राजस्थान में कोरोना वैक्सीन के दावे का सच क्या है, केंद्र व गहलोत सरकार आमने-सामने

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जयपुर। कोरोना वैक्सीन के टीकों की आपूर्ती को लेकर कांग्रेस शासित प्रदेशों की सरकारें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पर भेदभाव का आरोप लगा रही हैं। इसी बीच राजस्थान में कोरोना वायरस टीकाकरण के लिए पर्याप्त मात्रा में टीके नहीं मिलने के कारण प्राथमिक एवं साामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहली खुराक लगाने का काम मंगलवार को रोक देना पड़ा और टीकों की आपूर्ति को लेकर राज्य सरकार एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आमने सामने आ गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रालय के आंकड़ों को गलत बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से अपील की है कि राज्य को पर्याप्त मात्रा में टीके जल्द से जल्द उपलब्ध कराये जाएं।

गहलोत ने कहा है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पर्याप्त मात्रा में टीके नहीं मिलने के कारण मंगलवार से राज्य में प्राथमिक पीएचसी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीएचसी के स्तर पर चल रहे केंद्रों पर टीकाकरण की पहली खुराक देने का कार्य बंद करना पड़ा है। गहलोत ने कहा कि टीकाकरण में राजस्थान अब तक देश में सबसे आगे रहने वाला राज्य है, यहां टीकों की उपलब्धता में कमी से न केवल टीकाकरण अभियान की गति पर विपरीत असर पडे़गा बल्कि राज्य के नागरिकों और कोरोना योद्धाओं का उत्साह भी कमजोर होगा।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सूचना में राजस्थान को 37.61 लाख टीके मिलने एव सोमवार तक 24.28 लाख टीके ही लगाए जाने के आंकड़े को पूरी तरह गलत बताते हुए गहलोत ने एक बयान में कहा कि राजस्थान को आठ मार्च तक 31 लाख 45340 टीके ही मिले जिसमें से भी दो लाख 15180 टीके सेना को उपलब्ध करवाये गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता क्रम के अनुसार अन्य लोगों को लगाने के लिए 29 लाख 30160 टीके उपलब्ध हुए और आठ मार्च तक 23 लाख 26975 टीके लगाए जा चुके हैं। राज्य में एक लाख 62888 टीके खराब हुए जो केन्द्र सरकार द्वारा अनुमत सीमा 10 प्रतिशत से कम है। इस प्रकार राज्य में आठ मार्च को 4 लाख 40 297 टीके ही उपलब्ध थे।

गहलोत ने बताया कि राज्य में प्रतिदिन दो लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। ऐसे में आठ मार्च को सिर्फ दो दिन का टीकाकरण के लिए ही टीके उपलब्ध थे इसलिए राज्य सरकार ने केन्द्र से अतिरिक्त टीके भेजने की मांग की। इसके बाद राज्य को नौ मार्च को 85 हजार टीके मिले। तीसरे चरण में देश का लगभग 22 प्रतिशत टीकाकरण राजस्थान में ही किया जा रहा है। यहां पर सरकार और आमजन दोनों ही वैक्सीन को लेकर उत्साहित हैं।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से अपील की कि वे केन्द्र सरकार के अधिकारियों को राज्य के लिए आवश्यकतानुसार टीके जल्द उपलब्ध करवाने और इस विषय पर राजस्थान के बारे में गलत जानकारी ना देने के लिए निर्देश दें। उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राजस्थान में टीके की कमी संबंधी खबरों को खारिज करते हुए कहा था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीके की उपलब्धता की लगातार निगरानी की जा रही है और जरूरत तथा इस्तेमाल के आधार पर खुराकें मुहैया करायी जा रही हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ऐसी कुछ खबरें आयी हैं कि राजस्थान में कोविड-19 टीके की आपूर्ति घट गयी है।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि फिलहाल किसी भी राज्य में कोविड-19 टीके की कमी नहीं है। राजस्थान को 37.61 लाख खुराकों की आपूर्ति की गयी है और सोमवार रात तक केवल 24.28 लाख खुराकें लोगों को दी गयी हैं।’’