मुंबई। पतंजलि दंत कांति हिंदुस्तान यूनीलीवर के पेप्सोडेन्ट, कोलगेट के ऐक्टिव सॉल्ट और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के सेन्सोडाइन को पीछे छोड़ते हुए पिछले एक साल में ओरल केयर सेग्मेन्ट में तीन गुना बढ़ चुका है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता ने बताया कि अब कंपनी दंत कांति के नए फ्लेवर भी लाने वाली है।
पिछले साल जून में बाबा रामदेव के ब्रांड का मार्केट शेयर 2.2 प्रतिशत था जबकि इस साल यह बढ़कर 6.2 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसके साथ ही यह देश की चौथी सबसे बड़ी टूथपेस्ट कंपनी बन गई। कोलगेट अभी भी सबसे बड़ी टूथपेस्ट कंपनी के स्थान पर काबिज है।
उसका मार्केट शेयर 52.7 प्रतिशत है। हालांकि, उसे 120 बेस पॉइंट्स का नुकसान उठाना पड़ा है।वहीं, हिंदुस्तान यूनीलीवर का मार्केट शेयर 17.6 प्रतिशत है। उसमें भी 240 बेस पॉइंट्स की कमी आई है।
डाबर ने 20 बेस पॉइंट्स की बढ़त बनाई है और अब उसका मार्केट शेयर 12.1 प्रतिशत पर पहुंच चुका है। पतंजलि की तरह डाबर भी हर्बल प्रॉडक्ट्स के बाजार में पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
आयुर्वेदिक प्रॉक्ट्स की बढ़ती हुई डिमांड के साथ ही ज्यादातर कंपनियां हर्बल टूथपेस्ट लॉन्च करना चाहती हैं। पूरे टूथपेस्ट मार्केट में नैचुरल चीजों से बने प्रॉडक्ट्स ने लगभग 5वां हिस्सा अपने नाम कर रखा है।
पतंजलि के बढ़ते बाजार से मल्टीनैशनल कंपनियां भी आयुर्वेद के सेक्टर में उतर रही हैं। कोलगेट ने जहां सिबाका वेदशक्ति लॉन्च किया था वहीं HUL ने आयुष ब्रांड के तहत बहुत से आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स लॉन्च किए।
कोलगेट पामोटिव के गेलोबल सीईओ ने पतंजलि की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारतीय ग्राहकों की बदलती हुई प्रिफरेंसेस के हिसाब से उनको भी काम करना होगी। कंपनी के मार्केट शेयर में पिछले 10 साल में से भारी गिरावट पिछले साल आई है।