Wednesday, October 9, 2024
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जीएसटी लगने से शादी में दावत देना होगा महंगा

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कोटा । नवरात्र खत्म हो चुके हैं और कुछ दिन बाद शादी का सीजन शुरू हो जाएगा। इस बार आपको शादी समारोह के लिए टेंट, हलवाई की बुकिंग के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी।

सरकार ने इन दोनों सेवाओं पर 1 अगस्त से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू कर दिया है, जिसका असर देवोत्थान एकादशी के बाद ही देखने को मिलेगा। ऐसे में आपको इनकी बुकिंग करवाने पर 18 पर्सेंट ज्यादा रकम चुकाने के लिए तैयार रहना होगा।

पहले कच्चे बिल पर चलता था बिजनस
टेंट व्यापारियों के मुताबिक पहले टैक्स नहीं लगता था। स्टॉक में पड़े माल पर साल में एक बार वैट की 6 पर्सेंट कंपाउंडिंग फी दी जाती थी। करीब 5 लाख रुपये के माल पर यह फी 15 हजार रुपये पड़ती थी, जिसे व्यापारी अपनी जेब से खुद ही चुका देते थे। चूंकि लोग पक्के बिल से परहेज करते थे, इसलिए अधिकतर व्यापार अब तक कच्चे बिल पर चल रहा था।

 टेंट असोसिएशन के अध्यक्ष कमल गोस्वामी ने कहा, ‘टेंट बुकिंग का काम अब तक कच्चे बिल पर चलता था। अब क्रेडिट लेने के लिए हमें पक्के बिल काटने होंगे। ऐसे में टैक्स का सारा भार जनता पर ही जाना है। हमारी सरकार से मांग है कि इसे हटाकर पहले की तरह कंपाउंडिंग फी की व्यवस्था की जाए।’

कैटरिंग में कम था टैक्स
कैटरिंग में मजदूरों की दिहाड़ी समेत 40 पर्सेंट काम पर कोई टैक्स नहीं देना होता था। इस काम के केवल 60 फीसदी हिस्से पर हर मद में 10 फीसदी का औसत टैक्स लगता था।

अब सरकार ने इन दोनों स्लैब को खत्म करके कैटरिंग बिजनस पर एकमुश्त 18 फीसदी का जीएसटी लगा दिया है। इसके चलते इस बार लोगों को भी हलवाई बुक करते समय भी ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार रहना होगा। बिल के कारण कारोबारी उधार देने में भी संकोच करेंगे।

कोटा दशहरा मेले में अटल राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आज

 – कमल सिंह यदुवंशी
कोटा। नगर निगम कोटा की ओर से आयोजित 124 वेराष्ट्रीय मेला दशहरा 2017 के तहत सोमवार रात 8 बजे से अटलराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन विजय श्री रंगमंच पर किया जाएगा। 

कवि सम्मेलन के संयोजक व मेला समिति सदस्य पार्षद रमेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस सम्मेलन में श्रोताओं को देशभर के नामचीन कवियों की रचनाएं सुनने को मिलेगी। कोई हास्य रस से गुदगुदायेगा तो कोई वीर रस की रचना से देशभक्ति का जज्बा पैदा करेंगे।

कवि बाबू बंजारा, काव्य पथ करते हुए (फाइल फोटो )

पार्षद रमेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार होने वाले अटल राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में कवि अतुल ज्वाला एमपी,  प्रेरणा ठाकरे नीमच, अब्दुल गफ्फार जयपुर, नरेंद्र बंजारा मुंबई, वरुण चतुर्वेदी जयपुर, बलवंत बल्लू, कमल मनोहर, बृजेंद्र चकोर, कविता किरण फालना, प्रदीप पवार टोंक, सुरेंद्र सार्थक, संजय शुक्ला कोटा, ओम सोनी अंता, उमेश जयपुर, शिवांगी बारां, रामप्रसाद रखवाला कोटा, डॉ फरीद फरीदी, नरेश निर्भीक, निशा मुनि गो्ड कोटा इस बार मंच से काव्यपाठ करेंगे।

मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा बाबला ने बताया कि  मुख्य अतिथि कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा होंगे। अध्यक्षता भाजपा शहर अध्यक्ष हेमन्त विजयवर्गीय करेंगे। कोटा व्यापार महासंघ केअध्यक्ष क्रांति जैन और महासचिव अशोक माहेश्वरी विशिष्ट अतिथि होंगे।   
 
किसान रंगमंच पर कार्यक्रम आज से
मेला समिति सदस्य व किसान रंगमंच के संयोजक विकास तंवर ने बताया कि सोमवार रात 8 बजे से पशु मेला परिसर में अंबेडकर भवन के पास किसान रंगमंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू होंगे। उद्घाटन समारोह शाम 7 बजे होगा। आतिशबाजी भी होगी।

राजस्थानी डांस ग्रुप के कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। समारोह के मुख्य अतिथि मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा बाबला होंगे। वरिष्ठ एडवोकेट नवीन शर्मा, भाजपा नेता मनीष शर्मा विशिष्ट अतिथि रहेंगे। यहां 15 अक्टूबर तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखने को मिलेगी। 

मूछ प्रतियोगिता व सिंधी कार्यक्रम कल
मेला प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष कृष्ण मुरारी सामरिया ने बताया कि मंगलवार शाम 7.30 बजे विजयश्री रंगमंच पर मूछ प्रतियोगिता होगी। इसके बाद रात 8.30 बजे सिंधी कार्यक्रम रहेगा। इसमें मुंबई के कलाकार प्रस्तुतियां देंगे।

अभिनेता जीके असरानी, सिंधी गायक सरल रोशन, टीना भास्कर, लता भटानी, कॉमेडियन मुकेश वाधवानी की प्रस्तुतियां होगी। म्यूजिशियन व म्यूजिक सिस्टम भी मुंबई का रहेगा। मेला समिति के सदस्य नरेंद्र हाडा ने बताया कि 4 अक्टूबर को 7.30 बजे साफा प्रतियोगिता व रात 8 बजे से एक शाम हाडोती के नाम कार्यक्रम होगा। 16 अक्टूबर तक मेला परिसर में कई यादगार आयोजन होंगे। 

कोटा, इटावा में आज से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर खरीद

उड़द और सोयाबीन होगी खरीद, भामाशाहमंडी में लगेगा एक कांटा, आवश्यकता होने पर कांटों की संख्या बढ़ा भी दी जाएगी

कोटा। समर्थन मूल्य योजनांतर्गत खरीफ में उड़द तथा सोयाबीन की खरीद सोमवार से भामाशाह मंडी और इटावा में शुरू हो जाएगी। प्रशासन के पास इटावा में 4 और भामाशाहमंडी के लिए 5 टोकन मिले हैं। दोनों जगहों पर एक-एक कांटे लगाए जाएंगे। कांटों के चलते सरकार ने मंडी और इससे जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों की मोहर्रम की छुट्‌टी कैंसिल कर दी है।

सरकार ने उड़द के लिए राजफैड द्वारा चिन्हित समर्थन मूल्य केंद्र कोटा, सुल्तानपुर, इटावा एवं रामगंजमंडी तथा सोयाबीन के लिए कोटा, सुल्तानपुर, इटावा, रामगंजमंडी एवं सांगोद के समर्थन मूल्य केन्द्रों पर खरीद व्यवस्था शुरू होने थी, लेकिन शुरुआत में केवल दो ही जगहों पर यह व्यवस्था शुरू होने की संभावना दिख रही है।

को-ऑपरेटिव के डिप्टी डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया कि दो जगहों से 9 टोकन मिले हैं, दोनों जगहों पर एक-एक कांटे लगाए जाएंगे। आवश्यकता होने पर कांटों की संख्या बढ़ा भी दी जाएगी। वर्ष 2017-18 के लिए उड़द के लिए 5400 रुपए तथा सोयाबीन के लिए 3050 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य बोनस के साथ घोषित किया है।

हाड़ौती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने कहा कि सरकार ने कांटे लगाने में देरी की। वहीं, अभी भी सरकार ने यह तय नहीं किया है कि वे कितना जिंस खरीदेगी। वे एक निश्चित मात्रा में जिंस खरीद कर केंद्र बंद कर देंगे। सरकार को इसकी घोषणा करनी चाहिए।

ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन : किसान ई-मित्र एवं क्रय केन्द्र दोनों में से किसी एक पर जाकर अपना भामाशाह कार्ड एवं गिरदावरी के आधार पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। ई-मित्र केन्द्रों पर रजिस्ट्रेशन के लिए 21 रुपए तथा क्रय केन्द्र पर 10 रुपए देने होंगे। पंजीकरण होते ही किसान को एसएमएस द्वारा मोबाइल पर उपज की मात्रा एवं खरीद दिवस की सूचना दी जाएगी।

जीएसटी की दरों में कमी के वित्त मंत्री ने दिए संकेत

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वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की हमेशा से यही कोशिश रही है कि ज्यादा उपभोग की चीजों पर लगने वाली टैक्स दरों को नीचे लाया जाए।

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिए हैं कि एक बार रेवेन्यू में इजाफा होने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत स्लैब (टैक्स स्लैब) को कम किया जा सकता है।

गौरतलब है कि वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत वस्तुओं एवं सेवाओं को चार टैक्स स्लैब 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद में बांटा गया था। इसके अलावा कुछ उत्पादों पर अतिरिक्त मुआवजा उपकर भी लागू है।

जेटली ने कहा, “हम शुरूआती दो-तीन महीनों में हैं। हमारे पास शुरुआत से ही सुधार के लिए जगह और गुंजाइश है। हमारे पास सुधार की गुंजाइश है और जहां तक छोटे करदाताओं का संबंध है, अनुपालन बोझ को कम करने में सुधार की आवश्यकता है।”

उन्होंने नेशनल एकेडमी ऑफ़ कस्टम्स, इन-डायरेक्ट टैक्स और नारकोटिक्स (एनएसीआईएन) द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा, “हमारे पास शुरुआत से ही सुधार की गुंजाइश है।

एक बार हम रेवन्यू की दृष्टि से न्यूट्रल हो गए, तो बड़े सुधारों के बारे में विचार करेंगे, लेकिन उसके लिए पहले हमें राजस्व तटस्थ होना जरूरी है।”

इस बात पर जोर देते हुए कि अप्रत्यक्ष करों का बोझ समाज के सभी वर्गों की ओर से उठाया जाता है वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की हमेशा से यही कोशिश रही है कि ज्यादा उपभोग की चीजों पर लगने वाली टैक्स दरों को नीचे लाया जाए।

वहीं उन्होंने आगे कहा कि डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) का भुगतान समाज के प्रभावी वर्ग (अमीर तबका) की ओर से किया जाता है, गरीबों की ओर से नहीं। लेकिन अप्रत्यक्ष टैक्स का बोझ निश्चित रूप से हर किसी पर पड़ता है।

RCOM. एवं AIRCEL के बीच विलय समझौता खत्म

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मुंबई। रिलायंस कम्युनिकेशन्स (Rcom) ने एयरसेल के साथ मर्जर समझौते को बीच में ही खत्म कर दिया है। कंपनी ने इसके लिए कानूनी और नीतिगत अनिश्चितता को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। अनिल अंबानी की कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों कंपनियों ने सहमति से मर्जर अग्रीमेंट को खत्म करने का फैसला किया है।

इस फैसले के पीछे कारणों के बारे में टेलिकॉम कंपनी ने रविवार को कहा, ‘कानूनी और नियामक अनिश्चितता की वजह से अत्यधिक देरी, निहित हितों की ओर से कई हस्तक्षेप, नीति निर्देशों से टेलिकॉम के लिए बैंक फाइनैंसिंग पर असर और इंडस्ट्री में आए बदलावों की वजह से यह निर्णय लिया गया है।’

एयरसेल के साथ मर्जर और ब्रूकफील्ड के साथ टावर सेल से कंपनी के कर्ज में 60% कमी की उम्मीद थी। कंपनी की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि Rcom मोबाइल बिजनस के लिए दूसरे विकल्पों का मूल्यांकन करेगा। अंबानी की कंपनी ने उम्मीद जताई कि टावर और फाइबर संपत्ति के मुद्रीकरण के साथ स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल से कर्ज में 25,000 करोड़ रुपये की कटौती की जा सकती है।

कंपनी पर कुल 42,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसका स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो की कुल कीमत 19,000 करोड़ रुपये है। एयरसेल पर भी करीब 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।रिलायंस ने 14 सितंबर 2016 को अपने वायरलेस कारोबार की एयरसेल में विलय की घोषणा की थी।

इस विलय के बाद वह देश की चौथी सबसे बड़ी दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी बन जाती। नई कंपनी की सम्पत्तियां 65,000 करोड़ रपये से अधिक की और नेट वर्थ 35,000 करोड़ रुपये की होती। रिलायंस कम्युनिकेशन्स को एयरसेल के साथ विलय के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई से मंजूरी मिल चुकी थी।

तय किया गया था कि विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी में रिलायंस और एयरसेल लिमिटेड मैक्सिस कम्युनिकेशन्स बरहाद की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी। इसी के साथ निदेशक मंडल और समिति में भी दोनों का प्रतिनिधित्व समान होगा।

तय किया गया था कि इस विलय के बाद दोनों कंपनियां नई संयुक्त कंपनी को 14,000 करोड़ रुपये का ऋण हस्तांतरित करेंगी और इस प्रकार नई कंपनी पर कुल 28,000 करोड़ रुपये का कर्ज होगा। इस विलय से रिलायंस का ऋण बोझ 20,000 करोड़ रुपये और एयरसेल का 4,000 करोड़ रुपये कम हो जाता।

किसानों की कर्ज माफी के संदर्भ में कमेटी गठित 

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने किसान प्रतिनिधियों की राज्य सरकार के साथ हुई वार्ता के बाद हुए समझौते के अनुरूप किसानों के पचास हजार रूपये तक कर्ज माफी की मांग के संदर्भ में लिए जाने वाले निर्णय के लिए जिस कमेटी की घोषणा की थी, उसका गठन कर दिया गया है।

जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप की अध्यक्षता में गठित यह उच्चस्तरीय विशेषज्ञ एवं तकनीकी कमेटी किसानों की कर्ज माफी के लिए उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, केरल सहित अन्य राज्यों में अपनाई गई प्रक्रिया का राजस्थान के संदर्भ में अध्ययन, परीक्षण एवं विश्लेषण तथा सभी संबंधित पक्षकारों से विचार-विमर्श कर एक माह में अपनी रिपोर्ट देगी।  

इस 11 सदस्यीय कमेटी में उद्योग मंत्री  राजपाल सिंह शेखावत, कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, सहकारिता मंत्री अजय किलक, ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह, विधायक अशोक परनामी, डिस्कॉम्स चेयरमैन श्रीमत पांडे, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डीबी गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव कृषि नीलकमल दरबारी, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता अभय कुमार को सदस्य एवं प्रमुख शासन सचिव आयोजना अखिल अरोड़ा को सदस्य सचिव बनाया गया है। समिति में अध्यक्ष की पूर्वानुमति से विशेष आमंत्रित सदस्य भी बनाये जा सकेंगे। 

रसोई गैस सिलेंडर 1.50 रुपए महंगा, विमान ईंधन 6 फीसदी बढ़ा

उपभोक्ताओं पर महंगाई की मार,  दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम अब 488.68 रुपये होगा।

नई दिल्ली। रसोई गैस सिलेंडर 1.50 रुपए महंगा हो गया है। विमान ईंधन एटीएम के दाम 6 फीसदी बढ़ गए हैं। अगस्त से जेट ईंधन कीमतों में यह लगातार तीसरी बढ़ोतरी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतों में मजबूती की वजह से यहां भी एटीएफ के दाम बढ़े हैं। दिल्ली में अब एटीएफ का दाम 3,025 रुपये बढ़कर 53,045 रुपये प्रति किलोलीटर होगा। अभी तक इसकी कीमत 50,020 रुपए प्रति किलोलीटर है। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन ने नए मूल्यों की जानकारी दी है।

इससे पहले 1 सितंबर को एटीएफ कीमतों में 4 फीसदी या 1,910 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी। इसके अलावा रसोई गैस (एलपीजी) के दाम 1.50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाए गए हैं। सरकार ने एलपीजी पर सब्सिडी समाप्त करने के लिए हर महीने इसकी कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला किया है।

आईओसी ने कहा कि दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम अब 488.68 रुपये होगा। अभी तक यह 487.18 रुपये है। इससे पहले 1 सितंबर को एलपीजी के दाम 7 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाए गए थे। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 31 जुलाई को लोकसभा को सूचित किया था कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को सब्सिडी वाले सिलेंडर का दाम हर महीने 4 रुपये बढ़ाने को कहा है, जिससे अगले साल मार्च तक सारी सब्सिडी समाप्त की जा सके।

1 अगस्त को सिलेंडर के दाम 2.31 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाए गए थे। सूत्रों का कहना है कि इसी के मद्देनजर 1 सितंबर को पेट्रोलियम कंपनियों ने अधिक मूल्यवृद्धि की है। पिछले साल जुलाई से मासिक वृद्धि की योजना लागू होने के बाद से सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम 69.50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ चुका है।

जून, 2016 में 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर का मूल्य 419.18 रपये था। सरकार ने इससे पहले पेट्रोलियम कंपनियों को सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम 2 रुपये मासिक (वैट शामिल नहीं) बढ़ाने को कहा था। अब सब्सिडी को शून्य पर लाने के लिए इसे 4 रुपये कर दिया गया है।

बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम भी डेढ़ रुपये बढ़ाकर 599 रुपये कर दिया गया है। इससे पहले 1 सितंबर को इसका दाम 73.5 रुपये बढ़ाकर 597.50 रुपये प्रति सिलेंडर किया गया था।

अब टैक्स चोरों को सोशल मीडिया के जरिए पकड़ेगी सरकार

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लारसन ऐंड टूब्रो इन्फोटेक को सरकार ने सोशल मीडिया ऐनालिटिक्स के जरिए टैक्स नहीं चुकाने वालों का पता लगाने के लिए एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया है

नई दिल्ली। सरकार लंबे समय से टैक्स देने से बच रहे लोगों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही है। खासकर नोटबंदी के बाद से टैक्स नहीं चुकाने वालों के पकड़ने के लिए सरकार ने मुहिम तेज कर दी है।

अब इसी कड़ी में दिग्गज कंपनी लारसन ऐंड टूब्रो इन्फोटेक(एल ऐंड टी) को सरकार ने सोशल मीडिया ऐनालिटिक्स के जरिए टैक्स नहीं चुकाने वालों का पता लगाने के लिए एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया है। कंपनी को इसके लिए 650 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है।

कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव और मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जलोना ने बताया, ‘इसके लिए हमें बहुत ही अडवांस्ड ऐनालिटिक्स का इस्तोमाल करना होगा, इस काम में लगभग 650 करोड़ रुपये की लागत आएगी।’ संजय ने आगे बताया, ‘यह कॉन्ट्रैक्ट हमें सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस से मिला है। यह एक हाई वॉल्यूम डिजिटल डील है।’

उन्होंने आगे कहा कि हम टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ने के लिए वेब पेजों को इस तरह से तैयार करेंगे कि कंप्यूटर इसे खुद से पढ़ पाने में सक्षम होगा। सिस्टम का काम करने का तरीका बताते हुए उन्होंने समझाया, ‘मान लें कि किसी व्यक्ति की पत्नी विदेश घूमने गई और उसने इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीर डाली।

अडवांस्ड ऐनालिटिक्स के जरिए यह बात हमारे सिस्टम के पकड़ में आ जाएगी। इसकी जानकारी हम सरकारी संस्थाओं को दे देंगे पाएंगे। जिसके बाद सरकारी संस्थाएं अपने हिसाब से कार्रवाई करेंगी।’ बता दें कि एल ऐंड टी इन्फोटेक पिछले साल ही लिस्टेड हुई है।

एमएसएमई पखवाड़ा में हथकरघा बुनकरों को प्रमोट करें

जयपुर। एमएसएमई पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित विभिन्न आयोजनों की कड़ी में गांधी जयंती 2 अक्टूबर से हथकरघा उत्पाद खरीदे-हथकरघा बुनकरों को प्रमोट करे ध्येय बिन्दु के साथ चार दिवसीय हैण्डलूम हाट का आयोजन किया जाएगा।

राज्य के हथकरघा बुनकरों को जयपुर में बाजार उपलब्ध कराने और जयपुरवासियों को राज्य के बुनकरों द्वारा तैयार हथकरघा उत्पादों से रुबरु कराने के लिए चौमू कोठी चौमू हाउस को हैण्डलूम हाट के रुप में विकसित किया गया है। गौरतलब है कि प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई और हैण्डलूम डवलपमेेंट कारपोरेशन के चेयरमेन डॉ सुबोध अग्रवाल के निर्देशानुसार परंपरागत हथकरघा उत्पादक बुनकरों को संरक्षण और विपणन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक माह के पहले सोमवार को हैण्डलूम हाट का आयोजन किया जाता है।

आरएसडीसी के महाप्रबंधक नायाब खान ने बताया कि चार दिवसीय हैण्डलूम हाट गांधी जयंती सोमवार 2 अक्टूबर को चौमू हाउस स्थित चौमू कोठी में प्रातः 11 बजे से रात 7 बजे तक आयोजित इस हाट में प्रदेश केे जाने माने व जरुरतमंद बुनकरोें, दस्तकारों, ब्लॉक प्रिन्टरों, बंधेज बुनकरों व कारीगरों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन व बिक्री के लिए निःशुल्क स्थान उपलब्ध कराया गया है।

हैण्डलूम हाट का आईआईसीडी की निदेशक तूलिका गुप्ता, सचिव आईआईसीडी छाया भटनागर और प्रबंधक संचालक आरएसडीसी दुर्गा जोशी चार दिवसीय हैण्डलूम हाट का शुभारंभ करेंगी। प्रदेश में हथकरघा उत्पादों को लोकप्रिय बनाने, हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित कर बाजार उपलब्ध कराने और जयपुरवासियों तक हथकरघा उत्पादाें की सहज पहुंच बनाने के लिए हैण्डलूम हाट का आयोजन किया गया है।K

 हैण्डलूम हाट पर 2 से 5 अक्टूबर तक आयोजित इस हाट में कोटा डोरिया, जरी, प्रिन्टेड साड़ियां, लहरिया, मोठड़ी साडियां, सिल्क, चंदेरी, महेश्वरी, ब्लाक प्रिन्टेड साड़ियां, कोटा डोरिया, जरी व प्रिन्टेड दुपट्टे, रिब रंगीन, बेडकवर्स, बेडशीट्स, दोहर, खेस, दरियों के साथ ही लेडीज एवं जेन्टस के हथकरघा गारमेंट्स भी प्रदर्शित और बिक्री की जाएगी। उन्होंने बताया कि हाट में जहां हथकरघा बुनकरों को निःशुल्क स्थान उपलब्ध होगा वहीं जयपुरवासियों को 25 से 30 प्रतिशत की विशेष छूट भी दी जाएगी।

सबको मकान दिलवाने में निजी क्षेत्र की भागेदारी जरूरी

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वर्ष 2022 तक सबको आवास देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने निजी क्षेत्र का सहयोग लेने का निश्चय किया है

नई दिल्ली । सबको आवास देने की सरकारी योजना में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है ताकि योजना के लक्ष्य को समय से प्राप्त कर लिया जाए। इसके लिए निजी क्षेत्र को सरकार की ओर से प्रोत्साहन देने की योजना है। निजी भूखंड पर बने मकान और फ्लैट के उपभोक्ताओं को भी ब्याज सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर निजी बिल्डरों के बनाये जाने वाले रियायती दर के मकानों पर मदद का पहले ही एलान किया गया है। वर्ष 2022 तक सबको आवास देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने निजी क्षेत्र का सहयोग लेने का निश्चय किया है।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सरकारी निजी सहयोग (पीपीपी) से बनने वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए आठ विकल्पों की घोषणा की है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत पीपीपी के प्राइवेट भूमि पर बनाये जाने वाले रियायती दर वाले मकानों के लिए लिये जाने वाले आवासीय ऋण के ब्याज में ढाई लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी।

दूसरे विकल्प में निजी जमीन पर बनाये जाने वाले बिना बैंक लोन के मकानों के लिए भी डेढ़ लाख रुपये की मदद दी जायेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाकी छह विकल्पों के बारे में सभी पक्षकारों से गंभीर विचार-विमर्श करके योजनाएं लागू की जाएंगी। इसमें सरकारी जमीनों पर निजी बिल्डरों को रियायती दर पर आवास बनाने की अनुमति दी जा सकती है।

प्रस्तावित तीसरे विकल्प डीबीटी मॉडल में सरकारी जमीनों पर प्राइवेट बिल्डर अपनी डिजाइन से मकान बनाकर उपभोक्ताओं को सौंपेंगे। इसी तरह के अन्य विकल्पों पर भी सरकार फैसला ले सकती है। शहरी विकास मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ही देश में 10 लाख अथवा इससे अधिक की आबादी वाले 53 शहरों के भवनों की ऊंचाई व आकार के साथ आसपास छोड़ी जाने वाली जमीन के मानक को लेकर समीक्षा बैठक की।

इस दौरान शहरी क्षेत्रों में खाली पड़ी जमीनों के सदुपयोग पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में शहरी क्षेत्रों से लगे गांवों में भी आवासीय परियोजनाएं शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में शहरी विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ बातचीत भी की है।