पाम ऑयल आयात से पाबंदी हटी, अब खाद्य तेल सस्ते होंगे

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नई दिल्‍ली। खाद्य तेल की कीमतों में और नरमी लाने के लिए मोदी सरकार ने एक और कदम उठाया है। सरकार ने इस साल 31 दिसंबर तक रिफाइंड पाम तेल पर आयात प्रतिबंध हटा दिया है। सरकार की इस पहल से घरेलू बाजार में Edible oil की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में कमी लाने में मदद मिल सकती है। बता दें कि सरकार ने Crude Palm Oil पर लगने वाली Import duty की मानक दर को घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। अन्य पाम ऑयलों पर यह 37.5 फीसदी होगी। यह फैसला 30 जून से 30 सितंबर तक के लिए है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की एक अधिसूचना के मुताबिक रिफाइंड ब्लीचड डियोडोराइज़्ड पॉमतेल और रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज़्ड पामोलिन की आयात नीति को तत्काल प्रभाव से और 31 दिसंबर, 2021 तक की अवधि के लिए प्रतिबंधित से मुक्त करने के लिए संशोधित किया गया है। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि केरल में किसी भी बंदरगाह से आयात की अनुमति नहीं है।

DGFT से चाहिए लाइसेंस
प्रतिबंधित श्रेणी के तहत, एक आयातक को आयातित तेल की खेप मंगाने के लिए DGFT से लाइसेंस या अनुमति प्राप्त करनी होती है। सरकार ने मंगलवार को कच्चे पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पाम ऑयल को कच्चे पामतेल को रिफाइन करके बनाया जाता है।

भारत सालाना 1.5 करोड़ टन तेल खरीदता है
विश्व में वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश, भारत सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन तेल खरीदता है। इसमें से पामतेल की मात्रा 90 लाख टन और बाकी 60 लाख टन सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल होता है। इंडोनेशिया और मलेशिया दो ऐसे देश हैं जो पाम तेल की आपूर्ति करते हैं।

1 साल में डबल दाम
घरेलू खाद्य तेल की कीमतें बीते 1 साल में दोगुने से ज्यादा हो गई हैं। भारत अपनी खाद्य तेल की मांग का लगभग दो-तिहाई आयात के माध्यम से पूरा करता है। उद्योग निकाय एसईए के आंकड़ों के अनुसार, कच्चे पाम तेल के अधिक आयात होने के कारण, भारत के पामतेल का आयात मई 2021 में 48 प्रतिशत बढ़कर 7,69,602 टन हो गया। दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार भारत ने मई 2020 में 4,00,506 टन पाम तेल का आयात किया था।