भारतीय किसान संघ कल जयपुर सचिवालय का करेगा घेराव, कोटा से भी जाएंगे किसान

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सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद की तुरंत घोषणा करे सरकार

कोटा। भारतीय किसान संघ विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को सचिवालय का घेराव करेगा। प्रान्त अध्यक्ष शंकरलाल नागर ने कहा कि चित्तौड़ प्रान्त के सभी 16 जिलों से बड़ी संख्या में किसान सम्मिलित होंगे। उन्होंने बताया कि चित्तौड़ प्रांत की सभी तहसीलों के कार्यकर्ता सुबह 5 बजे जयपुर के लिए रवाना होंगे।

सम्भाग अध्यक्ष गिरिराज चौधरी ने बताया कि जब से राजस्थान सरकार बनी तब से भारतीय किसान संघ द्वारा किसानों की समस्याओं को लेकर बार- बार ज्ञापन, धरना, महापडाव वार्ता के माध्यम से सरकार को विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है। लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते किसानों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

कोटा जिलाध्यक्ष जगदीश कलमंडा एवं झालावाड़ जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर ने बताया कि सरकार से लगातार समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद शुरू करने, दूध खरीद का बकाया अनुदान जारी करने, कृषि विद्युत संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा की जा रही है, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल रहा है।

समर्थन मूल्य पर हो खरीद
जिला मंत्री रूपनारायण यादव तथा कार्यालय मंत्री महावीर नागर ने कहा कि प्रदेश में खरीफ सीजन की फसलों की कटाई आरम्भ हो गई है। किसान फसलों को मंडियों में बेचने के लिए लाने लगे है। सितम्बर व अक्टूबर माह में 70 प्रतिशत मूंग व अक्टूबर माह में 60 प्रतिशत सोयाबीन मंडियों में आ जाता है। इस सीजन में सोयाबीन व मूंग 500 रुपए से 3500 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहे हैं। समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को नुकसान हो रहा है। सोयाबीन व मूंग की 15 अक्टूबर से खरीद शुरू करने के लिए अधिसूचना जारी करवाई जानी चाहिए। भारतीय किसान संघ ने कहा कि दुग्ध उत्पादक किसानों का मुख्यमंत्री दुग्ध सम्बल योजना के तहत अनुदान दिसम्बर माह से बकाया है। कृषि सिंचाई के लिए विद्युत आपूर्ति में बहुत अधिक समस्याएं आ रही हैं।

यह है किसानों की मांगें

    1. सोयाबीन व मूंग का तत्काल समर्थन मूल्य पर खरीद का कार्यक्रम घोषित किया जाकर 15 अक्टूबर से खरीद शुरू करने हेतु अधिसूचना करवाई जावें।
    2. समर्थन मूल्य पर खरीद में मात्रात्मक प्रतिबंध खत्म किया जाकर, गिरदावरी रिपोर्ट में दर्ज बुवाई रकबे अनुसार ही समर्थन मूल्य पर खरीद आरम्भ की जावे।
    3. एक जनआधार पर किसी एक के बजाय उसमे शामिल सभी खातेदारों से समर्थन मूल्य पर फसल खरीद हेतु पंजीयन की अनुमति देकर फसल की खरीद सुनिश्चित की जावें।
    4. पीएम आशा योजना के तहत तिलहन फसलों पर भावन्तर भुगतान का प्रावधान है अतः इस खरीफ सीजन में सोयाबीन में लागू किया जावें।
    5. सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपये किंवटल है, जबकि पैदावार लागत इससे अधिक आती है। अतः 1108 रुपये प्रति किंवटल बोनस की घोषणा कर 6000 रुपये प्रति किंवटल से सरकारी खरीद करवाई जावें।
    6. मूंगफली, उड़द, बाजरा, धान, मक्का व कपास की खरीद का भी कार्यक्रम घोषित कर किसानों के पंजीयन आरम्भ कर खरीद शुरू करवाई जावें।
    7. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मौजूदा करार को खत्म करके किसान प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए विशेषज्ञ कमेटी बनाकर योजना की अधिसूचना पुनः जारी करवाई जायें।
    8. विभिन्न जिलों में खरीफ 2023 सीजन के फसल बीमा क्लेम पर आपत्तियों लगाई गई है जिसका जिला स्तरीय कमेटियां में आपत्तियों को निरस्त कर दिया गया। जो अभी स्टेट कमेटी में लंबित है बीमा कंपनियों की आपत्तियां निरस्त करवाकर किसानों को बीमा क्लेम दिलवाया जावें।
    9. मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना का 5 रुपये प्रति लीटर का दिसम्बर माह से बंद अनुदान योजना को शुरू कर बकाया भुगतान जारी करवाया जावें।
    10. रबी सीजन की फसलों हेतु DAP की कमी का सामना करना पड़ रहा है, पर्याप्त खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जावें।
    11. किसानों को विद्युत आपूर्ति सुचारू करने हेतु राजस्थान प्रसारण निगम की ओर से 220, 132 केवी विद्युतजीएसएस पर स्वीकृत पाँवर ट्रांसफार्मर शीघ्र लगवाए जाकर स्वीकृत 132 व 220 केवी जीएसएस का निर्माण करवाया जाए ।
    12. मांग पत्र जमा करवा चुके किसानों को रबी सीजन की फसल बुवाई हेतु तत्काल कृषि कनेक्शन जारी किए जावें।
    13. लंबित सभी कृषि कनेक्शन आवेदनों का निस्तारण कर मांगते ही किसानों को कृषि कनेक्शन जारी किए जावें।
    14. फसल प्रसंस्करण प्रोत्साहन योजना को शीघ्र बना कर लागू की जावें। इसमें बड़ी इकाइयों की तर्ज पर छोटी इकाइयों को भी अधिकतम अनुदान उपलब्ध करवाया जावें।
    15. किसानों से अप्रत्यक्ष रूप से वसूले जा रहे किसान कल्याण शुल्क को पूरी तरह खत्म कर मंडी टैक्स को कम किया जावें।
    16. किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर लगे विभिन्न मुकदमों को वापस लिया जावें