कोटा मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर खोलने की अनुमति

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कोटा। अंगदान की बंद सांसों को अब जीवनदान मिल सकेगा। लम्बे इंतजार के बाद राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज कोटा में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। अनुमति के बाद अब कोटा में ब्रेन डेड मरीज के लीवर, कॉर्निया, हार्ट, किडनी व अन्य ऑर्गन निकाले जा सकेंगे। उन्हें ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से जयपुर या अन्य जगहों पर जरूरतमंद मरीजों के लिए भेज सकेंगे।

कोटा में करीब 6 साल से ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर खोलने की मांग उठ रही थी। मेडिकल कॉलेज में ब्रेन डेड कमेटी भी बनी हुई थी। कॉलेज प्रशासन की अनदेखी के चलते 5 साल तक फाइल बंद पड़ी थी। पिछले साल ब्रेन डेड मरीज के अंगदान की कोशिश कागजी कार्रवाई में फं सने के बाद इसकी जरूरत ज्यादा महसूस होने लगी।

जयपुर से आई थी टीम
कुछ महीने पहले ही जयपुर से आई टीम ने नए अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं व सुविधाओं का जायजा लिया। टीम की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने आंख व कॉर्निया पुनप्र्राप्ति के अलावा अंग ऊतक प्रदर्शन के लिए कोटा मेडिकल कॉलेज को पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान किया है। पंजीकरण का यह प्रमाण पत्र जारी करने की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए वैध है। कोटा में ब्रेन डेड कमेटी किसी भी केस को फ़ाइनल करने के बाद अस्पताल में अंग को निकाल सकेंगे।

मेडिकल कॉलेज कोटा के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना बताया कि रिट्राइवल सेंटर खोलने की अनुमति मिल चुकी है। इससे कोटा में अंग लिए जा सकेंगे। नए अस्पताल में पूरी व्यवस्था है। किडनी ट्रांसप्लांट विंग का काम भी चल रहा है। इससे अंगदान की कोशिशों को बढ़ावा मिल सकेगा। कोटा में सर्जन के साथ-साथ परम विशेषज्ञ चिकिसक भी हैं।