Wednesday, October 9, 2024
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58 लाख के क्लेम डिलीट करने की जांच होगी

कोटा। एमबीएस अस्पताल में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों के कैशलेस उपचार के बावजूद क्लेम डिलीट कर सरकार को 83 लाख का नुकसान के मामले में आखिर राज्य सरकार ने जांच के निर्देश दे दिए हैं।

एनएचएम के निदेशक नवीन जैन ने कोटा जोन के बीएसबीवाई के नोडल ऑफिसर और चिकित्सा विभाग के उपनिदेशक डॉ. एमपी सिंह को मामले की जांच करने को कहा हैं। 

दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज और एमबीएस प्रशासन ने इस मामले में आंखें मूंदी हुई हैं। अब तक किसी ने भी योजना के क्रियान्वयन से जुड़े कार्मिकों और अधिकारियों से जवाब तक भी नहीं मांगा हैं।

गौरतलब है कि एमबीएस अस्पताल ने 7 से 9 जुलाई के बीच भामाशाह योजना के तहत कैशलेस उपचार के लिए भर्ती 997 मरीजों के 57 लाख 84 हजार 545 रुपए के क्लेमों की प्रक्रिया को पूरी कर सबमिट करने की जगह डिलीट कर दिया था।

ताकि राज्य सरकार पेडिंग क्लेम पर नोटिस व कार्यवाही नहीं करें। इन मरीजों के इलाज में करीब 25 लाख रुपए भी अस्पताल के खर्च हुए थे।

एमबीएस अधीक्षक डॉ. पीके तिवारी का कहना है कि इस मामले में जांच करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज से कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं। ना ही जांच के लिए कोई कमेटी बनाई हैं। मैं इस मामले को देख रहा हूं। 

उपनिदेशक डॉ. एमपी सिंह का कहना है कि एमडी ने जांच करने को कहा है, जिसकी कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द जांच कर रिपोर्ट जयपुर भेज देंगे।

 

मंजू फिर कोटा महिला नागरिक बैंक की अध्यक्ष

कोटा। कोटा महिला नागरिक सहकारी बैंक में मंजू बिरला फिर से अध्यक्ष चुनी गईं। जबकि उपाध्यक्ष विधायक संदीप शर्मा की पत्नी गीता शर्मा बनी। मंगलवार को अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव हुए। इसमें दोनों पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। बिरला गुट के पहले से ही 12 डायरेक्टर चुने गए थे। उनको ही अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनना था।

मंगलवार को दोनों काे निर्वाचित घोषित कर दिया। इसके बाद दोनों को शपथ दिलाई गई। इस दौरान सभी डायरेक्टर सुरभि झामनानी, उषा न्याती, लता गर्ग, सुनीता नायक, सुनीता कोहली, श्वेता जैन, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोनिका तंवर, उर्मिला कुमारी, निलिमा मीणा, प्रियंका मौजूद थीं।

 

पेट्रोल पंप पर मिलेंगी बैंकिंग सेवाएं, एयरटेल पेमेंट बैंक ने मिलाया HPCL से हाथ

नई दिल्ली । एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने बताया कि उसने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के साथ रणनीतिक समझौता किया है।

इस करार के तहत एचपीसीएल के देशभर में सभी 14,000 पेट्रोल पंप जल्द ही एयरटेल पेमेंट्स बैंक के लिए एक बैंकिंग प्वाोइंट के रूप में काम करेंगे जहां ग्राहकों को नए खाते खोलना के साथ-साथ कैश विदड्रॉल जैसी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

एयरटेल पेमेंट बैंक ने क्यों उठाया यह कदम: एयरटेल पेमेंट बैंक की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ग्राहकों को सहूलियत देने के साथ साथ यह देश में डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देगा। इसमें आगे कहा गया, “एचपीसीएल के सभी 14,000 फ्यूल स्टेशन एयरटेल पेमेंट बैंक के लिए बैंकिंग प्वाइंट के रूप में काम करेंगे।

एयरटेल पेमेंट बैंक के ग्राहक इन सभी फ्यूल स्टेशन पर सुविधाजनक बैंकिंग सुविधा का फायदा उठा सकेंगे, जैसे कि नया बैंक खाता खोलना, कैश डिपॉजिट और विदड्रॉल की सुविधा के साथ साथ पैसे ट्रांसफर करना।” इससे एयरटेल पेमेंट्स बैंक का रिटेल नेटवर्क बढ़ेगा।

 वर्तमान में 300,000 एयरटेल रिटेल आउटलेट्स बैंकिंग प्वांइंट के तौर पर काम कर रहे हैं। एयरटेल पेमेंट बैंक की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “एयरटेल पेमेंट्स बैंक के ग्राहक 14,000 एचपीसीएल पेट्रोल पंपों पर ईंधन खरीदने के लिए अपने मोबाइल फोन के जरिए सुरक्षित और सुविधाजनक डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे।”

बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर सस्ता

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नई दिल्ली। सब्सिडी वाले रसोई गैस एलपीजी सिलेंडर आज रात से दो रुपये महंगे हो गए जबकि बिना-सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत 40 रुपए कम की गयी है। सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत में वृद्धि सरकार के इस वित्त वर्ष के अंत तक सभी सब्सिडी को खत्म करने के निर्णय का हिस्सा है।

देश की सबसे बड़ी ईंधन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की दिल्ली में नयी कीमत अब 479.77 रुपये होगी जो पहले 477.46 रुपये थी।

सब्सिडी वाले रसोई गैस एलपीजी सिलेंडर आज रात से दो रुपये महंगे हो गए

इंडियन ऑयल ने कहा कि गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 524 रुपये है जो कल तक के 564 रुपये से कम है। इस प्रकार अब दोनों तरह के सिलेंडरों की कीमत का अंतर 44.23 रुपये रह गया है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कल लोक सभा में कहा था कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत हर महीने 4 रुपये बढ़ाने को कहा है ताकि अगले साल मार्च के अंत तक सभी तरह की सब्सिडी को हटाया जा सके।

इससे पहले सरकार ने इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत दो रुपये प्रति माह बढ़ाने के लिए कहा था।

सिलेंडर की कीमत में आज की गई वृद्धि 30 मई को सरकार के हर महीने 4 रुपये बढ़ाए जाने के आदेश के बाद तीसरी वृद्धि है। इससे पहले सिलेंडरों की कीमत में 1 जुलाई को 32 रुपये की वृद्धि की गई थी जो पिछले 6 सालों में की गई सबसे अधिक वृद्धि थी।

 

 

वित्त वर्ष 31 दिसंबर को खत्म हुआ तो जल्द करना होगा निवेश

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नई दिल्ली। सरकार वित्त वर्ष (1 अप्रैल-31 मार्च) को बदलकर 1 जनवरी से 31 दिसंबर करने की तैयारी में है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि यदि 31 दिसंबर 2017 को मौजूदा वित्त वर्ष समाप्त हो जाता है तो आप पर इसका क्या असर होगा।

1. जल्द आएगी डेडलाइन
प्रस्तावित बदलाव की रूपरेखा अभी सार्वजनिक नहीं है, लेकिन यह तर्कसंगत है कि यदि 31 दिसंबर को वित्त वर्ष का अंत होता है तो कई डेडलाइन आपने सामने तीन महीने पहले आ जाएगी।

 

  • कंपनियां अपने कर्मचारियों से सेक्शन 80C के तहत निवेश की जानकारी अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मांग लेंगी, ताकि दिसंबर तक टीडीएस की कटौती हो सके।
  • अडवांस टैक्स पेमेंट भी साल खत्म होने से पहले करनी होगी।
  • 2015-16 के लिए विलंब से रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर होगी।

2.जल्दी करना होगा निवेश

  • ऐसे टैक्सपेयर्स जो अपनी टैक्स प्लानिंग वित्त वर्ष के आखिरी तीन महीनों में करते हैं वे प्रभावित होंगे।
  • बीमा कंपनियों की 70% प्रीमियम आमदनी वित्त वर्ष के आखिरी तीन महीनों में होती है।
  • टैक्स सेविंग ELSS फंड में 50% आमद अंतिम तीन महीनों में ही होती है।
  • इनमें निवेश 31 दिसंबर से पहले करना होगा।
  • जनवरी-मार्च में खरीदे गए मेडिकल इंश्योरेंस के साथ भी यही होगा।
  • म्यूचुअल फंड के निवेशक एसआईपी को अडवांस कर सकते हैं, लेकिन इंश्योरेंस प्रीमियम का अडवांस पेमेंट उसी वित्त वर्ष में कर सकते हैं। नियमों में संशोधन करना होगा।
  • taxspanner.com के को-फाउंडर और सीएफओ सुधीर कौशिक कहते हैं, ‘टैक्सपेयर्स 31 दिसंबर से काफी पहले निवेश के लिए तैयार रहें, यदि टैक्स सेविंग निवेश का बड़ा हिस्सा जनवरी-मार्च अवधि में किया है।’

3. अग्रीमेंट्स को फिर से करना होगा ड्राफ्ट

  • रेंट अग्रीमेंट (जोकि आमतौर पर 1 अप्रैल से 31 मार्च के लिए तैयार किए जाते हैं) को दोबारा ड्राफ्ट करना होगा।
  • इंप्लॉइमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स को भी नए वित्त वर्ष के मुताबिक फिर से तैयार करना होगा।
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स एक्सपर्ट cleartax.in, प्रीति खुराना कहती हैं, ‘प्रॉपर्टी ऑनर्स और वेतनभोगी टैक्सपेयर्स जो एचआरए से छूट प्राप्त करते हैं, उन्हें रेंट अग्रीमेंट चेंज करना होगा।’

4. छूट और कटौती की सीमा हो सकती है कम

  • मौजूदा वित्त वर्ष 31 दिसंबर को खत्म होता है तो विभिन्न सेक्शन के तहत बेसिक छूट और कटौती की सीमा कम की जा सकती है।
  • अशोक माहेश्वरी ऐंड असोसिएट्स के पार्टनर अमित माहेश्वरी कहते हैं, ‘यदि सरकार टैक्स में नुकसान ना उठाए तो छूट और कटौती में प्रो राटा कमी की जा सकती है।’

5. विदेशों से आय प्राप्त करने वाले टैक्सपेयर्स को फायदा

  • वित्त वर्ष में प्रस्तावित बदलाव उन टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद है जो विदेशों से आय प्राप्त करते हैं। दुनिया के दूसरे देशों के वित्त वर्ष के साथ मिलान होने पर विदेशी इनकम की घोषणा करने में दुविधा दूर होगी।
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट शुभम अग्रवाल के मुताबिक, ‘प्रस्तावित बदलाव भारत के वित्त वर्ष को बाकी दुनिया के वित्त वर्ष से जोड़ देगा।’

6.सीजनल इनकम वाले टैक्सपेयर्स को कम टैक्स देना पड़ेगा

  • ऐसे लोग जिनकी अधिकांश आमदनी वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में होती है, उन्हें इस साल कम टैक्स देना होगा।

5 लाख व्यवसायियों ने चुनी कंपोजीशन स्कीम

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नई दिल्ली । पांच लाख व्यवसायियों ने जीएसटी कर व्यवस्था के अंतर्गत कंपोजीशन विकल्प को चुना है, जो उन्हें रियायती दर पर करों का भुगतान करने की अनुमति देता है और अनुपालन को आसान बनाता है। यह जानकारी सरकार ने दी है।

25 जुलाई तक करीब 71 लाख एक्साइज, सर्विस और वैट करदाता जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पर माइग्रेट हो चुके हैं, जबकि 12 लाख नए रजिस्ट्रेशन भी जीएसटी कर व्यवस्था के अंतर्गत हो चुके हैं।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया, “जीएसटी के अंतर्गत कंपोजीशन स्कीम का चयन करने वालों का आंकड़ा 30 जुलाई तक 5.12 लाख हो चुका है। इस विकल्प को चुनने की आखिरी तारीख 16 अगस्त है।”

कंपोजीशन स्कीम को चुनने के लिए क्या करना होगा
कंपोजीशन स्कीम को अपनाने के लिए टैक्सपेयर को जीएसटी पोर्टल (www.gst.gov.in) पर अपने अकाउंट में लॉग-इन करना होगा और एप्लीकेशन टू ऑप्ट फॉर द कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनना होगा, जोकि सर्विस मैन्यु में दिया हुआ होगा। उन्हें इस स्कीम को अपनाने के लिए GST CMP-01 फॉर्म भरना होगा।

इस स्कीम के तहत ट्रेडर्स, मैन्युफैक्चरर और रेस्तरां क्रमश: एक, दो और 5 फीसद का टैक्स भुगतान करेंगे। जो भी बिजनेस कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनेगा उस पर कंप्लाइंस का बोझ काफी कम होगा क्योंकि उन्हें सिर्फ तिमाही आधार पर एक रिटर्न ही दाखिल करना होगा। जबकि अन्य बिजनेस से जुड़े व्यापारियों को हर महीने एक रिटर्न भरना होगा।

स्नैपडील नहीं, ebay हुआ फ्लिपकार्ट में मर्ज

नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट और स्नैपडील के बीच चल रहीं बातचीत भले ही खत्म हो गई हो लेकिन फ्लिपकार्ट ने ईबे को जरूर मर्ज कर लिया है। दोनों ही कंपनियों ने मर्जर ऑपरेशन पूरा कर लिया है।

 ईबे, टेनेंट और माइक्रोसॉफ्ट से 1.4 अरब डॉलर की कमाई के बाद फ्लिपकार्ट ने इस डील की घोषणा अप्रैल में की थी। फ्लिपकार्ट में इक्विटी स्टेक के ट्रांसफर के लिए इबे ने 50 करोड़ डॉलर का नकद निवेश कर अपने बिजनेस को फ्लिपकार्ट को बेचा है।

यह घोषणा तब की गई जब एक दिन पहले ही स्नैपडील ने अपने बिजनेस को फ्लिपकार्ट को बेचने से मना कर दिया। स्नैपडील ने बताया कि दोनों पिछले 5 महीनों से विलय को लेकर बातचीत कर रहे थे। वहीं, फ्लिपकार्ट ने एक बयान में बताया कि कंपनी ईबे को ऑपरेट करेगी।

साथ ही ईबे एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर काम करेगी। कंपनी ने यह भी बताया कि उसे यह पार्टनरशिप इसलिए भी की है जिससे उसे सीमा पार व्यापार में मदद मिल पाए।

कंपनी ने बयान में बताया, “इस मर्जर से फ्लिपकार्ट यूजर्स को ईबे पर उपलब्ध अलग-अलग रेंज के प्रोडक्ट का भी ऑप्शन मिलेगा। वहीं, ईबे यूजर्स को फ्लिपकार्ट पर भारतीय प्रोडक्ट को खरीदने का ऑप्शन मिलेगा”। यह पार्टनरशिप फ्लिपकार्ट प्लेटफॉर्म के सेलर्स को अपनी बिक्री को बढ़ाने का अवसर देगी।

स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट के साथ मर्जर से किया इनकार
स्नैपडील ने विलय की बातचीत को बिना किसी अंजाम तक पहुंचाए ही खत्म कर दिया है। स्नैपडील ने कहा है कि वह बिना विलय के ही स्वतंत्र रास्ते पर आगे बढ़ना चाहती है।

स्नैपडील के एक प्रवक्ता ने कहा, “स्नैपडील पिछले कुछ महीनों से स्ट्रैटिजिक ऑप्शन्स की तलाश में था। अब कंपनी ने स्वतंत्र रास्ता अख्तियार करने का फैसला किया। परिणामस्वरूप इसने सभी रणनीतिक बातचीत पर विराम लगा रही है”।

सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड स्तर पर, सभी की नजरें रिजर्व बैंक पर

मुंबई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 60.23 अंक मजबूत होकर 32,575 तथा एनएसई निफ्टी 37.55 अंक की तेजी के साथ 10,115 अंक की नई रिकार्ड ऊंचाई पर बंद हुआ।

वाहन कंपनियों की मासिक बिक्री के आंकड़े में सुधार तथा वैश्विक बाजारों में मजबूत प्रवृति से शेयर बाजारों में तेजी को गति मिली। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 60.23 अंक या 0.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 32,575.17 अंक की नई ऊंचाई पर बंद हुआ। सेंसेक्स कल 32,514.94 अंक के रिकार्ड स्तर पर बंद हुआ था। बीएसई सेंसेक्स कल 205.06 अंक मजबूत हुआ था।

नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 37.55 अंक या 0.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 10,114.65 अंक की नई ऊंचाई पर बंद हुआ। यह कल 10,077.10 अंक के रिकार्ड स्तर पर बंद हुआ था।

इस बीच, मौद्रिक नीति समिति की आज बैठक शुरू हुई। केंद्रीय बैंक कल द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेगा जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

 

पतंजलि के दंत कांति की एक साल में 3 गुना बढ़त

मुंबई। पतंजलि दंत कांति हिंदुस्तान यूनीलीवर के पेप्सोडेन्ट, कोलगेट के ऐक्टिव सॉल्ट और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के सेन्सोडाइन को पीछे छोड़ते हुए पिछले एक साल में ओरल केयर सेग्मेन्ट में तीन गुना बढ़ चुका है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता ने बताया कि अब कंपनी दंत कांति के नए फ्लेवर भी लाने वाली है।

पिछले साल जून में बाबा रामदेव के ब्रांड का मार्केट शेयर 2.2 प्रतिशत था जबकि इस साल यह बढ़कर 6.2 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसके साथ ही यह देश की चौथी सबसे बड़ी टूथपेस्ट कंपनी बन गई। कोलगेट अभी भी सबसे बड़ी टूथपेस्ट कंपनी के स्थान पर काबिज है।

उसका मार्केट शेयर 52.7 प्रतिशत है। हालांकि, उसे 120 बेस पॉइंट्स का नुकसान उठाना पड़ा है।वहीं, हिंदुस्तान यूनीलीवर का मार्केट शेयर 17.6 प्रतिशत है। उसमें भी 240 बेस पॉइंट्स की कमी आई है।

डाबर ने 20 बेस पॉइंट्स की बढ़त बनाई है और अब उसका मार्केट शेयर 12.1 प्रतिशत पर पहुंच चुका है। पतंजलि की तरह डाबर भी हर्बल प्रॉडक्ट्स के बाजार में पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

आयुर्वेदिक प्रॉक्ट्स की बढ़ती हुई डिमांड के साथ ही ज्यादातर कंपनियां हर्बल टूथपेस्ट लॉन्च करना चाहती हैं। पूरे टूथपेस्ट मार्केट में नैचुरल चीजों से बने प्रॉडक्ट्स ने लगभग 5वां हिस्सा अपने नाम कर रखा है।

पतंजलि के बढ़ते बाजार से मल्टीनैशनल कंपनियां भी आयुर्वेद के सेक्टर में उतर रही हैं। कोलगेट ने जहां सिबाका वेदशक्ति लॉन्च किया था वहीं HUL ने आयुष ब्रांड के तहत बहुत से आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स लॉन्च किए।

कोलगेट पामोटिव के गेलोबल सीईओ ने पतंजलि की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारतीय ग्राहकों की बदलती हुई प्रिफरेंसेस के हिसाब से उनको भी काम करना होगी। कंपनी के मार्केट शेयर में पिछले 10 साल में से भारी गिरावट पिछले साल आई है।