिय कर दिए हैं।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, करीब 80 आतंकी जिनमें से अधिकांश अफगानिस्तान से लौटे हैं, इस समय कश्मीर में घुसपैठ के लिए उचित मौके का इंतजार करते हुए विध्वंसकारी गतिविधियों की ट्रेनिंग में व्यस्त हैं।
उन्हें पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के एक दल के अलावा कुछ पुराने कश्मीरी आतंकी जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात और परिस्थितियों से भी अवगत करा रहे हैं। वहीं, भारतीय सेना पाकिस्तान की इस साजिश को नाकाम बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। बता दें कि श्री अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। हर बार पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठन यात्रा में खलल डालने की साजिशें रचते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि फरवरी 2021 के बाद एलओसी पर कुछ समय के लिए आतंकियों की गतिविधियां लगभग बंद हो चुकी थी, लेकिन बीते अक्टूबर में यह गतिविधियां दोबारा शुरू हुईं जो अब पहले से कहीं ज्यादा तेज नजर आती हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम के समझौते की पुनर्बहाली का फायदा अपने अग्रिम मोर्चों व चौकियों को मजबूत करने के लिए किया है। उसने करीब आठ हजार टन सामग्री का इस्तेमाल अपनी मोर्चेबंदी में किया है।
पाकिस्तानी सेना ने एलओसी के साथ सटे इलाकों में 60 भारी तोपें तैनात करने के अलावा अपनी वायु प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से लौटे आतंकियों को पाकिस्तान ज्यादा देर तक गुलाम कश्मीर में बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह उसके लिए भी घातक साबित हो सकते हैं, इसलिए पाकिस्तानी सेना उन्हें अगले एक दो माह में कश्मीर मे धकेलेगी। ऐसे में पाकिस्तानी सेना किसी भी समय संघर्ष विराम का उल्लंघन कर सकती है।