नई दिल्ली। अगर आप सोशल यूज करते हैं और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर फ़िल्में और शोज देखने के शौक़ीन हैं तो यह खबर पढ़ना आपके लिए बहुत जरूरी है। दरअसल केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म से जुड़े नए नियम कानूनों को कल से लागू कर दिया है। नई गाइडलाइंस के दायरे में फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और नेटफ्लिकस, ऐमजॉन प्राइम, हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आएंगे। नए रूल्स के तहत फिल्मों की तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म के वेब शोज और फिल्मों की ग्रेडिंग होगी। ओटीटी कंटेंट की ग्रेडिंग 6 कैटेगरी में की गई है ।
कैटेगरी इस तरह हैं:
- U: यानी यूनिवर्सल मतलब सभी के लिए
- U/A: सामान्य दर्शकों के लिए
- U/A 7+: यानी 7 साल से अधिक उम्र के लिए,
- U/A 13+: यानी 13 साल से अधिक उम्र के लिए,
- U/A 16+: यानी 16 साल से अधिक उम्र के लिए
- A: यानी एडल्ट्स के लिए
इसका मतलब यह है कि अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कई तरह के फिल्टर होंगे। जिसकोअलग-अलग उम्र के लोग अपनी ऐज के हिसाब से एक्सेस कर पाएंगे।
सरकार से लेनी होगी इजाजत
सरकार की तरफ से वेब शोज के निर्माताओं के लिए कुछ नियम जारी किये गये है, जिसके तहते निर्माताओं को फिल्म और वेब शोज के लिए सरकार से इजाजत लेनी होगी। इसके बाद ही उनको ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि अगर आप 18 साल से कम हैं, तो एडल्ट कंटेंट A कैटेगरी के वेब शोज और फिल्मों को एक्सेस नहीं कर पाएंगे।
आपत्तिजनक कंटेंट हटाने के लिए मिलेगा 36 घटें तक का समय
अब नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अधिकारियों द्वारा आपत्ति किए जाने पर उस विषयवस्तु को 36 घंटे के भीतर हटाना होगा। इसमें विषयवस्तु कोर्ट या फिर सरकार के लिए आपत्तिजनक हो सकती है। इतनी ही नहीं अश्लील सामग्री के लिए यह समय 34 घंटे है।
OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए ये हैं नई गाइडलाइंस?
OTT और डिजिटल न्यूज मीडिया को अपने बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है। दोनों को ग्रीवांस रीड्रेसल सिस्टम लागू करना होगा। अगर गलती पाई गई तो खुद से रेगुलेट करना होगा। OTT प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई नामी हस्ती हेड करेगी। सेंसर बोर्ड की तरह OTT पर भी उम्र के हिसाब से सर्टिफिकेशन की व्यवस्था हो। एथिक्स कोड टीवी, सिनेमा जैसा ही रहेगा।
OTT का मतलब क्या है?
ओवर-द-टॉप (OTT) एक पारंपरिक केबल या प्रसारण प्रदाता के बजाय इंटरनेट पर सामग्री के वितरण को संदर्भित करता है। OTT पहले से मौजूद इंटरनेट कनेक्शन के शीर्ष पर सवारी करता है। OTT सेवाओं के कुछ उदाहरण हैं नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन प्राइम आदि।