लोकसभा में सुरक्षा चूक पर राज्यसभा में हंगामा, स्पीकर ने टीएमसी सांसद ब्रायन को किया सस्पेंड

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नई दिल्ली। Security lapse in Lok Sabha: संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में आज जमकर हंगामा हुआ। राज्यलभा में तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को अनियंत्रित व्यवहार के लिए इस सत्र के बाकी बच्चे हिस्से से सस्पेंड कर दिया गया। आपको बता दें कि टीएमसी सांसद उस घटना पर चर्चा की मांग कर रहे थे।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बंगाल के नेता का नाम लिया और उन्हें तुरंत सदन छोड़ने का निर्देश दिया। धनखड़ ने उन्हें संसद के इस सत्र के लिए सस्पेंड करते हुए कहा, “डेरेक ओ’ब्रायन को तुरंत सदन छोड़ने के लिए नामित किया गया है। डेरेक ओ’ब्रायन का कहना है कि वह सभापति की अवहेलना करेंगे। उनका कहना है कि वह नियमों का सम्मान नहीं करेंगे। यह एक गंभीर मामला है। यह शर्मनाक है घटना है।”

एक बार के स्थगन के बाद पूर्वाह्न 12 बजे उच्च सदन की कार्यवाही होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने ओब्रायन का नाम लिया और उनके निलंबन की कार्यवाही शुरु की। सभापति द्वारा जब किसी सदस्य का नाम लिया जाता है तो इसका अर्थ सदस्य के निलंबन की कार्यवाही का आरंभ होना होता है। ऐसा तब होता है जब कोई सदस्य पीठ के प्राधिकार का अनादर कर रहे हों अथवा सभा के कार्य में लगातार और जानबूझ कर बाधा डालते हुए सभा के नियमों का दुरुपयोग कर रहे हों।

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे धवनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद धनखड़ ने घोषणा की, ”डेरेक ओब्रायन इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाते हैं।” इस घोषणा के बाद विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘डेरेक का निलंबन नहीं सहेंगे’ जैसे नारे लगाने लगे।

हंगामे के बीच ही सभापति ने प्रश्नकाल आरंभ करने की कोशिश की। हालांकि विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। लिहाजा, सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजकर 05 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर विपक्षी सदस्यों ने संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को हुई सुरक्षा में चूक को लेकर भारी हंगामा किया, जिसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

सभापति ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें 28 नोटिस प्राप्त हुए हैं लेकिन यह स्वीकार किए जाने लायक नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने शून्य काल आरंभ कराया। इसी दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा कर रहे कुछ सदस्य आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्य ‘गृह मंत्री सदन में आओ, सदन में आकर जवाब दो’ जैसे नारे लगा रहे थे।

विपक्षी सदस्यों के आचरण पर आपत्ति जताते हुए सभापति ने उनसे आसन के निकट नहीं आने का बार-बार आग्रह किया। एक बार तो उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओब्रायन के आचरण को अनुशासनहीता करार दिया और उनका नाम लेते हुए उन्हें सदन से बाहर चले जाने को कहा। इसके बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा और ओब्रायन सदन में ही रहे। हंगामा नहीं थमता देख सभापति ने 11 बजकर 22 मिनट पर कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।