शराब घोटाले के मामले में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल जमानत पर बाहर

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नई दिल्ली। Kejriwal Bail : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा हो गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर निकलने के बाद समर्थकों का अभिवादन किया।  ‘तिहाड़ से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कहा कि भगवान ने मेरा साथ दिया। मैं सही था, इसलिए बाहर आया।’

भावुक होते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं देशविरोधी ताकतों से लड़ूंगा। इन लोगों ने मुझे जेल भेजा। मेरा हौंसला 100 गुणा बढ़ गया है। जेल की सलाखें मुझे कमजोर नहीं कर पाईं, आपकी दुआओं के कारण आज मैं बाहर हूं। मेरे खून का कतरा-कतरा देश के लिए है।’

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी। केजरीवाल पिछले छह महीने से कथित शराब नीति घोटाले के मामले में जेल में थे। दो महीने पहले, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें कुछ दिनों के लिए जमानत मिली थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के बेल बॉन्ड और दो जमानत राशियों पर जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले पर पब्लिक में कोई बयान न देने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति भुइयां ने केजरीवाल को रेगुलर जमानत देने पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत की राय से सहमति जताई। बेंच ने अपने फैसले में कहा कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं थी और जांच के मकसद से ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा नहीं है, जो पहले से किसी अन्य मामले में हिरासत में हो।

न्यायमूर्ति भुइयां ने सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था। उन्होंने कहा कि सहयोग न करने का मतलब आत्म-दोषारोपण नहीं हो सकता। अरविंद केजरीवाल मामले पर न्यायमूर्ति उज्ज्वल ने कहा कि सीबीआई को ऐसी धारणा दूर करनी चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता है, उसे दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है।

फैसला सुनाते समय न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि केजरीवाल के गोलमोल जवाबों का हवाला देकर सीबीआई गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत में रखे नहीं रह सकती। साथ ही उन्होंने कहा कि जब केजरीवाल को ईडी मामले में जमानत मिल गई है तो उन्हें हिरासत में रखना न्याय की दृष्टि से ठीक नहीं होगा।

इन शर्तों पर मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देते समय कुछ शर्तें लगाई हैं। इन शर्तों के तहत वह मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे और किसी भी सरकारी फाइल पर साइन करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, उन्हें 10 लाख रुपये का बॉन्ड भी भरना होगा। केजरीवाल को मुकदमे से जुड़े किसी भी मामले पर सार्वजनिक बयान देने की भी मनाही है, और वह गवाहों से कोई बातचीत या उन पर कोई प्रभाव नहीं डाल सकेंगे।

केजरीवाल की पत्नी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

केजरीवाल को जमानत मिलने पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा, “आप परिवार को बधाई! अन्य नेताओं की भी जल्द रिहाई की कामना करती हूं।”

आप नेताओं ने मनाया जश्न
मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और आतिशी सहित AAP नेताओं ने कथित आबकारी नीति घोटाले में CBI द्वारा दर्ज़ भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली CM केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़मानत दिए जाने पर जश्न मनाया और मिठाई बांटी।

केजरीवाल कब हुए थे गिरफ्तार?
केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में पहली बार 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। फिर 26 जून को सीबीआई ने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया, जहां वे न्यायिक हिरासत में थे। यह मामला दिल्ली की अब रद्द कर दी गई शराब नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। यह नीति नवंबर 2021 में लागू की गई थी और सितंबर 2022 में रद्द कर दी गई थी। इसे रद्द करने से कुछ महीने पहले, मई में, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने इस नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।