Tuesday, October 8, 2024
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माल्या मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार, मिनटों में जमानत

लंदन। भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि कुछ ही देर में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई।

इससे पहले इसी साल अप्रैल में भी माल्या की लंदन में गिरफ्तारी हुई थी और उस बार भी कुछ घंटों में उन्हें जमानत मिल गई थी। डीडी न्यूज के मुताबिक माल्या को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।

माल्या को मनी लांड्रिंग के एक दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने मामला दर्ज कराया है। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्युशन सर्विस (सीपीएस) ने यह जानकारी दी। इसके तुरंत बाद माल्या को वेस्टमिन्स्टर मैजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया।

विवादों में घिरे 61 वर्षीय व्यवसायी प्रत्यर्पण वॉरंट मामले में पहले से जमानत पर हैं। उन्हें पूर्व की जमानत की शर्तों पर ही रिहा किया गया है। माल्या को 4 दिसंबर को अपने मुकदमे की सुनवाई के लिए अदालत में उपस्थित होना है। अदालत के बाहर बातचीत में माल्या ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया।

उन्होंने अपने खिलाफ आरोपों को घेरने की साजिश बताया। माल्या ने कहा, ‘मैं किसी अदालत से बच नहीं रहा हूं। यदि कानूनी तौर पर यहां उपस्थित होना जरूरी है, तो मैं यहां मौजूद रहूंगा। मैंने अपने मामले को साबित करने को कई प्रमाण दिए हैं।

बता दें कि भारत सरकार माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी हुई है। इसके लिए कानूनी कार्यवाही चल रही है। दरअसल ईडी और सीबीआई की एक टीम कुछ महीने पहले लंदन पहुंची थी और वहां की अदालत में माल्या के खिलाफ सबूत पेश किए गए थे।

मई में सीबीआई और ईडी की 4 सदस्यीय टीम ब्रिटेन पहुंची थी और अधिकारियों को माल्या के खिलाफ कर्ज भुगतान में असफल रहने के मामलों की बारीकी से जानकारी दी थी।

भारतीय बैंकों की 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी का सामना कर रहे माल्या देश छोड़कर काफी वक्त से लंदन में रह रहे हैं। माल्या पर कई दूसरे गंभीर वित्तीय आरोप भी लगे हुए हैं।

किंगफिशर एयरलाइंस पर करीब 9000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। यह कर्ज एसबीआई की अगुवाई वाले 17 बैंकों के समूह ने दिया था। पिछले साल मार्च में माल्या भारत से निकल गए थे। माल्या दो मार्च 2016 को भारत से ब्रिटेन चले गए थे।

सीबीआई ने उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। एक तो आईडीबीआई बैंक से जुड़ा है, जबकि दूसरा मामला भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाले समूह की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है।

बेसिक एक्साइज ड्यूटी घटी, 2 रुपये सस्ते होंगे पेट्रोल-डीजल

केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को प्रति लीटर 2 रुपये कम कर दिया है

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर कई दिनों से आलोचना झेल रही मोदी सरकार ने आज कीमतों को कम करने के लिए एक अहम कदम उठाया है।

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार शाम को एक ट्वीट करके जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को प्रति लीटर 2 रुपये कम कर दिया है। बेसिक एक्साइज ड्यूटी में यह कमी ब्रैंडेड और नॉन ब्रैंडेड दोनों तरह के पेट्रोल-डीजल पर लागू होगी।

वित्त मंत्रालय ने अपने ट्वीट में बताया है कि यह आदेश 4 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम इंटरनैशनल मार्केट में क्रूड ऑइल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव के कारण देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए उठाया गया है।

वित्त मंत्रालय ने अपने ट्विटर हैंडल से जानकारी देते हुए कहा, ‘बेसिक एक्साइज ड्यूटी में की गई इस कमी से सरकार को रेवेन्यू में सालाना 26,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इस साल के बचे हुए महीनों में यह नुकसान 13,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

मंत्रालय का कहना है कि यह फैसला आम आदमी को राहत पहुंचाने के उद्देश्य के लिया गया है। गौरतलब है कि तेल की बढ़ी कीमतों को लेकर विपक्ष भी काफी समय से सरकार पर हमलावर है।

फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 70.88 रपये प्रति लीटर है वहीं डीजल की कीमत 59.14 रपये प्रति लीटर है। पेट्रोल पर सरकार अभी कुल 21.48 रपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगाती है जबकि डीजल के मामले में यह 17.33 रुपये प्रति लीटर है।

सरकार ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में नरमी को देखते हुए इसका लाभ उठाने के लिये तीन साल पहले शुल्क में वृद्धि की थी। अब इस बात को लेकर आलोचना हो रही थी कि वह उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं कर रही है जबकि जुलाई की शुरुआत से लगातार ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं।

चार जुलाई से पेट्रोल की कीमत में 7.8 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है जबकि डीजल की कीमत 5.7 रुपये बढ़कर अबतक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है।

 

भामाशाह अनाज मंडी में 25000 बोरी नई सोयाबीन की आवक

मंडी में पल्लेदारों की हड़ताल के कारण बुधवार को कारोबार बंद रहेगा।

कोटा। भामाशाह अनाज मंडी में मंगलवार को माल की आवक 50 हजार बोरी की रही । लहसुन की आवक 9000 हजार कट्टे की रही । नई सोयाबीन की लगभग 25000 बोरी की रहीं। मंडी में पल्लेदारों की हड़ताल के कारण बुधवार को कारोबार बंद रहेगा।

गेहूं मिल 1500 से 1531 लोकवान 1600 से 1700 पीडी 1650 से 1700 टुकडी 1600से 1700 रुपये क्विंटल । धान सुगंधा 2000 से 2200पूसा 1 2000 से 2200 पूसा4 (1121) 2000 से 2400धान (1509) 2000 से 2200 सोयाबीन 2500 से 2771 सरसो 3200 से 3451 तिल्ली 5000 से 7000 रुपये क्विंटल मैथी 2000 से 2500 धनिया बादामी 3400 से 3800 ईगल 3800 से 4000 रंगदार 4500 से 5000 रुपये क्विंटल।

मूंग 3500 से 4100 उडद नया 3000 से 4150 उडद पुराने 3600से 3800 चना 5000 से 5500 चना काबुली 7000 से 10500 चना पेपसी 4800 से 5800 चना मौसमी 4800 से 5800 मसूर 3500 से 4000 रुपये क्विंटल। ग्वार 2500से 3050 मक्का 1000 से 1200 जौ 1100 से 1200 ज्वार 1300 से 2000 रुपये क्विंटल। उड़द 250 मंदा रहा। लहसुन 800 से 4000 रुपये क्विंटल ।

कोटा सर्राफा
चांदी 40000 रुपए किलो
सोना केटबरी 30300 रुपए प्रति 10 ग्राम , सोना 35340 रुपये प्रति तोला
सोना शुद्ध 30450 रुपए प्रति 10 ग्राम। सोना 35520 रुपये प्रति तोला।

सोने में 200 रुपए की गिरावट, चांदी भी फिसली

नई दिल्ली । मंगलवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। सोना आज 200 रुपए की गिरावट के साथ 30,550 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ है। इस गिरावट की प्रमुख वजह कमजोर वैश्विक संकेत और स्थानीय ज्वैलर्स की ओर से सुस्त मांग को माना जा रहा है।

चांदी की कीमत में भी आई गिरावट: चांदी की कीमत में भी 600 रुपए की गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के साथ चांदी 40,200 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई है।

कमजोर वैश्विक रुख के कारण सोने-चांदी की कीमतों गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग डेटा सामने आने के बाद सोना सात हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गया है। डॉलर की मजबूती ने लोगों को सोने में निवेश के सुरक्षित मानने पर विवश किया है।

अगर वैश्विक स्तर पर बात करें तो सोना सिंगापुर में 0.14 फीसद की गिरावट के साथ 1,268.70 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर आ गया है।  इसके अलावा घरेलू हाजिर बाजार में स्थानीय जौहरियों और खुदरा विक्रेताओं की ओर से खत्म होती मांग ने भी कीमतों पर असर डाला है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 99.9 फीसद और 99.5 फीसद शुद्धता वाला सोना 200 रुपए टूटकर क्रमश: 30,550 और 30,400 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि गिन्ने के भाव 24,700 प्रति आठ ग्राम टुकडा पर बरकरार रहे हैं।

214 अंक चढ़कर 31,497 पर बंद हुआ बाजार

नई दिल्ली। सेंसेक्स मंगलवार को 214 अंक चढ़कर 31,497 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 71 अंक चढ़कर 9,859 पर बंद हुआ। छुट्टी के बाद आज खुले बाजार में शुरुआत में तेजी देखने को मिली।

ऑइल, गैस, मेटल, एफएमसीजी के शेयर्स में खरीदारी का माहौल रहा, वहीं पावर, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, मीडिया, कैपिटल गु्ड्स आदि को शेयर्स में बिकवाली देखने को मिली।

आज मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी अच्छी खरीदारी हुई। इससे पहले मंगलवार को खुले घरेलू बाजारों ने दमदार शुरुआत की। एक समय सेंसेक्स और निफ्टी में 0.75 फीसदी तक की मजबूती नजर आ रही थी।

निफ्टी 9,870 अंकों के पार निकलने में कामयाब रहा, जबकि सेंसेक्स में 250 अंकों का उछाल दिखा है। सेंसेक्स 255 अंक चढ़ 31,538 पर और निफ्टी 70 अंक की मजबूती के साथ 9,858 पर कारोबार कर रहा है।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू

मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर ऊर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो दिवसीय बैठक आज यहां शुरू हो गई। सरकार के साथ उद्योग जगत भी उम्मीद कर रहा है कि केंद्रीय बैंक वृद्धि दर को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई है। हालांकि, विशेषज्ञ मानकर चल रहे हैं कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा।

चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे कल जारी किए जाएंगे। इस पर सभी पक्षों की निगाह हैं। विशेष रूप से उद्योग ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रहा है।

हालांकि, बैंकरों का मानना है कि रिजर्व बैंक यथा स्थिति कायम रखेगा, क्योंकि मुद्रास्फीति बढ़ी है। एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय बैंक कल मौद्रिक समीक्षा में यथास्थिति कायम रखेगा। इस समय रिजर्व बैंक निचली वृद्धि दर, नरम मुद्रास्फीति और वैश्विक अनिश्चितता के बीच फंसा है।

मॉर्गन स्टेनली के शोध नोट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था कि खुदरा मुद्रास्फीति निचले स्तर पर है इससे केंद्रीय बैंक अगली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरें घटा सकता है।

उद्योग मंडल एसोचैम ने एमपीसी को पत्र लिखकर कहा है कि ब्याज दरों में कम से कम चौथाई प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए, क्योंकि उभरती चुनौतियों की वजह से अर्थव्यवस्था को तत्काल कुछ राहत की जरूरत है।  अपनी पिछली बैठक में एमपीसी ने रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था। यह दस महीने में पहली कटौती थी।

जीएसटी की नई दरें 4%, 16% और 24% संभव, जेटली ने दिए संकेत

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में संकेत दिए थे कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत टैक्स स्लैब में कमी लाए जाने की गुंजाइश है। माना जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो नई दरें कर प्रणाली को आसान बनाने के साथ साथ इसे पारदर्शी, कुशल और करदाताओं के अनुकूल बना देंगी।

मौजूदा समय में देश के भीतर जीएसटी के अंतर्गत 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद की चार टैक्स दरें हैं। ऐसे में 12 फीसद और 18 फीसद के बजाए 16 फीसद की एक नई टैक्स दर काफी मददगार साबित हो सकती है।

जीएसटी की चार दरों के अलावा 0 फीसद की भी एक दर रखी गई है जिनमें उन अधिकांश वस्तुओं को रखा गया है जो सार्वजनिक उपभोग की हैं और इनका इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है।

वहीं सोने-चांदी पर 3 फीसद की जीएसटी दर रखी गई है जबकि आटोमोबाइस जैसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं पर अतिरिक्त उपकर (सेस) भी लगाया गया है। 

वस्तु एवं सेवा कर को 1 जुलाई 2017 से ही देशभर में लागू कर दिया गया था। उस वक्त 1200 के अधिक वस्तुओं और 500 से अधिक सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण किया गया था।

वहीं कुछ वस्तुओं पर कर की दरों को लेकर सामने आई कुछ मांगों को ध्यान में रखते हुए कुछ वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन भी किया गया और कुछ को छूट के दायरे में रखा गया। इसके अंतर्गत बनाई गई काउंसिल 21 बैठकें कर चुकी है।

एसबीआई लाइफ इंश्यारेंस 5% प्रीमियम के साथ सूचीबद्ध

नयी दिल्ली। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का शेयर आज बंबई शेयर बाजार में करीब पांच प्रतिशत प्रीमियम के साथ 733.30 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ। जीवन बीमा क्षेत्र की इस कंपनी का आईपीओ 700 रुपये प्रति शेयर पर जारी हुआ था।

सूचीबद्धता के समय इसका शेयर 733.30 रुपये पर बोला गया और जल्द ही यह 738 रुपये की चाईको छू गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी इसी तरह की घटबढ देखी गई।

एनएसई में भी शेयर सूचीबद्धता के बाद 735 रुपये पर खुला जो कि इसके इश्यू मूल्य से पांच प्रतिशत चा रहा। हालांकि, दोपहर तक मुनाफा वसूली से भाव 725 रुपये तक नीचे आ गया।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम आईपीओ 20 सितंबर को खुलकर 22 सितंबर को बंद हुआ था। कंपनी के 8,400 करोड़ रुपये के आईपीओ को साढे़ तीन गुणा अभिदान मिला था।

इश्यू के लिये 685 से 700 रुपये का मूल्य दायरा तय किया गया था। एसबीआई लाइफ, भारतीय स्टेट बैंक और फ्रांस की बीएनपी पारिबा कार्डिफ के बीच की संयुक्त उद्यम कंपनी है।

डीजल की कीमत रेकॉर्ड लेवल पर पहुंची

अमेरिका में तूफान के चलते लंबे समय तक रिफाइनरी बंद होने की वजह से डीजल की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी है

नई दिल्ली। डीजल के दाम दिल्ली में रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए हैं। दूसरे शहरों में भी इसकी कीमत रेकॉर्ड लेवल के करीब है। अमेरिका में तूफान के चलते लंबे समय तक रिफाइनरी बंद होने की वजह से डीजल की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी है, जिसका इसकी कीमत पर असर पड़ा है। पहले डीजल के दाम में कमी आने की उम्मीद की जा रही थी।

दाम बढ़ने से डीजल गाड़ियों की रनिंग कॉस्ट बढ़ेगी, जबकि डीजल से चलने वाले जेनसेट का इस्तेमाल करने वाले किसानों और आम लोगों का भी खर्च बढ़ेगा।

सोमवार को दिल्ली में डीजल की कीमत 59.07 रुपये लीटर रही, जो इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध रिकॉर्ड में सबसे अधिक है।

वेबसाइट पर 2002 के बाद का डेटा है। कोलकाता में भी डीजल की कीमत तीन साल में सबसे अधिक हो गई है। मुंबई में दाम जनवरी के बाद और चेन्नै में मई के बाद सबसे अधिक हो गए हैं।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत सोमवार को 79.94 रुपये प्रति लीटर रही, जो अगस्त 2014 के बाद सबसे अधिक है। दिल्ली, कोलकाता और चेन्नै में भी इसका दाम इस साल जनवरी के बाद सबसे अधिक हो गया है।

लोकल टैक्स की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम राज्यों में अलग-अलग होते हैं। दिल्ली में 1 जुलाई के बाद पेट्रोल के दाम में 7.74 रुपये लीटर और डीजल के दाम में 5.74 रुपये लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है।

इसमें से ज्यादातर बढ़ोतरी एक महीने से कुछ अधिक समय में हुई है। अमेरिका में एक के बाद एक दो तूफान आने के चलते कई ऑइल रिफाइनरी के बंद होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमत बढ़ी है, जिसका असर भारत पर भी पड़ा है।

सितंबर महीने के मध्य में फ्यूल प्राइसेज में बड़ी बढ़ोतरी के बाद सरकार की आलोचना हुई थी। तब पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि उन्हें जल्द ही कीमत में कमी आने की उम्मीद है।

हालांकि, पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी नहीं आई है। अमेरिका में लंबे समय तक रिफाइनरी बंद होने और डीजल की मांग बढ़ने से कच्चे तेल की कीमत भी बढ़ रही है।

सितंबर महीने में 1 से 25 तारीख के बीच इसकी कीमत 12 पर्सेंट बढ़कर 59 डॉलर (3871 रुपये) प्रति बैरल पहुंच गई थी। हालांकि, सोमवार को कच्चे तेल का भाव 56 डॉलर प्रति बैरल चल रहा था।

भारत में अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक फ्यूल प्राइसेज में बदलाव होता है। इसके अलावा, यहां पेट्रोल और डीजल पर टैक्स भी बहुत ज्यादा है। पेट्रोल की रिटेल कीमत पर दिल्ली में टैक्स 52 पर्सेंट और डीजल पर 45 पर्सेंट है।

बाजार की दमदार शुरुआत, निफ्टी 9850 के पार

नई दिल्ली। छुट्टी के बाद मंगलवार को खुले घरेलू बाजारों की दमदार शुरुआत देखने को मिली है। सेंसेक्स और निफ्टी में 0.75 फीसदी तक की मजबूती नजर आ रही है।

निफ्टी 9,870 अंकों के पार निकलने में कामयाब हुआ है, जबकि सेंसेक्स में 250 अंकों का उछाल दिखा है। सेंसेक्स 255 अंक चढ़ 31,538 पर और निफ्टी 70 अंक की मजबूती के साथ 9,858 पर कारोबार कर रहा है।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी अच्छी खरीदारी दिख रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुआ है, जबकि निफ्टी के मिडकैप 100 इंडेक्स में 1 फीसदी की तेजी आई है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स करीब 1 फीसदी तक बढ़ा है।