Wednesday, October 9, 2024
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राजस्थान सर्राफा संघ लाएगा 99.9% चांदी के सिक्के

जयपुर। श्री राजस्थान सर्राफा संघ दीपावली सीजन के लिए शुद्ध चांदी-सोने के सिक्के बाजार लाएगा। इसका मकसद ग्राहकों को नुकसान से बचाना है। यह सिक्के पूरे राजस्थान में उपलब्ध कराए जाएंगे। सिल्वर कॉइन में 99.9 फीसदी चांदी होगी। जबकि सोने के सिक्कों की शुद्धता 99.5 फीसदी होगी।

राजस्थान सर्राफा संघ के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने बताया कि अभी बाजार में अधिकतम 99.6 फीसदी चांदी के सिक्के ही बिक रहे हैं। ऐसे सिक्कों को जब वापस बेचा जाता है, तो पूरा दाम नहीं मिलता और ग्राहकों को आर्थिक नुकसान होता है। इसको देखते हुए 99.9 फीसदी शुद्धता के चांदी के सिक्के बाजार में लाए जाएंगे।

सर्राफा संघ इस सप्ताह सिक्कों की औपचारिक लॉन्चिंग करेगा। उन्होंने बताया कि ज्वैलर्स को सिक्के उपलब्ध कराने के लिए हर जिले एक या दो प्रतिनिधि नियुक्त किए जा रहे हैं। जयपुर में भी दो काउंटर के जरिए थोक खुदरा में सिक्कों की बिक्री की जाएगी।

चांदी के सिक्के 5, 10, 20, 100, 250 500 ग्राम तथा एक किलो, जबकि सोने के सिक्के 1, 2, 5, 10, 20, 50 100 ग्राम वजन के होंगे। प्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए इन सिक्कों पर राजस्थान सर्राफा संघ की मोहर होगी, ताकि पुनः बेचने ग्राहकों को नुकसान नहीं हो। राजस्थान सर्राफा संघ की स्थापना 1955 में की गई थी।

क्वालिटी पर फोकस बढ़ा
गुप्ता के मुताबिक अधिकांश ग्राहकों को सिक्कों में चांदी-सोने की शुद्धता की जानकारी नहीं होती। इस वजह से वह कई बार गिलट एवं अन्य धातु से बने सिक्के भी खरीदकर धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है। लेकिन अब क्वालिटी पर फोकस बढ़ा है। ग्राहकों में भी जागरूकता आई है।

कॉर्पोरेट ग्राहकों का विश्वास भी लौटा
मिलावटी सिक्कों की वजह से पिछले वर्षों के दौरान बड़ी-बड़ी कंपनियों ने दिवाली उपहार के लिए सिक्कों की खरीद कम कर दी थी। लेकिन क्वालिटी पर फोकस बढ़ने से अब कॉर्पोरेट ग्राहक भी उपहार में देने के लिए फिर से सोने-चांदी के सिक्कों की खरीद करने लगे हैं।

नोटबंदी जीएसटी का कारोबार पर असर
प्रदेश में हर साल धनतेरस दीपावली पर करीब 10,000 किलो चांदी के सिक्के बिक जाते हैं। लेकिन नोटबंदी जीएसटी की वजह से इस साल सिक्कों की मांग कमजोर है।

मौद्रिक नीति की समीक्षा आज से, रेपो रेट घटने की उम्मीद

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक मंगलवार और बुधवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा। इकोनॉमी में सुस्ती को देखते हुए सरकार और इंडस्ट्री को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष की चौथी समीक्षा में सेंट्रल बैंक ब्याज दर में कटौती करेगा। लेकिन बैंकिंग जगत का मानना है कि महंगाई में बढ़ोतरी को देखते हुए आरबीआई अभी संभवत: रेट कट करे।

अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.7% रही थी, जो तीन साल में सबसे कम है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि खुदरा महंगाई दर 4% की तय सीमा के भीतर चल रही है। इसलिए रिजर्व बैंक के पास अगले पॉलिसी रिव्यू में रेपो रेट घटाने की गुंजाइश है।

इस बीच इंडस्ट्री ने भी रिजर्व बैंक से ब्याज दर घटाने का आग्रह किया है। उद्योग चैंबर एसोचैम ने सेंट्रल बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी को पत्र लिखा है, जिसमें रेपो रेट 0.25% कम करने का अनुरोध है। इसने कहा है कि इकोनॉमी की चुनौतियों और ग्रोथ में तत्काल तेजी लाने के लिए यह जरूरी है।

लेकिन एसबीआई ने रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि रिजर्व बैंक के सामने कम ग्रोथ रेट, बढ़ती महंगाई और ग्लोबल अनिश्चितता का दुष्चक्र है। इसलिए ब्याज दर के मामले में यथास्थिति रहने की उम्मीद है। मॉर्गन स्टैनली की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई लगातार बढ़ रही है। आगे भी बढ़ने के आसार हैं।

अगर अभी ब्याज दर में कटौती हुई तो आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ने पर रेट कट की गुंजाइश कम रह जाएगी। फल-सब्जियां महंगी होने के कारण अगस्त में खुदरा महंगाई 3.36% दर्ज हुई, जो पांच महीने में सबसे ज्यादा है। थोक महंगाई दर जुलाई में 2.36% रही है।

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने भी कहा है कि रेपो रेट घटने की उम्मीद नहीं है। इसके अनुसार मार्च 2018 तक महंगाई दर 4.5 से 5 फीसदी तक जा सकती है। हालांकि एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा, ‘महंगाई भले बढ़ रही हो, लेकिन अभी ग्रोथ रेट बढ़ाना प्राथमिकता होनी चाहिए।

पिछले साल इसी समय महंगाई घटने लगी थी। यानी अभी महंगाई बढ़ने की एक वजह बेस इफेक्ट भी है। यह सवाल जरूर है कि 0.25% रेट कट से ग्रोथ को कितनी मदद मिलेगी, लेकिन मेरा मानना है कि इससे सेंटिमेंट बदलेगा। कंज्यूमर और इंडस्ट्री दोनों के लिए।

ग्रोथ के लिए सेंटिमेंट में सुधार ज्यादा जरूरी है। अमेरिका में 2008 के आर्थिक संकट के बाद ब्याज दर शून्य के आसपास कर दी गई। इससे आम लोगों और इंडस्ट्री दोनों को फायदा हुआ।’

पॉल्यूशन चेक नहीं कराया तो आरटीओ लेगा जुर्माना

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कोटा। वाहन की पॉल्यूशन जांच नहीं कराई तो अब ट्रेफिक पुलिस के साथ परिवहन विभाग आरटीओ भी जुर्माना वसूलेगा। फिलहाल मंगलवार से एक महीने जुर्माने से छूट रहेगी, उसके बाद दुपहिया वाहन पर एक महीने 200 रुपए और उसके बाद 500 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

इसी तरह चौपहिया वाहन पर पहले महीने 500 और उसके बाद 1000 रुपए जुर्माना लगेगा। यह जुर्माना तब तय होगा, जब वाहन पॉल्यूशन के लिए प्रदूषण जांच केंद्र या आरटीओ ले जाया जाएगा।

ऐसा नहीं है कि प्रदूषण जांच केंद्र को इसकी जानकारी नहीं होगी कि वाहन की प्रदूषण जांच हुई है या नहीं, बल्कि सभी जांच केंद्र ऑनलाइन होंगे, जिसमें पहले चरण में मंगलवार को 154 जांच केंद्र सेंट्रल सर्वर के नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। उसके बाद अगले तीन महीने में अन्य 1000 प्रदूषण जांच केंद्र भी ऑनलाइन हो जाएंगे।

जांच केंद्र ऑनलाइन करने की योजना की लांचिंग मंगलवार को परिवहन मंत्री यूनुस खान जयपुर में करेंगे। राज्य सरकार ने बजट वर्ष 2016-17 में प्रदूषण जांच केंद्रों को नेटवर्क से जोड़ने की घोषणा की थी।

क्यूआर कोड से निगरानी, मोबाइल एप पर लोकेशन
पूरासिस्टम ऑनलाइन होने के बाद प्रदूषण प्रमाण पत्र पर वेरिफिकेशन के लिए क्यूआर कोड दर्ज होगा, जिसे स्कैन कर प्रमाण पत्र सत्यापित किया जाएगा। साथ ही मोबाइल एप से नजदीकी प्रदूषण जांच केंद्र की लोकेशन पता चल सकेगी और शिकायत सुझाव भी दिए जा सकेंगे। वा

हन मालिक को प्रदूषण जांच का ई-सर्टिफिकेट मोबाइल एसएमएस पर भी मिलेगा, जो वाहनों की जांच के समय दिखाए जाने पर मान्य होगा। प्रमाण पत्र की अवधि समाप्त होने से पहले रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस के जरिए रिमाइंडर भी प्राप्त होगा।

आज से 1 माह छूट: फिर दुपहिया वाहन पर पहले माह 200 फिर 500 और  चौपहिया वाहन पर पहले महीने 500 उसके बाद 1000 रुपए जुर्माना

ये होगी जांच की दर
विभाग के प्रमुख शासन सचिव आयुक्त शैलेंद्र अग्रवाल प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र जारी करने की दर दोपहिया वाहनों के लिए 50 रुपए और पेट्रोल, एलपीजी सीएनजी से चलने वाले तिपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए 70 रुपए तय की गई है। डीजल वाहनों से 100 रुपए लिए जाएंगे।

मंत्रियों को भी देनी होगी सूचना, राजस्थान सूचना आयोग का फैसला

सूचना का अधिकार लागू होने के 12 साल बाद भी प्रदेश में मंत्रियों के कार्यालय से सूचना प्राप्त करने की पुख्ता व्यवस्था नहीं है जिससे सूचना आवेदक अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं

-अरविन्द
जयपुर। राजस्थान सूचना आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य के सभी मंत्रियों के कार्यालयों को लोक प्राधिकरण मानते हुए इन्हें सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में माना है और मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि एक माह में मंत्रियों के कार्यालय में अलग से राज्य लोक सूचना अधिकारी तैनात कर सूचना प्रदान करने की पुख्ता एवं स्पष्ट व्यवस्था की जाए।

सूचना आयोग ने अपने फैसले में नाराजगी व आश्चर्य प्रकट किया है कि सूचना का अधिकार लागू होने के 12 साल बाद भी प्रदेश में मंत्रियों के कार्यालय से सूचना प्राप्त करने की पुख्ता व्यवस्था नहीं है जिससे सूचना आवेदक अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं।

राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने गौरी शंकर मालू की द्वितीय अपील पर पिछले दिनों ये निर्णय दिया। मालू ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री को दिए एक ज्ञापन पर हुई कार्यवाही की सूचना मांगी थी जिस पर विभाग ने जवाब दिया कि यह सूचना मंत्री के कार्यालय से सम्बन्धित होने के कारण वे सूचना नहीं देे सकते।

विभाग की ओर से कहा गया कि मंत्री के कार्यालय की आवक-जावक पंजिका आदि दस्तावेज उनके प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं रहते और वहां कोई राज्य लोक सूचना अधिकारी(SPIO) व प्रथम अपील अधिकारी तैनात नहीं है।

सूचना आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि मंत्रियों व उनके कार्यालयों का अस्तित्व संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत है तथा उनके कार्यालय में जो भी दस्तावेज संधारित हैं उनकी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना प्राप्त की जा सकती है।

ये दस्तावेज विभाग के अधिकारियों के प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं होते जिससे वे इन्हें प्राप्त कर सूचना आवेदकों को उपलब्ध नहीं करवा पाते। इसलिए इस कार्यालय के लिए अलग पीआईओ होना आवश्यक है।

आयोग ने अपने फैसले में मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि मंत्रियों के कार्यालय में अलग से एसपीआईओ व प्रथम अपील अधिकारी पदाभिहित किए जाएं। अन्यथा विभाग की वैबसाइट पर स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि मंत्रियों के कार्यालय की सूचना किस लोक सूचना अधिकारी से प्राप्त की जाए।

आयोग ने विभाग की वैबसाइट पर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4(1)(B) के तहत सूचना के स्वैच्छिक प्रकटन व उन्हें समय-समय पर इन्हें अद्यतन करने के भी निर्देश दिए हैं।

कोटा मंडी में सोयाबीन की आवक दुगनी हुई

कोटा । भामाशाह अनाज मंडी में सोमवार को उड़द 300 रुपये क्विंटल तेज रहा। लहसुन 800 से 4000 रुपये क्विंटल । माल की आवक 50 हजार बोरी की रही । लहसुन की आवक 9000 हजार कट्टे की रही । नई सोयाबीन की लगभग 20000 बोरी की आवक रहीं।

गेहूं मिल 1500 से 1531 लोकवान 1600से 1700 पी डी 1650 से 1700 टुकडी 1600 से 1700 रुपये क्विंटल। धान सुगंधा 2000 से 2200 पूसा 1 2000 से 2200 पूसा4 (1121) 2000 से 2400 धान (1509) 2000 से 2200 सोयाबीन 2500 से 2825 सरसो 3200 से 3451 तिल्ली 5000 से 7200 रुपये क्विंटल।

मैथी 2000 से 25 00 धनिया बादामी 3400 से 3800 ईगल 3800 से 4000 रंग दार 4500 से 5000 मूंग 3500 से 4100 उडद नया 3000 से 4400 उडद पुराने 3600से 4000 चना 5000 से 5500 चना काबुली 7000 से 10500 चना पेपसी 4800 से 5800 रुपये क्विंटल।

चना मौसमी 4800 से 5800 मसूर 3500 से 4000 रुपये क्विंटल। ग्वार 2500से 3450 मक्का 1200 से 1300 जौ 1100 से 1200 ज्वार 1300 से 2000 रुपये क्विंटल ।

समर्थन मूल्य पर मूंग, उडद एवं सोयाबीन की खरीद शुरू

जयपुर। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर मूंग, उडद एवं सोयाबीन की खरीद प्रक्रिया आज से प्रारम्भ हो गई है। मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया अक्टूबर माह के द्वितीय पखवाड़े में शुरू की जाएगी। किसानों को गाढ़े पसीने से उपजी कृषि उपज को बेचने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए किसानों के लिए ऑनलाईन पंजीयन की व्यवस्था की है।

किसान अपनी उपज बेचने के लिए ई-मित्र या खरीद केन्द्र (संबंधित केवीएसएस) पर भामाशाह कार्ड एवं खसरा गिरदावरी के द्वारा पंजीयन करवा सकता है। यह जानकारी राजफैड की प्रबंध निदेशक डॉ. वीना प्रधान ने सोमवार को दी। डॉ. प्रधान ने बताया कि किसानों में ऑनलाईन पंजीयन के लिए भारी उत्साह है।

पहले दिन 345 किसानों ने अपनी कृषि उपज को बेचने के लिए पंजीयन करवाया है। उन्होंने बताया कि ई-मित्र पर पंजीयन करवाने के लिए किसान को 21 रुपये तथा क्रय केन्द्र पर पंजीयन करवाने पर मात्र 10 रुपये देने होंगे। उन्होंने बताया कि यदि किसी किसान के पास भामाशाह कार्ड नहीं है तो उसे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।

ऑनलाईन पंजीयन के लिए किसान उसी समय ई-मित्र केन्द्र पर भामाशाह कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है और उसे इसके लिए जारी एनरोलमेंट नम्बर के जरिये किसान का ऑनलाईन पंजीयन हो जाएगा।

कम समय में ज्यादा किसानों को किया जाएगा लाभान्वित
प्रबंध निदेशक ने बताया कि भारत सरकार ने कम समय में ज्यादा से ज्यादा किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीद का लाभ देने के लिए एक किसान से एक बार में 25 क्विंटल जिन्स खरीदने का निर्णय किया है।

यदि किसान के पास जिन्स की अधिक उपज है तो उसे बाकी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए ऑटोमेटिक रूप से दूसरी तिथि दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से कम समय में अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा सकेगा।

ये हैं कृषि जिन्सों के समर्थन मूल्य
डॉ. प्रधान ने बताया कि मूंग, उडद एवं सोयाबीन की अधिक पैदावार वाले क्षेत्रों की पहचान कर मूंग के लिए 87 केन्द्र, उड़द के लिए 29 तथा सोयाबीन के लिए 21 केन्द्र बनाए गए हैं। मूंगफली के लिए 32 केन्द्रों की पहचान कर ली गई है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा मूंग के लिए 5575 रुपये, उड़द के लिए 5400 रुपये, सोयाबीन के लिए 3050 रुपये तथा मूंगफली के लिए 4250 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य बोनस सहित निर्धारित किया है।

उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी उपज का मूल्य उनके पंजीकृत बैंक खाता में ऑनलाईन ट्रांसफर किया जाएगा। इस व्यवस्था से किसानों को भुगतान के लिए खरीद केन्द्रों पर चक्कर नहीं लगाने पडेंगे।

यहां से करेंं समस्या का निराकरण
डॉ. प्रधान ने बताया कि राजफैड ने मुख्यालय पर कण्ट्रोल रूम स्थापित किया है। यदि किसी किसान को ऑनलाईन पंजीयन में किसी प्रकार की समस्या हो रही है तो उसके निराकरण के लिए दूरभाष संख्या 0141-2744910 पर श्रीसौरभ पाण्डे से एवं कृषि जिन्स खरीद संबंधी व्यवस्था के संबंध में दूरभाष संख्या 0141-2740108 पर श्री भूपाल सिंह, सहायक प्रबंधक से संपर्क किया जा सकता है।

जैतून की खेती से बदलेगी धरती पुत्रों की जिन्दगी -कृषि मंत्री 

जयपुर। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि जैतून की खेती किसानों की जिदंगी बदल कर रख देगी। जैतून की खेती को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जैतून से बनी चाय आने वाले समय में विदेशों में धूम मचाएगी। 

सैनी सोमवार को बूंदी की नैनवां पंचायत समिति के जजावर ग्राम में आयोजित आंगनबाडी भवनों के लोकार्पण एवं पशुधन कार्यालय  के शिलान्यास समारोह में ग्रामीणजनों को सम्बोधित कर रहे थे।  

कृषि मंत्री ने कहा कि सभी की भागीदारी से आमजन को राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उड़द, मूंग एवं सोयाबीन की फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करेगी।

साथ ही किसानों को अब मण्डी शुल्क से मुक्त करने का निर्णय सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज माफी के लिए राज्य सरकार ने हाइपावर कमेटी बनाई है।  

सैनी ने  कहा कि  काश्तकार कम पानी की फसलों को अपनाएं और खेती में नवाचार कर आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशुपालकों को पशु चिकित्सा मुहैया करवाने के लिए 4 हजार सब सेेंटर तथा 2 हजार पशुधन सहायकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। राज्य सरकार ने  कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए है। 

सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र से बढेगा उत्पादन 
कृषि मंत्री ने कहा कि बूंदी जिले के हिण्डोली में  10 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहे सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र से सब्जी का उत्पादन बढेगा। साथ ही कृषकों को उन्नत किस्म के  बीज उपलब्ध हो सकेंगे। केन्द्र के माध्यम से युवा काश्तकारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भीलवाडा सांसद  सुभाष बहेडिया ने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रयासरत है।  कृषि के क्षेत्र में शुरू किए नवाचारों से यह सपना जरूर साकार होगा। हम सभी अपने आस पास स्वच्छता रखने का संकल्प लें। आमजन की भलाई की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि अटल पेंशन योजना का अधिकाधिक लाभ उठावें।

कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर उनका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है। सब्जी उत्कृष्ठता केन्द्र किसानों के लिए राज्य सरकार की बड़ी सौगात है। 

सब्जी मण्डी के लिए 5 लाख की घोषणा
कार्यक्रम में भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेडिया ने जजावर गांव में सब्जीमण्डी की स्थापना के लिए अपने सांसद कोष से 5 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि  सब्जी मण्डी के प्रस्ताव शीघ्र भिजवाएं जावे। 

लोकापर्ण एवं शिलान्यास 
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने जजावर में 24.70 लाख की लागत से निर्मित होने वाले  पशु चिकित्सालय, का शिलान्यास किया। साथ ही 13.50 लाख रुपए की लागत के पशुधन आरोग्य चल इकाई तथा जजावर पंचायत के खोडी एवं ताकला गांव में 12.50 लाख की लागत से निर्मित दो आंगनबाडी भवनों का लोकापर्ण भी किया। 

बालिका शिक्षा में अव्वल बनेगा राजस्थान-शिक्षा राज्य मंत्री

जयपुर। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में देश ने ऊंची छलांग लगायी है। राज्य सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों तथा विद्यार्थियों को उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं की बदौलत प्रदेश का बोर्ड परीक्षा परिणाम 16.5 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है।

सरकारी स्कूलों में 17 लाख से ज्यादा नामांकन वृद्धि हुई है। राजस्थान ने बालिका शिक्षा के क्षेत्र में भी नया मुकाम हासिल किया है। जल्द ही हम बालिका शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में अव्वल होंगे। शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने सोमवार को अजमेर में जिला प्रमुख वंदना नोगिया तथा पुलिस महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल के साथ राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय में जिला स्तरीय निःशुल्क साईकिल वितरण समारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना के तहत चयनित टॉपर छात्राओं एवं उनके शिक्षकों का भी अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में देश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।

यह मुकाम राजस्थान के शिक्षकों की कड़ी मेहनत से हासिल हुआ है। आज सरकारी स्कूल अभिभावकाें की पहली पसन्द बनने लगे हैं। प्रदेश में 17 लाख से अधिक नामांकन बढ़ा है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को देश का सुयोग्य नागरिक बनाएं और देश के विकास एवं उत्थान में सहयोगी बनें। 

उन्होंने कहा कि राजस्थान की शिक्षा पूरे देश में रोल मॉडल बनती जा रही है। राज्य सरकार और शिक्षकों के साझा प्रयास अब रंग ला रहे हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणामों में 16.5 प्रतिशत की वृद्धि शिक्षा के सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाती है।

केंद्र सरकार के स्तर पर भी राजस्थान को रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। प्रदेश में बालिका शिक्षा के उन्नयन के लिए भी प्रयास जारी है। आठवीं कक्षा के पश्चात बालिकाओं को स्कूल से जोड़े रखने के लिए नवीं कक्षा की बालिकाओं को निःशुल्क साईकिल दी जा रही है। अजमेर जिले में 11 हजार बालिकाओं को साईकिल वितरित की जाएगी।

जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने कहा कि बालिका शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। प्रदेश की बालिकाएं विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन कर रही है। पुलिस महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल ने कहा कि बालिकाओं को मन लगाकर पढ़ना चाहिए। आज हर क्षेत्र में बालिकाएं आगे हैं। इन प्रयासों को और बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

विदेशी निवेशकों ने घबराहट में बाजार से 11,000 करोड़ निकाले

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नई दिल्ली। विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से अपना मुंह मोड़ रहे हैं। सितंबर में कारपोरेट कंपनियों की कमाई में कमी और भू-राजनैतिक चिंताओं के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शेयर बाजार से 11,000 करोड़ रुपये की निकासी की है।

इससे पिछले महीने अगस्त में एफपीआई ने शेयर बाजारों से 12,770 करोड़ रुपये की निकासी की थी। हालांकि उससे पिछले छह महीनों (फरवरी से जुलाई) में एफपीआई ने 62,000 करोड़ रपये का निवेश किया था।

नवीनतम डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने सितंबर में कुल 11,392 करोड़ रुपये (1.75 अरब डॉलर) की निकासी की। हालांकि इसी अवधि में उन्होंने ऋण बाजार में 4,430 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हालिया निकासी को मिलाकर इस साल अब तक एफपीआई ने शेयर बाजारों में कुल 34,350 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

बीएमडबल्यू ने मिनी जेसीडब्ल्यू का प्रो एडिशन लॉन्च किया

नई दिल्ली। जर्मनी की लग्जरी कार मेकर कंपनी ने मिनी जेसीडब्ल्यू के प्रो एडिशन के भारत में लॉन्च कर दिया है। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 43.9 लाख रुपये रखी गई है।

बीएमडबल्यू ने एक बयान में कहा कि इस कार की सिर्फ 20 यूनिट्स बुकिंग के लिए उपलब्ध होंगी, इसकी बुकिंग ऐमजॉन इंडिया पर की जा सकेगी।

इस लिमिटेड एडिशन में मिनी-3 डोर कूपर एस के साथ जॉन कूपर वर्क्स ट्यूनिंग किट और ओरिजिनल जॉन कूपर वर्क्स ऐक्सेसरीज को कंबाइन किया गया है।

जॉन कूपर वर्क्स प्रो ट्यूनिंग किट कार की परफॉर्मेंस को बढ़ा देती है और जेसीडबल्यू ऐक्सेसरीज इसके स्टाइलस एक्सपीरियंस को एक नए लेवल पर ले जाती हैं।

बीएमडबल्यू ग्रुप इंडिया के प्रेजिडेंट विक्रम मारवाह का कहना है, ‘मिनी जेसीडब्ल्यू प्रो एडिशन जॉन कूपर के रेसिंग डीएनए से इंस्पायर्ड है। यह कार ना सिर्फ मिनी 3-कूपर को कॉम्प्लीमेंट करती है बल्कि डेली यूज के लिए भी खुद को फिट साबित करती है।’