बूंदी अभ्यारण्य में 23 दिन बाद दूसरे बाघ की एंट्री, सॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ा

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कोटा। रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बाघिन टी 114 के दो शावकों को बीते 2 सालों से कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के एंक्लोजर में रखा हुआ था, जिन्हें लंबे समय से टाइगर रिजर्व में रिलीज करने की मांग वन्यजीव प्रेमी उठा रहे थे । आखिर में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के निर्देश के बाद बुधवार को एक मेल टाइगर को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया है।

हालांकि अभी भी एक फीमेल टाइग्रेस को रिलीज का इंतजार है, जिसे अगले सप्ताह शिफ्ट करने की बात अधिकारी कह रहे हैं। कोटा के उपवन संरक्षक वन्यजीव अनुराग भटनागर ने बताया कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन्य जीव प्रतिपालक राजस्थान के निर्देश पर ही मेल टाइगर शावक को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया है।

इस दौरान सीसीएफ आरके खैरवा, डीसीएफ मुकुंदरा मुथु एस, डॉ राजीव गर्ग, डॉ तेजेंद्र रियाड, दौलत सिंह शक्तावत, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के फील्ड बायोलॉजिस्ट राजशेखर मौजूद रहे।आपको बता दें कि करीब ढाई महीने की उम्र में दोनों शावकों को 31 जनवरी, 2023 को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था। क्योंकि इनकी मां टी-114 की मौत हो गई थी।

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया कि सुबह 11:15 बजे टाइगर को ट्रेंकुलाइज किया गया था। उसके बाद रेडियो कॉलर लगाया। शावक के शरीर का मेजरमेंट और सैंपल लिए गए थे। बाद में शावक को लेकर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के लिए रवाना हो गए थे। जहां पर उसे जैतपुर रेंज में बने 5 हेक्टेयर के एंक्लोजर में सॉफ्ट रिलीज किया गया है।

इसके बाद उसे कुछ दिन इसमें रखा जाएगा और बाद में हार्ड रिलीज उच्च अधिकारियों की सहमति से की जाएगी। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में अब कुल छह बाघ-बाघिन हो गए हैं। इनमें से तीन मेच्योर और तीन सब एडल्ट हैं। तीन मेच्योर बाघों में दो मेल और एक फीमेल है। जबकि सब एडल्ट में दो बाघिन और एक बाघ है.

डीसीएफ ने बताया कि दोनों शावकों को जंगली बनाए रखने का पूरा प्रयास किया गया है। क्योंकि शावकों को रिवाइल्ड किया जाना था। इसलिए पार्क के मैनेजमेंट व वरिष्ठ पशु चिकित्सकों के निर्देश में ही शावकों का लालन पालन जीरो मोबिलिटी में किया है। उन्हें जंगली बनाए रखने के लिए पूरी तरह से केयरटेकर और स्टाफ से दूर रखा जाता था और सीसीटीवी से मॉनिटरिंग की जाती थी।यहां तक कि उन्हें शिकार करना भी सिखाया गया है। इसके लिए उन्हें लाइव बेट उपलब्ध कराए गए।

दूसरे शावक को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट होना है। डीसीएफ मुथु एस का कहना है कि आज एक शावक को शिफ्ट किया है और करीब एक सप्ताह में ही दूसरे को भी शिफ्ट करने की योजना है।आज शिफ्ट किए गए शावक के बिहेवियर को नोट किया जाएगा।

उस पर पूरी तरह से निगरानी रखी जाएगी, कहीं वह स्ट्रेस में तो नहीं है। सब कुछ नॉर्मल रहने के बाद इसे भी मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया जाएगा। फिलहाल मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक बाघिन और एक बाघिन है।