राज्यसभा में कृषि बिल पर विपक्ष का हंगामा, उप-सभापति का माइक टूटा

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नई दिल्ली। राज्यसभा में कृषि बिल 2020 पर (Agriculture Bill 2020) चर्चा के दौरान सदन में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी पार्टियों के नेता वेल पर आकर नारेबाजी की और उप-सभापति के पास कागज के पुर्जे उछाले। इस दौरान उप-सभापति के पास मौजूद मार्शलों ने उनको रोका तो हल्की झड़प हो गई। झड़प के दौरान ही उपसभापति के सामने वाला माइक भी टूट गया।

संसद के ऊपरी सदन में बिल पेश होने पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियों ने विरोध किया। वाईएसआर कांग्रेस ने बिल का खुलकर समर्थन किया। पार्टी के सांसद वी. विजयसाई रेड्डी ने विरोध को ‘बेतुका’ बताते हुए कांग्रेस की जमकर आलोचना की। उन्‍होंने कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र लहराते हुए कहा कि यह पार्टी किसान हित के नाम पर ‘पाखंड’ कर रही है। रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने भी यही वादे घोषणापत्र में किए थे जिन्‍हें इस बिल में रखा गया है।

रेड्डी की टिप्‍पणी से भड़के कांग्रेसी
अपने भाषण के दौरान रेड्डी ने कांग्रेस के लिए कुछ ऐसे शब्‍दों का प्रयोग किया कि कांग्रेसी आगबबूला हो गए। सदन में हंगामा मच गया। हालांकि पीठासीन डॉ एल हनुमंतय्या ने उन शब्‍दों को सदन की कार्यवाही से निकालने का निर्देश दिया। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने रेड्डी से माफी मांगने को कहा। जब शोर फिर भी नहीं थमा तो चेयर से केवल सांसद के भाषण को दर्ज करने का आदेश हुआ।

बिल पर बहस नहीं करना चाहती सरकार
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने राज्यसभा में कहा कि सरकार बिल पर बहस नहीं करना चाहती है। वो जल्द से जल्द सिर्फ बिल पास कराना चाहती है। बिल लाने के पहले विपक्ष के नेताओं से बात करनी चाहिए थी। सरकार ने भारतीय मजदूर संघ तक से परामर्श नहीं किया।

सलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग
किसान बिल पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का विरोध करती है और इसे सलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग करती है। आपने कहा था कि किसानों की आय 2022 तक डबल हो जाएगी। पर अभी वर्तमान में जो रेट चल रहा है उसके हिसाब से किसान की आय 2028 तक डबल नहीं हो सकती। मैं भी बड़ी बातें कर सकता हूं।

कांग्रेस के विरोध पर भाजपा का जवाब
कांग्रेस की बातों का जवाब देते हुए बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि दुनिया आगे बढ़ गई है लेकिन कांग्रेस के भाषण आज भी 70 के दशक वाले हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि आप जब सत्ता में थे, तब ग्रामीणों की आय कम क्यों थी… आप इन विधेयकों का विरोध क्यों कर रहे हैं? ये बिल किसानों के हित में हैं और उनके जीवन में बदलाव लाने वाला है। इस बिल को इस सदन से भी पास किया जाना चाहिए।

किसानों के लिए डेथ वारंट
राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि ये जो बिल हैं उन्हें कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से रिजेक्ट करती है। ये बिल हिंदुस्तान और विशेष तौर से पंजाब, हरियाणा और वेस्टर्न यूपी के जमींदारों के खिलाफ है। हम किसानों के इन डेथ वारंटों पर साइन करने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं हैं।