कोरोना वैक्सीन अभी नहीं मिलेगी खुले बाजार में, जानिए इसके पीछे की वजह

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ देश में टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। अभी प्राथमिकता वाले समूहों के तीन करोड़ लोगों को टीका लगाया जा रहा है। खुले बाजार में फिलहाल कोरोना वैक्सीन की बिक्री शुरू होने की उम्मीद कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यह बात कही है। उन्‍होंने कहा कि अभी केंद्र सरकार का पूरा ध्यान सात से आठ महीने के भीतर प्राथमिकता वाले समूहों के लोगों को कोविड वैक्‍सीन लगाना है।

भूषण ने कहा कि अभी देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के प्रतिबंधित इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। इन दोनों वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनियों से और आंकड़े मांगे गए हैं। कंपनियों ने आंकड़े देने के लिए कुछ समय मांगा है। भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) की तरफ से जब तक इन दोनों कंपनियों की तरफ से उपलब्ध कराए जाने वाले आंकड़ों को मंजूरी नहीं मिल जाती, वैक्सीन को खुले बाजार में बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

भूषण ने कहा कि अभी यह भी तय नहीं किया गया है कि इन दोनों वैक्सीन को खुले बाजार में बेचने के लिए दोनों कंपनियों को कब तक अधिकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान सात से आठ महीने के भीतर प्राथमिकता वाले समूहों के लोगों को टीका लगाने पर है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत समेत किसी भी देश में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी वाली कोरोना वैक्सीन को खुले बाजार में बेचने की अनुमति नहीं दी गई है।

उल्‍लेखनीय है कि डीसीजीआई ने इस महीने के शुरू में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के प्रतिबंधित इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इसके बाद ही 16 जनवरी को देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। टीकाकरण में इन्‍हीं दोनों टीके का इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की मानें तो 23 जनवरी तक देशभर में 27,776 सत्रों में कुल 15,37,190 लोगों को टीका लगाया जा चुका है।