Wednesday, October 9, 2024
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जीप कम्पस की डिलिवरी 6 अगस्त से शुरू

नई दिल्ली। जीप इंडिया ने सोमवार को अपनी नई और एसयूपी कम्पस को लॉन्च किया। भारत में इसकी एक्स शोरूम कीमत 14.95 लाख रुपये से शुरू होती है। लोगों को इतनी कम कीमत की उम्मीद नहीं थी इसलिए यह प्राइस ज्यादातर लोगों के लिए चौंकाने वाला रहा।

कम्पस के लॉन्च के दौरान जीप इंडिया ने यह भी बताया कि इस नई एसयूवी की लोकप्रियता पहले से ही काफी है और पहले ही 5 हजार लोग इसे बुक कर चुके हैं। जीप कम्पस को 50 हजार रुपये के अमाउंट पर बुक किया जा सकता है, जबकि इसके डीजल वैरिअंट की डिलिवरी 6 अगस्त से शुरू होगी।

जीप के भारत में 47 शहरों में कुल 50 डीलर्स हैं। कंपनी इस साल के अंत तक 60 डीलर्स बनाने की योजना बना रही है।जीप इंडिया ने खुलासा किया कि सबसे ज्यादा जीप कम्पस के डीजल वैरिअंट की बुकिंग हुई है। यही वजह है कि कंपनी पहले डीजल वैरिअंट की ही डिलिवरी शुरू करेगी।

पेट्रोल वैरिअंट की डिलिवरी सितंबर से
पेट्रोल वैरिअंट की डिलिवरी सितंबर से शुरू होगी। जीप कम्पस मेड इन इंडिया एसयूवी है। इसे कंपनी की पुणे स्थित रंजनगांव फसिलिटी में बनाया जाता है। 5 सीट वाली कम्पस जीप की एक अफॉर्डेबल गाड़ी है। यह जीप की पिछली प्रीमियम एसयूवी गाड़ियों ग्रैंड चेरोकी और रैंगलर के मुकाबले काफी सस्ती है।

 

यह इन गाड़ियों से छोटी भी है लेकिन इन बड़ी गाड़ियों के कुछ फीचर इसमें भी दिए गए हैं। मसलन, 7 क्रोम के बने स्लैट्स की ग्रिल जीप की बाकी गाड़ियों से मिलती है। शार्प जेनन हेडलाइट्स इसे चेरोकी जैसा लुक देती हैं और फ्रंट से इसे प्रीमियम लुक देने का काम इसमें लगी क्रोम ऐडिशन करती हैं।

बड़ा वील आर्क और विंडो लाइन पर लगा क्रोम इस कार की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। बैक काफी सादगी भरा है जिसपर खूबसूरत टेल लाइट्स लगी हैं। कम्पस के कैबिन में सीटों पर स्की-ग्रे कलर का मैकिनली लेदर लगा है और सीट्स को अच्छा सपॉर्ट दिया गया है जिससे प्रीमियम फीलिंग आती है।

7 इंच के इन्फोटेनमेंट सिस्टम का टच काफी रेस्पॉन्सिव है। इसमें ऐपल कारप्ले और ऐंड्रॉयड ऑटो भी हैं जिनके साथ वॉइस कमांड और ब्लूटूथ ऑडियो स्ट्रीमिंग को दिया गया है। कार में कुल 6 स्पीकर हैं।

जीप कंपास एसयूवी की कोटा सिटी के लिए कीमतें तय

कोटा । फिएट क्राइस्टलर ऑटोमोबाइल (FCA) ने  सोमवार को भारतीय बाजार में पहली मेड इन इंडिया जीप कंपास एसयूवी लॉन्च कर दी है । यह एसयूवी पिछले कई माह से मीडिया में चर्चा में बनी हुई है। 

मूंदड़ा ओटोमोबाइल डीलर के डाइरेक्टर अनिल मूंदड़ा ने बताया कि कम्पनी ने कोटा सिटी के लिए इसकी पेट्रोल और डीजल मॉडल की कीमतें घोषित कर दी हैं। जीप कंपास एसयूवी भारत में फिएट के लिए बड़ी पहल है।

कंपनी ने इसके लिए 28 करोड़ डॉलर इंवेस्ट किए हैं। खास बात यह है कि फिएट की यह पहली ऐसी एसयूवी है जिसका निर्माण भारत में हुआ है। इसका निर्माण महाराष्ट्र के पुणे में हुआ है।

कौन-कौन से वेरिएंट और क्या हो सकती है कीमत
कंपास के सात वेरिएंट- स्पोर्ट्स, लॉन्गिट्यूड, लिमिटेड, लॉन्गिट्यूड (o) और लिमिटेड (o) में लॉन्च होगी है। कंपनी के मुताबिक यह एसयूवी पांच रंगो वोकल व्हाइट, ब्रिलियंट ब्लैक, मिनिमल ग्रे, हाइड्रो ब्लू और एक्सोटिक रेड में मौजूद होगी। 

कोटा शहर में इसकी कीमतें इस प्रकार रहेंगी :

कैसा है इंजन और पॉवर स्पेसिफिकेशन
कंपास एसयूवी को भारत में 1.4 लीटर पेट्रोल और 2.0 लीटर डीजल इंजन के पेश किया जाएगा। इसका पेट्रोल इंजन 160 बीएचपी की पावर और 250 न्‍यूटन मीटर का टॉर्क पैदा करेगा। वहीं डीजल इंजन 170 बीएचपी की पावर के साथ 350 न्‍यूटन मीटर का टॉक जनरेट करेगा।

दोनों ही इंजन 6 स्‍पीड मैनुअल और 7 स्‍पीड ड्राइ डुअल क्‍लच ट्रांसमिशन से लैस होंगे। इसके सभी वेरिएंट्स में 6 एयरबैग भी दिए जाएंगे। साथ ही जीप की यह एसयूवी 50 से अधिक सेफ्टी और सिक्‍योरिटी फीचर्स से लैस होगी।
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आयकर में पार्टनरशिप फर्मों को बड़ा झटका, देखिए वीडियो

कोटा। इस बार आयकर कानूनों में बदलाव के कारण पार्टनरशिप फर्मों को बड़ा झटका लगेगा। इन बदलाव के बाद या तो व्यापारी फर्म ही बंद कर देगा या फिर उसे कम्पनी में तब्दील कर देगा। इन बदलाव के बारे में हमारे टैक्स एक्सपर्ट एवं सीए एमडी सोनी वीडियो के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं।

जिसे समझने के लिए यह वीडियो देखना आपके लिए जरूरी है। हमारे चैनल LEN-DEN NEWS के माध्यम से आपको या जानकारी दी जा रही है। यदि आपको इनकम टैक्स या जीएसटी से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए तो आप हमें www.youtube.com, www.facebook.com एवं www.twitter,com पर भी फॉलो कर सकते हैं। 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा एंटी प्रॉफिटियरिंग मैकेनिज्म पर फैसला

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नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की इस हफ्ते होने वाली बैठक में एंटी- प्रॉफिटियरिंग क्लॉज को लागू करने के लिए एक तंत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा,जो कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को यह जानकारी लोकसभा में दी है।

 अरुण जेटली नेतृत्व में होने वाली जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक जिसमें राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल है, 5 अगस्त को होनी है। इस बैठक में 1 जुलाई से लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) की समीक्षा की जाएगी।

एंटी प्रॉफिटियरिंग कानून कहता है कि कम कर दरों के कारण कंपनियों को जो फायदा मिलने वाला है उसे ग्राहकों तक पहुंचाया जाए।

जीएसटी एक्ट के क्लॉज 171 के मुताबिक टैक्स की दर में कमी या इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण मिलने वाले लाभ को उपभोक्ताओं तक पास करना अनिवार्य है।

कीमतों पर जीएसटी के प्रभाव के संबंध में सदस्यों द्वारा उठाए गए चिंताओं का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि निर्माताओं का उपभोक्ताओं को करों में कमी के से मिलने वाले लाभों को पास करना अनिवार्य होगा।

उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ के कारण ऑटोमोबाइल क्षेत्र की ओर से कीमतों में कटौती का निर्णय दूसरे निर्माताओं की ओर से भी लिया जाएगा।

गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल ने 18 बैठकों के जरिए वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण किया था। जीएसटी लागू होने के बाद भी काउंसिल एक बैठक कर चुकी है और यह काउंसिल की 20वीं बैठक होगी।

58 लाख के क्लेम डिलीट करने की जांच होगी

कोटा। एमबीएस अस्पताल में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों के कैशलेस उपचार के बावजूद क्लेम डिलीट कर सरकार को 83 लाख का नुकसान के मामले में आखिर राज्य सरकार ने जांच के निर्देश दे दिए हैं।

एनएचएम के निदेशक नवीन जैन ने कोटा जोन के बीएसबीवाई के नोडल ऑफिसर और चिकित्सा विभाग के उपनिदेशक डॉ. एमपी सिंह को मामले की जांच करने को कहा हैं। 

दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज और एमबीएस प्रशासन ने इस मामले में आंखें मूंदी हुई हैं। अब तक किसी ने भी योजना के क्रियान्वयन से जुड़े कार्मिकों और अधिकारियों से जवाब तक भी नहीं मांगा हैं।

गौरतलब है कि एमबीएस अस्पताल ने 7 से 9 जुलाई के बीच भामाशाह योजना के तहत कैशलेस उपचार के लिए भर्ती 997 मरीजों के 57 लाख 84 हजार 545 रुपए के क्लेमों की प्रक्रिया को पूरी कर सबमिट करने की जगह डिलीट कर दिया था।

ताकि राज्य सरकार पेडिंग क्लेम पर नोटिस व कार्यवाही नहीं करें। इन मरीजों के इलाज में करीब 25 लाख रुपए भी अस्पताल के खर्च हुए थे।

एमबीएस अधीक्षक डॉ. पीके तिवारी का कहना है कि इस मामले में जांच करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज से कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं। ना ही जांच के लिए कोई कमेटी बनाई हैं। मैं इस मामले को देख रहा हूं। 

उपनिदेशक डॉ. एमपी सिंह का कहना है कि एमडी ने जांच करने को कहा है, जिसकी कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द जांच कर रिपोर्ट जयपुर भेज देंगे।

 

मंजू फिर कोटा महिला नागरिक बैंक की अध्यक्ष

कोटा। कोटा महिला नागरिक सहकारी बैंक में मंजू बिरला फिर से अध्यक्ष चुनी गईं। जबकि उपाध्यक्ष विधायक संदीप शर्मा की पत्नी गीता शर्मा बनी। मंगलवार को अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव हुए। इसमें दोनों पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। बिरला गुट के पहले से ही 12 डायरेक्टर चुने गए थे। उनको ही अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनना था।

मंगलवार को दोनों काे निर्वाचित घोषित कर दिया। इसके बाद दोनों को शपथ दिलाई गई। इस दौरान सभी डायरेक्टर सुरभि झामनानी, उषा न्याती, लता गर्ग, सुनीता नायक, सुनीता कोहली, श्वेता जैन, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोनिका तंवर, उर्मिला कुमारी, निलिमा मीणा, प्रियंका मौजूद थीं।

 

पेट्रोल पंप पर मिलेंगी बैंकिंग सेवाएं, एयरटेल पेमेंट बैंक ने मिलाया HPCL से हाथ

नई दिल्ली । एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने बताया कि उसने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के साथ रणनीतिक समझौता किया है।

इस करार के तहत एचपीसीएल के देशभर में सभी 14,000 पेट्रोल पंप जल्द ही एयरटेल पेमेंट्स बैंक के लिए एक बैंकिंग प्वाोइंट के रूप में काम करेंगे जहां ग्राहकों को नए खाते खोलना के साथ-साथ कैश विदड्रॉल जैसी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

एयरटेल पेमेंट बैंक ने क्यों उठाया यह कदम: एयरटेल पेमेंट बैंक की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ग्राहकों को सहूलियत देने के साथ साथ यह देश में डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देगा। इसमें आगे कहा गया, “एचपीसीएल के सभी 14,000 फ्यूल स्टेशन एयरटेल पेमेंट बैंक के लिए बैंकिंग प्वाइंट के रूप में काम करेंगे।

एयरटेल पेमेंट बैंक के ग्राहक इन सभी फ्यूल स्टेशन पर सुविधाजनक बैंकिंग सुविधा का फायदा उठा सकेंगे, जैसे कि नया बैंक खाता खोलना, कैश डिपॉजिट और विदड्रॉल की सुविधा के साथ साथ पैसे ट्रांसफर करना।” इससे एयरटेल पेमेंट्स बैंक का रिटेल नेटवर्क बढ़ेगा।

 वर्तमान में 300,000 एयरटेल रिटेल आउटलेट्स बैंकिंग प्वांइंट के तौर पर काम कर रहे हैं। एयरटेल पेमेंट बैंक की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “एयरटेल पेमेंट्स बैंक के ग्राहक 14,000 एचपीसीएल पेट्रोल पंपों पर ईंधन खरीदने के लिए अपने मोबाइल फोन के जरिए सुरक्षित और सुविधाजनक डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे।”

बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर सस्ता

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नई दिल्ली। सब्सिडी वाले रसोई गैस एलपीजी सिलेंडर आज रात से दो रुपये महंगे हो गए जबकि बिना-सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत 40 रुपए कम की गयी है। सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत में वृद्धि सरकार के इस वित्त वर्ष के अंत तक सभी सब्सिडी को खत्म करने के निर्णय का हिस्सा है।

देश की सबसे बड़ी ईंधन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की दिल्ली में नयी कीमत अब 479.77 रुपये होगी जो पहले 477.46 रुपये थी।

सब्सिडी वाले रसोई गैस एलपीजी सिलेंडर आज रात से दो रुपये महंगे हो गए

इंडियन ऑयल ने कहा कि गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 524 रुपये है जो कल तक के 564 रुपये से कम है। इस प्रकार अब दोनों तरह के सिलेंडरों की कीमत का अंतर 44.23 रुपये रह गया है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कल लोक सभा में कहा था कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत हर महीने 4 रुपये बढ़ाने को कहा है ताकि अगले साल मार्च के अंत तक सभी तरह की सब्सिडी को हटाया जा सके।

इससे पहले सरकार ने इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत दो रुपये प्रति माह बढ़ाने के लिए कहा था।

सिलेंडर की कीमत में आज की गई वृद्धि 30 मई को सरकार के हर महीने 4 रुपये बढ़ाए जाने के आदेश के बाद तीसरी वृद्धि है। इससे पहले सिलेंडरों की कीमत में 1 जुलाई को 32 रुपये की वृद्धि की गई थी जो पिछले 6 सालों में की गई सबसे अधिक वृद्धि थी।

 

 

वित्त वर्ष 31 दिसंबर को खत्म हुआ तो जल्द करना होगा निवेश

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नई दिल्ली। सरकार वित्त वर्ष (1 अप्रैल-31 मार्च) को बदलकर 1 जनवरी से 31 दिसंबर करने की तैयारी में है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि यदि 31 दिसंबर 2017 को मौजूदा वित्त वर्ष समाप्त हो जाता है तो आप पर इसका क्या असर होगा।

1. जल्द आएगी डेडलाइन
प्रस्तावित बदलाव की रूपरेखा अभी सार्वजनिक नहीं है, लेकिन यह तर्कसंगत है कि यदि 31 दिसंबर को वित्त वर्ष का अंत होता है तो कई डेडलाइन आपने सामने तीन महीने पहले आ जाएगी।

 

  • कंपनियां अपने कर्मचारियों से सेक्शन 80C के तहत निवेश की जानकारी अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मांग लेंगी, ताकि दिसंबर तक टीडीएस की कटौती हो सके।
  • अडवांस टैक्स पेमेंट भी साल खत्म होने से पहले करनी होगी।
  • 2015-16 के लिए विलंब से रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर होगी।

2.जल्दी करना होगा निवेश

  • ऐसे टैक्सपेयर्स जो अपनी टैक्स प्लानिंग वित्त वर्ष के आखिरी तीन महीनों में करते हैं वे प्रभावित होंगे।
  • बीमा कंपनियों की 70% प्रीमियम आमदनी वित्त वर्ष के आखिरी तीन महीनों में होती है।
  • टैक्स सेविंग ELSS फंड में 50% आमद अंतिम तीन महीनों में ही होती है।
  • इनमें निवेश 31 दिसंबर से पहले करना होगा।
  • जनवरी-मार्च में खरीदे गए मेडिकल इंश्योरेंस के साथ भी यही होगा।
  • म्यूचुअल फंड के निवेशक एसआईपी को अडवांस कर सकते हैं, लेकिन इंश्योरेंस प्रीमियम का अडवांस पेमेंट उसी वित्त वर्ष में कर सकते हैं। नियमों में संशोधन करना होगा।
  • taxspanner.com के को-फाउंडर और सीएफओ सुधीर कौशिक कहते हैं, ‘टैक्सपेयर्स 31 दिसंबर से काफी पहले निवेश के लिए तैयार रहें, यदि टैक्स सेविंग निवेश का बड़ा हिस्सा जनवरी-मार्च अवधि में किया है।’

3. अग्रीमेंट्स को फिर से करना होगा ड्राफ्ट

  • रेंट अग्रीमेंट (जोकि आमतौर पर 1 अप्रैल से 31 मार्च के लिए तैयार किए जाते हैं) को दोबारा ड्राफ्ट करना होगा।
  • इंप्लॉइमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स को भी नए वित्त वर्ष के मुताबिक फिर से तैयार करना होगा।
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स एक्सपर्ट cleartax.in, प्रीति खुराना कहती हैं, ‘प्रॉपर्टी ऑनर्स और वेतनभोगी टैक्सपेयर्स जो एचआरए से छूट प्राप्त करते हैं, उन्हें रेंट अग्रीमेंट चेंज करना होगा।’

4. छूट और कटौती की सीमा हो सकती है कम

  • मौजूदा वित्त वर्ष 31 दिसंबर को खत्म होता है तो विभिन्न सेक्शन के तहत बेसिक छूट और कटौती की सीमा कम की जा सकती है।
  • अशोक माहेश्वरी ऐंड असोसिएट्स के पार्टनर अमित माहेश्वरी कहते हैं, ‘यदि सरकार टैक्स में नुकसान ना उठाए तो छूट और कटौती में प्रो राटा कमी की जा सकती है।’

5. विदेशों से आय प्राप्त करने वाले टैक्सपेयर्स को फायदा

  • वित्त वर्ष में प्रस्तावित बदलाव उन टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद है जो विदेशों से आय प्राप्त करते हैं। दुनिया के दूसरे देशों के वित्त वर्ष के साथ मिलान होने पर विदेशी इनकम की घोषणा करने में दुविधा दूर होगी।
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट शुभम अग्रवाल के मुताबिक, ‘प्रस्तावित बदलाव भारत के वित्त वर्ष को बाकी दुनिया के वित्त वर्ष से जोड़ देगा।’

6.सीजनल इनकम वाले टैक्सपेयर्स को कम टैक्स देना पड़ेगा

  • ऐसे लोग जिनकी अधिकांश आमदनी वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में होती है, उन्हें इस साल कम टैक्स देना होगा।