नई दिल्ली। आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.50 लाख करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया है। विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसमें से 21,323.55 करोड़ रुपये के 1.1 करोड़ रिफंड आकलन वर्ष 2021-22 के लिए जारी किए गए। अगर आपने अपना आयकर रिटर्न भरा था और अब तक आप अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं तो हम उन कारणों को बता रहे हैं।
इससे पहले बता दें कि विभाग ने ट्वीट कर बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अप्रैल 2021 से तीन जनवरी 2022 तक 1.48 करोड़ करदाताओं को 1,50,407 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है। विभाग ने कहा कि 1.46 करोड़ मामलों में 51,194 करोड़ रुपये का जमा आयकर लौटाया गया है, जबकि 2.19 लाख मामलों में 99,213 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर वापस किया गया है।
रिफंड की स्थिति को जांचे
अगर आपका रिफंड नहीं आता है तो आप आयकर विभाग की वेबसाइट के जरिये स्टेटस चेक कर सकते हैं। आप यह काम अपने पैन और लॉगइन आईडी औैर पासवर्ड के जरिये आसानी से कर सकते हैं।
क्या होता है रिफंड
आयकर दाता का इनकम टैक्स किसी वित्त वर्ष में उसके अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर पहले काट लिया जाता है। वहीं, जब वित्त वर्ष के अंत तक वह फाइनल कागजात जमा करता है, तब अगर हिसाब करने पर उसे यह मिलता है कि उसका टैक्स ज्यादा कट गया है और उसे आयकर विभाग से पैसे वापस लेने हैं, तो वह इसके लिए आईटीआर दाखिल कर रिफंड के लिए आवेदन करता है।
रिफंड नहीं आने के कारण
फॉर्म में बैंक खाते का गलत विवरण
आयकर विभाग अब सिर्फ बैंक खाते में ही टैक्स रिफंड को भेजता है। ऐसे में अगर आपने फॉर्म भरते हुए अपने खाते का गलत विवरण भरा है तो आपका रिफंड अटक सकता है। इसको आप आयकर विभाग के जरिये सुधार सकते हैं।आप ऑनलाइन अपने फॉर्म में खाते का विवरण को सही कर सकते हैं। इसके साथ यह जरूरी है कि आप जिस बैंक खाते का विवरण अपने आयकर रिटर्न फॉर्म में दे रहे हैं वह पैन से जुड़ा हो।
खाता पूर्व सत्यापित नहीं होना
समय पर रिफंड नहीं आने का दूसरा सबसे बड़ा कारण होता है बैंक खाता का पूर्व सत्यापित नहीं होना। जिस खाते में आयकर विभाग से टैक्स रिफंड आना होता है उस बैंक खाते को अगर करदाता पहले से सत्यापित नहीं करता हैं तो आईटी रिफंड अटक जाता है। इसलिए करदाता को चाहिए कि वह आयकर विभाग से जुड़े बैंक खाते को समय से सत्यापित करें। टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद आपका जो भी रिटर्न बनेगा वह आयकर विभाग के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए इसी अकाउंट में भेजेगा।
रिटर्न समय पर वेरीफाई नहीं करना
आयकर रिटर्न भरने के बाद उसे वेरीफाई (सत्यापित) करना होता है। कई बार ऐसा होता है कि करदाता समय पर आयकर रिटर्न भर देता है, लेकिन वह अपने रिटर्न को वेरीफाई नहीं करता। जब तक आप इसे वेरीफाई नहीं करेंगे आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होता है। इसलिए आप चाहते हैं कि आपका रिटर्न जल्द मिले तो इसे वेरीफाई करना नहीं भूलें।