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बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत अब तक 100 संपत्तियां अटैच
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आयकर विभाग की कार्रवाई, राजस्थान देश के टॉप-5 राज्यों में शुमार
जयपुर/कोटा ।आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत कोटा, भीलवाड़ा और जयपुर में 38 संपत्तियां और अटैच की हैं। नोटबंदी के बाद आयकर विभाग की ओर से राजस्थान में अब तक कुल 100 बेनामी संपत्तियां अटैच की जा चुकी हैं। बेनामी संपत्तियों को अटैच करने का आंकड़ा 100 पर पहुंचते ही राजस्थान इस मामले में देश के टॉप-5 राज्यों में शुमार हो गया है।
राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार और बेंगलुरू में बड़े स्तर पर इस तरह के अटैचमेंट की कार्रवाई हुई है। बेनामी संपत्ति एक्ट लागू होने के बाद से देशभर में 400 बेनामी संपत्तियों के अटैचमेंट के केस बने हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्तियों को अटैच करने का कानून 1988 में बनाया था। इसके बाद इसमें कई संशोधन किए और 25 अक्टूबर 2016 को नोटिफाइड किया। यह कानून 1 नवंबर 2016 से लागू हो गया।
एक्ट लागू होने के बाद अब तक की बड़ी कार्रवाई
बेनामीसंपत्ति एक्ट के तहत सबसे पहली कार्रवाई जयपुर में जौहरी बाजार निवासी एक अग्रवाल फैमिली पर इसी साल जनवरी में हुई। इस केस में व्यापारी ने अपने एक पूर्व नौकर के नाम पर 9 संपत्तियां खरीदी थी।
इसी माह जयपुर के सबसे बड़े डेवलपरों में से एक ग्रुप की 38 संपत्तियां आमेर, सांगानेर और चाकसू तहसील में अटैच हुई।
दो माह पहले ही जयपुर में एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी की वित्त निदेशिका के दिल्ली रोड स्थित गांवों में 12 खसरा नंबरों पर बेनामी संपत्तियों का खुलासा।
एक प्रतिष्ठित कॉलेज मालिक ने मानसरोवर में एक संस्था के नाम से भूमि की खरीद की थी।
बेनामी प्राॅपर्टी एक्ट : सात साल तक की सजा जुर्माना भी
-जबसंपत्ति खरीदने वाला अपने पैसे से किसी और के नाम पर प्राॅपर्टी खरीदता है तो यह बेनामी प्रॉपर्टी कहलाती है।
-खरीदार ने इसे परिवार के किसी व्यक्ति या किसी करीबी के नाम पर भी खरीदा है तो भी ये बेनामी प्रॉपर्टी ही कहलाती है।
-सीधे शब्दों में कहें तो संपत्ति खरीदने वाला व्यक्ति कानून मिल्कियत अपने नाम नहीं रखता, लेकिन प्रोपर्टी पर कब्जा रखता है।
-इस नियम में सरकार द्वारा प्रोपर्टी जब्त करने का प्रावधान है।
-इसमें सजा के तौर पर सात साल की कैद और प्रोपर्टी की बाजार कीमत के एक चौथाई के बराबर जुर्माना हो सकता है।
काेटा में एड एजेंसी संचालक की 4 संपत्तियां जब्त
कोटामें एड एजेंसी संचालक की 4 संपत्तियों को जब्त किया गया है। उसने दो जगह पत्नी के नाम से नकद राशि का भुगतान करके खेत खरीदे थे। एक जमीन एससी-एसटी के नाम से खरीदी थी तथा एक मकान खरीदा हुआ था। वहीं, अटैचमेंट के अधिकांश मामलों में एसटी-एससी के लोगों के नाम से बिल्डर या व्यापारियों ने संपत्तियों की खरीद की है। इन मामलों में टिनेंसी एक्ट का वॉयलेशन हुआ है।