केन्द्र के अध्यादेशों में न्यूनतम समर्थन मूल्य अनिवार्य किया जाए

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से भेंट करते भारतीय किसान संघ का प्रतिनिधिमंडल। (फाइल फोटो )
  • अध्यादेशों में संशोधनों को नहीं माना तो भारतीय किसान संघ करेगा आन्दोलन
  • कृषि उपज के व्यापार संबंधी तीन अध्यादेशो में संशोधन की मांग

कोटा। भारतीय किसान संघ के संभागीय प्रवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि भारतीय किसान संघ की ओर से प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों और 21 सूत्रीय मांगपत्र के समर्थन में प्रदेशव्यापी आन्दोलन किया गया है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे कृषि उपज व्यापार संबंधी अध्यादेश को लेकर सरकार से बात हुई है। जिसे लेकर भारतीय किसान संघ ने महत्वपूर्ण सुझाव केन्द्र सरकार को दिए हैं। यदि केन्द्र सरकार की ओर से सुझावों पर अमल करते हुए संशोधन नहीं किए गए तो केन्द्र सरकार के खिलाफ भी आन्दोलन किया जाएगा। संघ के द्वारा ग्राम समितियों से अध्यादेशों को लेकर सुझाव मांगे जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि संशोधनों को लेकर भारतीय किसान संघ का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मिला है। इस दौरान भारतीय किसान संघ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि ऊपज के व्यापार सम्बन्धी लाए जा रहे तीनों अध्यादेशों में खामियां है। जिस पर तोमर ने सकारात्मक रूख रखते हुये कृषि व किसान हित में आवश्यक विचार करने का आश्वासन दिया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की ओर से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में सुधार अध्यादेश, कृषि ऊपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण ) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अध्यादेश लाए जा रहे हैं।

मेहता ने बताया कि भारतीय किसान संघ की ओर से चार सुझाव दिए गए हैं। जिसमें कहा कि सभी प्रकार की खरीद समर्थन मूल्य पर होने का कानूनी प्रावधान होना चाहिए। वहीं निजी व्यापारियों का राज्य एवं केंद्र स्तर पर पंजीयन आवश्यक हो तथा उनकी बैंक सेक्युरिटी हो। जो एक पोर्टल के द्वारा सबके लिए उपलब्ध रहे।

स्वतंत्र कृषि न्यायालयों की व्यवस्था हो
इस संदर्भित जो भी विवाद हों उनके समाधान हेतु स्वतंत्र कृषि न्यायालयों की व्यवस्था हो और सब विवादों का निपटारा किसान के गृह जिले में ही होना चाहिए। इसके अलावा इन अध्यादेशों में ‘किसान’ की परिभाषा में कार्पोरेट कंपनियां भी एक किसान के रूप में आ रही हैं। उसको भी तर्कसंगत बनाकर जो केवल कृषि पर ही निर्भर हैं, वहीं इस परिभाषा में किसान माना जावे। यह सुधार होना चाहिए। इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी, अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर व अखिल भारतीय मंत्री साई रेड्डी मौजूद थे।