नई दिल्ली। देश की वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी भारत बायोटेक ने बुधवार को अपने कोवैक्सीन टीके के तीसरे चरण के ट्रायल का अंतरिम डेटा जारी कर दिया है। ट्रायल के परिणामों को लेकर भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने कहा कि कोवैक्सीन टीके की क्लिनिकल प्रभावकारिता 78 फीसदी और गंभीर COVID-19 रोग के खिलाफ 100 फीसदी प्रभावकारिता है।
बता दें कि कंपनी के दूसरे अंतरिम विश्लेषण में कोरोना वायरस के 87 से अधिक मरीजों पर किया गया है। हाल के मामलों में वृद्धि के कारण कोरोना वायरस के लक्षण वाले 127 केस शामिल किए गए। जिसके बाद देखा गया किय हल्के, मध्य और गंभीर कोरोना रोगियों के खिलाफ यह टीका 78 फीसदी तक प्रभावी हुआ।
गंभीर कोविड-19 रोग के खिलाफ इसकी प्रभावकारिता 100 फीसद है, जिसका अस्पताल में भर्ती होने पर प्रभाव कम हुआ। एसिम्टोमैटिक कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ प्रभावकारिता 70 फीसद थी। कंपनी ने कहा कि टीके की सुरक्षा और क्षमता को लेकर आखिरी रिजल्ट जून में उपलब्ध होंगे।
भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को भारत में तथा कई अन्य देशों में कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकालीन प्रयोग के लिए अधिकृत किया गया था। आईसीएमआर ने ट्वीट किया, “आईसीएमआर का अध्ययन दिखाता है कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार परिवर्तित किस्मों के खिलाफ भी प्रभावी रूप से काम करता है।”
बता दें कि कोवैक्सीन एक स्वदेशी टीका है जिसका निर्माण भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने साथ मिलकर किया है। इस टीके के भी दो डोज हैं। देश में टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। पहले चरण के डाटा के मुताबिक इस चरण में टीके की प्रभावकारिता थोड़ी कम हुई है। पहले के चरण में यह 81 फीसदी तक प्रभावी था। हालांकि, फाइनल आंकड़े आने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि यह टीका कितने प्रतिशत तक प्रभावी है।