सरकारी स्कूल में नमाज अदा करने के आरोप में दो शिक्षिकाओं पर कार्रवाई

0
8

अजमेर। राजस्थान के ब्यावर जिले के एक सरकारी स्कूल में नमाज अदा करने के आरोप में दो शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की गई है। स्कूल समय में शाला परिसर के अंदर दो शिक्षिकाओं को नमाज अदा करने और विद्यार्थियों को नमाज पढ़ने के लिए उकसाने पर एक शिक्षिका असमा परवीन को निलंबित कर दिया गया है। जबकि एक शिक्षिका शगुफ्ता को निलंबित करने की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। ब्यावर खास सरकारी स्कूल का मामला है आरोप है कि दोनों शिक्षिका स्कूल परिसर में ही नमाज पढ़ती थीं।

ब्यावर के जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक अजय कुमार गुप्ता के मुताबिक, “पिछले लंबे समय से ब्यावर खास स्कूल में दो शिक्षिकाएं स्कूल में स्टूडेंट्स को नमाज पढ़ने के लिए उकसाती थीं, इसकी शिकायत भी शिक्षा विभाग को मिली थी। जांच के बाद आरोप सही पाया गया। इस वजह से शिक्षिका असमा परवीन को सस्पेंड कर दिया गया। जबकि, दूसरी शिक्षिका शगुफ्ता सेकंड ग्रेड में होने की वजह से अपने स्तर पर सस्पेंड नहीं किया जा सकता था। शगुफ्ता पर कार्रवाई के लिए संयुक्त निदेशक कार्यालय को भेज दिया है।”

दोनों शिक्षिकाओं को कई बार स्कूल प्रशासन ने भी हिदायत दी थी, इसके बाद भी दोनों शिक्षिकाओं पर कोई असर नहीं पड़ा. स्कूल प्रशासन और गांव वालों ने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की। जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार गुप्ता ने एक जांच कमेटी बनाकर अतीत मंड स्कूल की प्रिंसपल विमल चौहान और गणेशपुरा स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील व्यास को जांच के आदेश दिए। जांच में दोनों ही शिक्षिकाओं ने स्कूल परिसर में नमाज पढ़ने की पुष्टि हो गई।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक बयान दिया था कि टीचर स्कूल छोड़कर नमाज पढ़ने नहीं जा सकते। उन्होंने कहा था कि नमाज के नाम पर स्कूल से गायब होने वाले शिक्षकों भी लगाम कस दिया है। नमाज और पूजा-पाठ के नाम पर स्कूल छोड़कर जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा था कि कोई शिक्षक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होना चाहता है तो वह छुट्टी लेकर जा सकता है।