कोटा दशहरा 2022: गुलाम अब्बास और सुजाता गुरव के शास्त्रीय गायन पर झूमे श्रोता

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कोटा। राष्ट्रीय दशहरा मेले में रविवार को शास्त्रीय गायन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान प्रख्यात शास्त्रीय गायक गुलाम अब्बास और सुजाता गुरव ने शास्त्रीय प्रस्तुतियों से मनमोह लिया।

पुलिस महानिरीक्षक प्रसन्ना कुमार, ब्रह्माकुमारी की जोनल प्रभारी उर्मिला दीदी, गायत्री गौशाला की अध्यक्ष विष्णु मित्तल, मेला अध्यक्ष मंजू मेहरा, मेला अधिकारी गजेंद्र सिंह, सहायक मेला अधिकारी मुख्य अभियंता प्रेमशंकर शर्मा, उप महापौर पवन मीणा, उपायुक्त अंबालाल मीणा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

गुलाम अब्बास ने शास्त्रीय गायन की शुरुआत ख्याल से की। उन्होंने राग बिहाग में “सजनवा आए मोरे मंदर… ” गाकर लोगों का मनमोहा। इसके बाद उन्होंने दादरा की प्रस्तुति देते हुए “ये मैं जानु या जाने मोरा राम सजन…” सुनाया। उन्होंने गजल “ये आँखे तुम्हारी गजल कह रही हैं… ” सुनाकर झूमने पर मजबूर कर दिया।

इससे पहले विदुषी सुजाता गुरव ने किराना घराने की भारतीय शास्त्रीय संगीत की शानदार प्रस्तुतियां दी। उन्होंने ख्याल गायकी से शुरुआत की। सुजाता ने राग नंद में ” ढूंढो मेरे सईयां..” गाया तो तालियों से पांडाल गूंज उठा।

इसके बाद गति बढ़ाते हुए उन्होंने द्रुत ख्याल शैली में ” अजहुं न आए मोरे श्याम…” सुनाया। इसके बाद ठुमरी ” लागि मोरे नैना…” गाकर मंत्र मुग्ध कर दिया। सुजाता गुरव ने भजन ” सांवरिया आ जइयो…” सुनाया। कबीर दास के भजन “सखी मेरो मन लागो फकीरी में…जो सुख पायो राम भजन में, वो सुख नाहीं अमीरी में…” सुनाया तो हर कोई सिर हिलाकर झूमने लगा। कार्यक्रम में सारंगी पर विजय कुमार धान्दडा, हारमोनियम पर तुलसीदान तथा तबले पर गुलाम सुल्तान नियाजी ने संगत की।