घरेलू मांग सुस्त रहने एवं अच्छी बिजाई से जीरा में भारी तेजी की संभावना कम

0
9

राजकोट। Cumin Price: दोनों प्रमुख उत्पादक प्रांतों- गुजरात एवं राजस्थान में आरंभिक सुस्ती के बाद जीरा की बिजाई की गति अब तेज होने लगी है। गुजरात में क्षेत्रफल 2 लाख हेक्टेयर से आगे निकल गया है।

प्रमुख खपत केन्द्रों एवं थोक बाजार में जीरा की मांग सुस्त पड़ गई है जबकि बिजाई में आ रही तेजी को देखते हुए बड़े-बड़े उत्पादकों ने अपने स्टॉक की बिकवाली बढ़ा दी है। अब मुख्यत: निर्यात मांग के सहारे जीरा के दाम में तेजी की उम्मीद रखी जा रही है।

व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक घरेलू एवं निर्यात मांग को पूरा करने के लिए देश में जीरा का पर्याप्त स्टॉक अभी मौजूद है और गुजरात की ऊंझा मंडी में इसकी औसत दैनिक आवक भी बढ़ते हुए 18-20 हजार बोरी पर पहुंच गई है। दिसावरी व्यापारी सीमित मात्रा में इसकी खरीद कर रहे हैं जबकि निर्यातकों की मांग सामान्य बताई जा रही है।

वैश्विक स्तर पर सीरिया अभी जबरदस्त गृह युद्ध में फंसा हुआ है जिससे वहां से जीरा का निर्यात लगभग ठप्प पड़ गया है। तुर्की और ईरान भी वहां व्यस्त है लेकिन तुर्किए से निर्यात ज्यादा प्रभावित नहीं हो रहा है।

भारत सबसे सुरक्षित निर्यातक देश है इसलिए आयातकों का आकर्षण भारतीय जीरे की तरफ ज्यादा है। सीरिया, तुर्किए एवं ईरान में जीरा का निर्यात योग्य सीमित स्टॉक बचा हुआ है इसलिए आगामी समय में मुस्लिम बहुल देशों में यदि रमजान की जोरदार मांग निकलती है तो कीमतों में कुछ तेजी आ सकती है।

गुजरात में जीरा का उत्पादन क्षेत्र 2.11 लाख हेक्टेयर से कुछ ऊपर पहुंचा है मगर पिछले साल के कुल क्षेत्रफल तक इसका पहुंचना मुश्किल लगता है क्योंकि चालू वर्ष के दौरान इस महत्वपूर्ण मसाले की कीमत में पिछले साल वाली तेजी नहीं देखी जा रही है। वैसे जीरे की बिजाई के लिए मौसम अब धीरे-धीरे अनुकूल होता जा रहा है।

राजस्थान में भी हाल के दिनों में बिजाई की रफ्तार कुछ तेज हुई है। नए जीरे की आवक अगले साल फरवरी-मार्च में शुरू होगी और तब तक के लिए इसका समुचित स्टॉक मौजूद रहेगा। निर्यात प्रदर्शन बेहतर बना हुआ है।