इंट्यूटिव शक्ति से बच्चों ने आंखों पर पट्टी बांध ड्राइंग में भरा रंग, पहचाना नोट का रंग

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आर्ट ऑफ लिविंग की दो दिवसीय कार्यशाला

कोटा। आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कोटा में एक होटल में किया गया। इस दौरान बच्चों ने इंट्यूटिव शक्ति (Intuitive Power) के बारे में जाना। कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को बच्चों ने इंट्यूटिव शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव भी महसूस किया।

मीडिया के सामने उन्होंने आंखों पर पट्टी बांधकर कर ड्राइंग में कलर भरकर दिखाया। इतना ही नहीं एक बालिका ने तो आंखों ऊपर पट्टी बांधकर 100 के नोट का कलर और एटीएम कार्ड के नंबर तक पढ़कर बता दिए। कोर्डिनेटर के के अग्रवाल ने बताया आर्ट ऑफ लिविंग (Art Of Living) की प्रशिक्षिका मेघना सोटी ने कार्यशाला में 5 से 18 वर्ष के 52 बच्चों को प्रशिक्षण दिया।

इस प्रोग्राम में ध्यान व अन्य सहज प्रक्रिया द्वारा बच्चों की इंट्यूटिव शक्ति (Intuitive Power) उजागर की। श्री श्री रविशंकर कहते हैं अंतर्प्रज्ञा यानि मन में सही समय पर सही विचार का आना अपनी अतंर्ज्ञान क्षमताओं तक पहुंचने का अर्थ है, अपनी अंतरात्मा से जुड़ना।

आर्ट ऑफ लिविंग प्रज्ञा योग कार्यक्रम 5 से 18 साल के बच्चों का एक विशेष कार्यक्रम है, जो बच्चो को पांच इन्द्रियों से परे जाने और अंतः प्रज्ञा यानि छठी इंद्री को समझने में सक्षम बनाता है।

हम सब एक सहज इंट्यूटिव योग्यता है, जो हमें अपनी इंद्रियों के परे देखने की क्षमता देती है। बच्चो में यह क्षमता अधिक होती है। क्योंकि वह मानसिक रूप से तरोताजा और वासनाओं रहित है और प्रकृति से लयबद्ध है।

अपेक्स मेंबर सुनील बाफना ने बताया कि एक विकसित अंतः प्रज्ञा अच्छे निर्णय लेने, बेहतर तरीके से संवाद करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायता करती है। अंतः प्रज्ञा खोज करने और नव परिवर्तन लाने में सहायता करती है। इससे शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन और पारस्परिक सम्बन्धों में सुधार आता है।