जयपुर। राजस्थान में सिर्फ 3 दिन में 14 जिलों में 622 कोरोना वैक्सीन की डोज बर्बाद हो गईं। जबकि केंद्र ने वैक्सीनेशन से पहले ही सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि एक भी बूंद बर्बाद न हो। तय किया था कि जिनके नाम सूची में हैं, उनके अलावा भी कुछ के नाम रिजर्व में रखे जाएंगे।
जयपुर में 158, नागौर में 88, उदयपुर में 69, कोटा में 53, भरतपुर में 47, डूंगरपुर में 46, गंगानगर में 44, अलवर में 37 व जाेधपुर में 21 व 5 अन्य जिलों में 59 डोज खराब हुईं। एनएचएम निदेशक नरेश ठकराल ने जिलों को लिखा कि सभी प्रभारी सुनिश्चित करें कि टीके का अधिकतम इस्तेमाल हो।
राजस्थान के लिए कोरोना टीके की दूसरी खेप भी बुधवार को आ गई। इस बार केवल कोविशील्ड के 5,50,500 टीके आए हैं। पहली खेप में 5,63,500 टीके आए थे। 6 दिन बाद ही दूसरी खेप भी भेज दी गई।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि वैक्सीन निर्माताओं की बयानबाजी के कारण कम हेल्थ वर्कर्स आ रहे हैं। भारत बायोटेक अगर गाइडलाइंस पहले जारी कर देती तो लोगों का वैक्सीन पर भरोसा बढ़ता।
वैक्सीनेशन के नियम
सेंटर पर 10 के गुणांक में लोग नहीं आते हैं तो डोज बर्बाद होती है। जैसे कहीं 100 लोगों को डोज लगनी है, पर 63 आए तो 7 डोज बेकार होती हैं क्योंकि एक वाॅयल में 10 डोज होती हैं और एक बार खुलने के बाद 4 घंटे में ही इस्तेमाल हो सकती है।
एप में दिक्कत
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए एप को दोषी बता रहे हैं। उनका कहना है कि कोविन एप केंद्र के अधीन है और उनकी वजह से परेशानी हो रही। हमारे स्तर पर सब योजनाबद्ध है। कोई गुंजाइश है तो सही कर देंगे।
10% वेस्टेज संभव
स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन बोले केंद्र की गाइडलाइन है 10% वेस्ट हो सकता है। यहां 10% भी खराब नहीं हो रहा। फिर भी जिलों से कहा है अधिकतम उपयोग करें।