आयकर छापा : जयपुर में 3 कारोबारी समूहों के यहां 1500 करोड़ का कालाधन उजागर

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जयपुर। जयपुर के तीन कारोबारी समूहों के ठिकानों पर दो दिन से जारी आयकर छापों में 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज मिले हैं। आयकर विभाग की चौरड़िया डेवलपर्स ग्रुप, गोकुल कृपा बिल्डर्स और सिल्वर आर्ट ग्रुप पर छापे की कार्रवाई जारी है। कार्रवाई गुरुवार तक जारी रह सकती है। आयकर छापों में बेनामी प्रॉपर्टी के रूप में नकदी, ज्वैलरी, बैंक लॉकर, फिक्स्ड डिपॉजिट और शेयर ट्रांजेक्शंस के दस्तावेज़ मिले हैं।

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक गोकुल कृपा बिल्डर्स और सिल्वर आर्ट ग्रुप के साझे में कारोबार के सबूत मिले हैं। गोकुल कृपा बिल्डर्स के मानसरोवर स्थित कार्यालय के बेसमेंट से गुलाबी रंग की पोटली में बंधे हुए बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए। गुलाबी पोटलियों में प्रॉपर्टी की कैश में खरीदी की रसीदें भी जब्त की गई हैं। डायरियों में बड़े पैमाने पर कैश लेनदेन का हिसाब भी मिला है। बिल्डर समूह द्वारा रेरा में 765 करोड़ के प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड करा रखे हैं। इन एक भी प्रोजेक्ट का ग्रुप ने आयकर नहीं चुकाया। जब्त दस्तावेजों में गोकुल कृपा बिल्डर्स के 2018-19 में 100 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी बिना आयकर दिए खरीदने का भी खुलासा हुआ है।

फर्जी तरीके से जमीन खरीदने के दस्तावेज मिले
चौरड़िया डेवलपर्स समूह पर जारी आयकर छापे में अघोषित संपत्ति का खुलासा हुआ है। जयपुर में 250 करोड़ रुपए की जमीन के दस्तावेज मिले हैं, इनमें अजमेर रोड पर जमीनों निवेश के दस्तावेज मिले हैं। ग्रुप द्वारा कुल 430 करोड़ रुपए के कारोबार का भी खुलासा हुआ है। कई कंपनियों में फर्जी तरीके से निवेश करने के दस्तावेज भी मिले हैं। 133 करोड़ रुपए की कंपनी को फर्जी तरीके से खरीदने के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। चौरड़िया ग्रुप के सहयोगी कारोबारियों पर भी आयकर विभाग की नजर है।

SC-ST वर्ग के लोगों के नाम से बेनामी संपत्तियां खरीदीं
आयकर छापों में सिल्वर आर्ट ग्रुप के कोड वर्ड से किए बेनामी कारोबार के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। छापों में 122 करोड़ कैश लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं, जिसमें विदेशी यात्रियों को भारी पैमाने पर नकदी में बेची गई ज्वेलरी के दस्तावेज भी शामिल हैं। 100 करोड़ से ज्यादा नकद में जवैलरी बेचने के दस्तावेज जब्त किए हैं। आयकर विभाग के जब्त दस्तावेजों के मुताबिक काले धन से बड़े पैमाने पर अचल संपत्तियां खरीदी गई। सिल्वर आर्ट ग्रुप द्वारा बड़े पैमाने पर SC-ST के लोगों के नाम पर खरीदी गई बेनामी संपत्तियों का पता चला है।