Tuesday, October 8, 2024
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शरद पूर्णिमा महोत्सव उत्साहपूर्वक मनाया गया

कोटा। श्री फलौदी महिला मंडल की ओर से गुरुवार को मेड़तवाल छात्रावास परिसर में शरद पूर्णिमा महोत्सव उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस मौके पर राधा कृष्ण की आकर्षक झांकी सजाई गई।

अध्यक्ष अनोख गुप्ता ने बताया कि समाज की महिलाओं ने राधा कृष्ण के महारास में मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किये। मधुर भजनों को धुन पर भक्तजन देर रात तक झूमते रहे। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरुस्कृत किया गया। समाज अध्यक्ष लालचंद गुप्ता ने बताया कि मध्य रात्रि में खीर वितरण के साथ महोत्सव सम्पन्न हुआ।

छोटे निर्यातकों को जीएसटी में मिली बड़ी राहत

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अब ऐसे निर्यातकों को निर्यात करते वक्त बांड और बैंक गारंटी देने के बजाय सिर्फ एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलयूटी) देना होगा। इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है।

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत छोटे निर्यातकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब ऐसे निर्यातकों को निर्यात करते वक्त बांड और बैंक गारंटी देने के बजाय सिर्फ एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलयूटी) देना होगा। इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बीते बुधवार की अधिसूचना जारी कर दी है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने छोटे निर्यातकों को राहत देने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि एलयूटी की सुविधा उन्हीं निर्यातकों के मिलेगी, जो ढाई करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की कर चोरी के आरोप में दंडित नहीं किए गए हों। 

उल्लेखनीय है कि जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से ही निर्यातक, खास कर छोटे निर्यातक ड्यूटी के मसले पर आंदोलित हैं। इसी मसले पर पिछले सप्ताह निर्यातकों ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मुलाकात की थी।

उस दौरान उन्होंने बताया कि था कि छोटे निर्यातकों को बांड एवं बैंक गारंटी जमा करने से काफी दिक्कत हो रही है और उसे कार्यशील पूंजी के साथ-साथ बैंक गारंटी के लिए भी बाजार से ऋण लेना पड़ रहा है। उसी के बाद वित्त मंत्री ने कहा था कि निर्यातकों की जायज मांग मानी जाएगी।

छोटे निर्यातको को होगा फायदा
जीएसटी मामलों के विशेषज्ञ चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा डीएसपी एसोसिएट्स के पार्टनर अतुल जैन का कहना है कि इस फैसले से एक करोड़ रुपये से कम का निर्यात करोबार करने वाले छोटे निर्यातकों को काफी राहत मिलेगी।

इससे पहले तक निर्यात करने के लिए उन्हें बांड के साथ साथ बैंक गारंटी भी देनी पड़ती थी। इन सब कार्य में समय और श्रम लगता ही था, उचित धनराशि का भी इंतजाम करना पड़ता था।

GST काउंसिल की बैठक में आज जेटली कर सकते हैं कई बड़े ऐलान

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नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती पर विपक्ष के साथ अपनों का हमला झेल रही सरकार हरकत में आ गई है। इस क्रम में बृहस्पतिवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अपने सरकारी निवास पर उच्च स्तरीय बैठक की।

इस बैठक में अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए तात्कालिक ठोस उपायों और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की विसंगतियों को दूर करने पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री विसंगितयों को दूर करने के लिए कई अहम फैसलों का ऐलान करेंगे।

इसके अलावा सरकार जल्द ही विभिन्न क्षेत्रों में जान फूंकने के लिए कई तरह के राहत देने का ऐलान करेगी। बैठक की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूर्वनिर्धारित नहीं थी। यही कारण है कि केरल में पदयात्रा कर रहे शाह अचानक इस बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे थे।

पीएम आवास पर करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में सुस्ती दूर करने के तात्कालिक उपायों और जीएसटी की विसंगतियो के कारण व्यापारी वर्ग में उपजे असंतोष को दूर करने पर चर्चा हुई। शाह ने जीएसटी के संदर्भ में पार्टी स्तर पर आए फीडबैक से पीएम और वित्त मंत्री को अवगत कराया।

कृषि विज्ञान केंद्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा-केशवा

कोटा। कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक गुरुवार को प्रो. जीएल केशवा, कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में हुई। मुख्य अतिथि डॉ. एसके सिंह, निदेशक, कृषि विभाग, अटारी, जोधपुर रहे।

प्रो. जीएल केशवा ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र को देश में मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे प्रदेश के कृषक एवं प्रसार कार्यकर्ता यहां के टेक्नोलॉजी मॉड्यूल को अपनाकर आय में वृद्धि कर सकें। इस केन्द्र पर करीब 17 करोड़ रुपए की आठ परियोजनाएं चल रही हैं।

मुख्य अतिथि डॉ. एसके सिंह ने कहा कि जिले की कृषि की उत्पादकता में वृद्धि कर अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र जिले में ज्ञान एवं संसाधन केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं।

डॉ. केएम गौतम, निदेशक प्रसार शिक्षा ने बताया कि इस केन्द्र की राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार से इस वर्ष सम्मानित किया गया। प्रो. जीएल केशवा और डाॅ. एसके सिंह ने माॅडल खाद्य प्रसंस्करण इकाई का उद्‌घाटन किया गया।

डॉ. महेन्द्र सिंह ने बताया कि एक वर्ष में 270 लाख रुपए की लागत से माॅडल खाद्य प्रसंस्करण इकाई, डेयरी इकाई, दलहन सीड़ हब आदि की स्थापना की गई है।

कार्यक्रम में डाॅ. आरके सिंह, डॉ. एचआर चौधरी, पीके गुप्ता, डॉ. रामावतार शर्मा, बलवंत सिंह, राजीव दायमा, केएस कुंपावत, डॉ.आरबी सिंह, सुधीर मान, प्रवेश कुमार, नरेन्द्र मालव ने नई तकनीकियों की जानकारी दी।

इस अवसर पर डॉ. केएम शर्मा द्वारा लिखित फोल्डर उर्वरकों के समुचित प्रयोग तथा डाॅ. एमके पूनियां द्वारा लिखित लहसुन की नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी के फोल्डर का विमोचन किया गया।

प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत 105 करोड़ की सहायता राशि जारी

जयपुर। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि राज्य के बाढ़ प्रभावित चारों जिलों पाली, सिरोही, जालोर और बाड़मेर में चालू खरीफ मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने वाले किसानों को तत्कालिक राहत देने के लिए 105 करोड़ रूपये की राशि मध्यकालीन (मिड टर्म) सहायता के रूप में जारी की गई है। 

सैनी ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत पहली बार इस तरह अंतरिम राहत के रूप में इतनी बड़ी राशि जारी की गई है। उन्होंने बताया कि चारों बाढ़ प्रभावित जिलों में फसल खराबे का आंकलन कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाने वाले किसानों को तत्काल राशि जारी करने के निर्देश मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा दिए गए थे।

डॉ. सैनी ने बताया कि पाली वा जालोर जिले के लिए 42 करोड़ रूपये, सिरोही के लिए 3 करोड़ 13 लाख रूपये और बाड़मेर जिले के लिए 60 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई है। इससे इन चारों जिलों के 1580 गांवों के किसानों को लाभ होगा।

चालू खरीफ मौसम में इन चारों जिलों में 14 लाख 93 हजार हेक्टेयर में फसलों का बीमा किया गया था। जिसके तहत पाली व जालोर में एआईसी, सिरोही में यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी व बाड़मेर में बजाज एलाइंज कम्पनी द्वारा कुल 10 लाख 62 हजार बीमा पॉलिसी जारी की गई थी। 

किसानों द्वारा इसके लिए 27 करोड़ 35 लाख रूपये का प्रीमियम जमा करवाया गया था। इन चारों जिलों में 22 से 30 जुलाई के बीच हुई अतिवृष्टि के कारण जल भराव से फसलों में खराबा हुआ था, जिससे इन जिलों में 1580 गांव प्रभावित हुए थे।

किसानों को राहत देने के उद्देश्य से चारों जिलों के जिला कलक्टर द्वारा कृषि, राजस्व व सम्बंधित बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों की टीम बनाकर सर्वे करवाया गया था। सैनी ने बताया कि विस्तृत  आंकलन के बाद मुआवजे की कुल राशि का निर्धारण कर उसका भुगतान किया जाएगा। जिसमें तत्काल भुगतान की जा रही राशि का समायोजन कर लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के इस प्रावधान को क्रियान्वित करने में राजस्थान ने सबसे पहली कार्रवाई की है। इन जिलों के किसानों को बीमित राशि की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान किसानों के खातों में शीघ्र जमा करने के निर्देश इन जिलों में फसल बीमा करने वाली तीनों कम्पनियों को दिए गए हैं। 

एक एकड़ तक कृषि भूमि पर स्वतः भूमि उपयोग संपरिवर्तन

  • भूमि उपयोग संपरिवर्तन प्रमाण पत्र के आधार पर लघु उद्योगों को मिलेगा आसानी से ऋण

  • तहसीलदार को भूमि के उपयोग करने संबंधी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया है

जयपुर। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने बताया है कि अब खातेदारों को एक एकड़ कृषि भूमि तक सूक्ष्म, लघु उद्योग इकाई या कजावा (अस्थाई ईंट भट्टा) आदि लगाने के लिए स्वतः भूमि उपयोग संपरिवर्तन प्रमाण पत्र के आधार पर वित्तदायी संस्थाओं से ऋण मिल सकेगा।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में नियमों को आसान बनाते हुए राजस्व ग्रुप 6 विभाग द्वारा सभी जिला कलक्टरों के नाम परिपत्र जारी कर तहसीलदारों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत कर दिया है।

 उद्योग मंत्री ने बताया कि राजस्थान भू राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृृषि भूमि का अकृृषि प्रयोजन हेतु संपरिवर्तन) नियम 2007 के नियम 5 के अनुसार खातेदार 500 वर्गमीटर तक क्षेत्र में निवास गृह, पशु शाला या भण्डार गृह का निर्माण बिना कोई संपरिवर्तन प्रभार के खातेदारी हक रखते हुए संपरिवर्तन करा सकते हैं।

इसी तरह से एक एकड़ तक कृृषि भूमि पर सूक्ष्म या लघु उद्योग इकाई, कजावा (छोटा ईंट भट्टा) लगाने या संस्थानिक, चिकित्सा सुविधा या लोकोपयोगी प्रयोजन हेतु उपयोग करने का प्रावधान होने के बावजूद संपरिवर्तन या प्रमाण पत्र के अभाव में वितदायी संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने में असुविधा हो रही थी।

उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार अब तहसीलदार को राजस्थान भू राजस्व नियम 2007 के नियम 5 या 6 में वर्णित उददेश्यों के लिए भूमि के उपयोग करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इससे खातेदार की उपयोग में लाई जाने वाली भूमि का खातेदारी अधिकारी भी बना रहेगा और नियम 5 या 6 के अनुसार सूक्ष्म-लघु उद्योग लगाने के लिए बैंकों से संपरिवर्तन प्रमाण पत्र के आधार पर ऋण सुविधा भी मिल सकेगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 17 सितंबर को एमएसएमई दिवस पर इस साल को एमएसएमई वर्ष घोषित करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी।

उद्योग आयुक्त व सचिव सीएसआर  कुंजी लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की घोषणा के क्रम में एमएसएमई पखवाड़े के आयोजन कर सीधा संवाद व नवाचार किए गए हैं वहीं घोषणाओं का क्रियान्वयन भी होने लगा है।  उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग का यह आदेश भी मुख्यमंत्री द्वारा एमएसएमई इकाइयों के लिए नियमों के सरलीकरण के निर्देशों के क्रम में जारी किया गया है।

मीणा ने बताया कि इससे पहले भामाशाह रोजगार सृृजन योजना में ब्याज अनुदान 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया हैं और प्रधानमंत्री रोजगार गांरटी सृजन कार्यक्रम में लक्ष्यों को दोगुणा से भी अधिक बढ़ाते हुए अब प्रदेश में 6187 परियोजनाओं के लिए ऋण वितरित कर 122 करोड़ रुपए से अधिक का मार्जिन मनी अनुदान दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इससे पहले इस वर्ष जिला उद्योग केन्द्रों, राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड और खादी और ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से 2475 परियोजनाओं के लिए ऋण वितरण और 49 करोड़ रु. अनुदान ही मार्जिन मनी के रुप में उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित था।

टाटा मोटर्स वाणिज्यिक वाहनों में ईएससी लगाने वाली पहली ओईएम बनी

कोटा। अग्रणी वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माता टाटा मोटर्स लिमिटेड ने प्राइमा और सिग्ना रेंज के ट्रकों के लिए नई सुरक्षा प्रौद्योगिकी -इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल को आज प्रदर्शित किया। कंपनी ने ट्रकों और बसों के लिए ऑटोमैटिक ट्रैक्शन कंट्रोल (एटीसी) और हिल स्टार्ट ऐड (एचएसए) सुरक्षा टैक्नोलॉजी की भी पेशकश की। जिसकी मदद से वाहन की स्थिरता और सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलती है और ट्रकों एवं बसों की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

डब्ल्यूएबीसीओ इंडिया के साथ साझेदारी में विकसित ये टैक्नोलॉजिज ग्राहकों को संपूर्ण मूल्य की आपूर्ति करते हैं। येे टैक्नोलॉजिज वाहन को स्थिरता प्रदान करने, दुर्घटना जोखिम व मरम्मत लागत घटाने तथा वाहन के अपटाइम में सुधार लाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वाणिज्यिक वाहनों की सड़क पर सुरक्षा और दक्षता में सुधार होता है।

इस पहले प्रयास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टाटा मोटर्स लि. के हेड-कॉमर्शियल व्हीकल्स, गिरीश वाघ ने कहा, ”टाटा मोटर्स हमेशा से ही टैक्नोलॉजी इनोवेशन में और सुरक्षा आगे रही है। अपने सभी मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों में इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल सुरक्षा टैक्नोलॉजी लगाने के मामले में हम भारत की पहली ओईएम हैं।

टाटा मोटर्स लि. के वाइस प्र्रेसिडेंट एवं हेड इंजीनियरिंग (सीवीबीयू) डॉ. ए. के. जिंदल ने कहा, ”टाटा मोटर्स में इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल (ईएससी) फंक्शन में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) जोड़ा गया है, जिसे भारत सरकार के सेंट्रल मोटर्स व्हीकल रूल्स के नियमों के अनुपालन के तहत् पेश किया गया है और इसे 12 टन जीवीडब्ल्यू से अधिक मालवहन वाले सभी वाहनों के लिए लागू किया गया है।

एबीएस सड़क की विभिन्न स्थितियों में वाहन की सुरक्षा बढ़ाता है, वहीं ईएससी सुरक्षा को अगले स्तर पर ले जाता है और विभिन्न हैंडलिंग परिस्थितियों में मांग के अनुरूप सुरक्षा प्रदान कर दुर्घटनाओं की संभावना को रोकने या उसे न्यूनतम करने में मदद मिलती है।

मारुति लाएगी सेलेरियो का फेसलिफ्ट मॉडल

नई दिल्ली। मारुति सुजुकी सेलेरियो के नये वैरियंट पर पिछले कई महीनों से काम कर रही थी और अब इसका नया मॉडल स्पॉट किया गया है। इसका प्रॉडक्शन मॉडल तैयार है। इसे भारत में एक मारुति सुजुकी डीलरशिप पर देखा गया है।

मारुति सेलेरियो के इस फेसलिफ्ट मॉडल का नाम मारुति सुजुकी सेलेरियो एक्स(CELERIO CROSS) होगा। इस हैचबैक में क्रॉसओवर की तरह क्लैडिंग दी गई है। 2017 Maruti Suzuki Celerio X में 3 सिलिंडर 998 सीसी पेट्रोल मोटर दिया गया है।

भारत में सेलेरियो को डीजल इंजन के साथ भी पहले बेचा जाता था लेकिन इसे हाल ही बंद कर दिया गया है। Maruti Suzuki डीलरशिप्स पर सेलेरियो एक्स की बुकिंग्स शुरू हो चुकी हैं। इसे आप 10,000 रुपये का टोकन अमाउंट देकर बुक कर सकते हैं। 2017 Maruti Suzuki Celerio X इस महीने के अंत तक भारत में बिकना शुरू हो सकती है।

2017 Maruti Suzuki Celerio X की बॉडी में क्लैडिंग की गई है। इसके ग्रिल को मैटे फिनिश दिया गया है और यह 6 स्पोक अलॉय वील्ज से लैस है। इसके ग्राउंड क्लीयरेंस में रेग्युलर मॉडल के मुकाबले 20mm इजाफा किया गया है। मारुति ने इसमें 69PS पावर जेनरेट करने में सक्षम 1.0-litre पेट्रोल इंजन दिया है।

रेग्युलर Celerio मॉडल के मुकाबले नये वैरियंट की कीमत 40,000 हजार रुपये अधिक हो सकती है। इसमें एबीएस यानी ऐंटी ब्रेकिंग सिस्टम और ड्यूल एयरबैग्स भी स्टैंडर्ड फीचर्स के तौर पर दिए जाएंगे। 2014 में लॉन्च होने के बाद से सेलेरियो मारुति के लिए अच्छी साबित हुई है। हालांकि, कार में अपडेट्स नहीं होने की वजह से इसकी बिक्री हाल ही गिरी है।

महिंद्रा का XUV500 एसयूवी का नया वैरियंट लॉन्च

नई दिल्ली। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा लिमिटेड ने अपनी पॉप्युलर एसयूवी, XUV500 का नया W9 वैरियंट भारत में लॉन्च कर दिया है। इसकी नई दिल्ली में एक्स शोरूम कीमत 15.45 लाख रुपए रखी गई है। इसमें W10 वैरियंट से महिंद्रा ने कई फीचर्स लिए हैं।

Mahindra XUV500 W9 वैरियंट में कंपनी ने इलेक्ट्रिक सनरूफ, रिवर्स कैमरा विद डायनैमिक असिस्ट, 7 इंच टच स्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, इकोसेंस टेक्नॉलजी, ऐंड्रॉयड आॅटो, इमर्जेंसी कॉल, ड्यूल एयरबैग्स आदि फीचर्स दिए गए हैं।

Mahindra XUV500 W9 मैनुअल और आॅटोमैटिक, दोनों ट्रांसमिशन आॅप्शंस में अवेलेबल है। इसका मुख्य कॉम्पिटीशन हाल ही लॉन्च हुई जीप कम्पस एसयूवी से होना है। इसके अलावा इस एसयूवी का Hyundai Creta, Tata Hexa और लॉन्च होने वाली रेना Renault Captur से भी है।  रेनॉ कैप्टर 14 से 18 लाख रुपये की प्राइस रेंज में लॉन्च हो सकती है।

महिंद्रा की यह एसयूवी 2.2 लीटर मोटर के साथ आती है। यह इंजन 3,750 आरपीएम पर 140 पीएस का पावर और 1,600 से 2,800 आरपीएम पर 330 न्यूटन मीटर का अधिकतम टॉर्क जेनरेट करता है। महिंद्रा XUV 500 में 5 स्पीड मैनुअलस और 6 स्पीड आॅटोमैटिक ट्रांसमिशन में से किसी एक को चुनने का आॅप्शन भी है।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का शुभारम्भ

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10 अक्टूबर को “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” की सिल्वर जुबली मनाई जाएगी

कोटा | विश्व मानसिक स्वास्थ्य संगठन के आह्वान पर विश्व भर में 4 से 10 अक्टूबर तक मनाया जाता है तथा 10 अक्टूबर “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” की सिल्वर जुबली मनाई जा रही है। 

डॉ. एमएल अग्रवाल मनोचिकित्सक

मानसिक स्वास्थ्य संगठन के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल एवं सीईओ सर आर सी हंटर द्वारा 1992 में आह्वान किया कि मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह एवं दिवस सारे विश्व में एकरूपता से मनाया जाना चाहिए। ताकि अच्छे परिणाम आएं तथा सामाजिक अभिशाप में कमी आए जिससे कि मानसिक रोगों की वजह से होने वाले नुकसान से मरीज़ तथा तीमारदार बच सकें प्रति वर्ष इस हेतु एक थीम दिया जाता है।

उसी को दृष्टिगत रखते हुए मेन्टल हेल्थ प्रोमोशन मेटेरियल विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जाता है जो कि विश्व स्तर पर वेबसाइट और अन्य माध्यमों से जन जन तक अनेक भाषाओँ में पहुँचाया जाता है।

प्रेस समन्वयक सुधीन्द्र गौड़ ने बताया कि हिंदी भाषा में डॉ एम् एल अग्रवाल विगत नौ वर्षों से लगातार निशुल्क रूपांतरण कर रहे है जो www.wfmh.global साइट पर उपलब्ध है। इस वर्ष का थीम “MENTAL HEALTH IN THE WORK PLACE ” “मानसिक स्वास्थ्य कार्य स्थल पर” है।

इस सन्दर्भ में कोटा शहर में मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का शुभारम्भ 4 अक्टूबर को भाटिया एंड कंपनी के स्टाफ तथा कर्मचारियों के साथ संगोष्ठी का आयोजन तनाव/अवसाद के कारण और निवारण विषय पर किया गया। सप्ताह पर्यन्त विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रकार के आयोजन किये जाएंगे।